Lucknow : आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जयलता ने बदली प्रवासी मजदूर परिवारों की जिंदगी
जयलता ने आंगनवाड़ी केंद्र को बच्चों के लिए आकर्षक बनाया। उन्होंने खेल-खेल में सीखने की गतिविधियां शुरू कीं। कहानियां सुनाना, गीत-संगीत और स्थानीय साध
ग्रेटर नोएडा का तिलपता क्षेत्र प्रवासी मजदूर परिवारों का प्रमुख ठिकाना है। यहां माता-पिता रोजगार की तलाश में सुबह से शाम तक मेहनत-मजदूरी करते हैं। इस व्यस्तता में बच्चों की परवरिश, पोषण, टीकाकरण और शुरुआती शिक्षा पीछे छूट जाती थी। इस वजह से कई बच्चे आंगनवाड़ी केंद्रों से वंचित रहते और स्कूल में दाखिला लेने पर दूसरों से पीछे रह जाते।
इस समस्या को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जयलता (42 वर्ष) ने गंभीरता से लिया। उन्होंने न सिर्फ इसे समझा, बल्कि हल करने के लिए कदम भी उठाए। जयलता ने प्रवासी परिवारों तक पहुंचने का फैसला किया। वे घर-घर जाकर माता-पिता से बात करतीं और समझातीं कि बच्चों का स्वास्थ्य और शिक्षा उनके भविष्य की नींव है। उन्होंने बताया कि शुरुआती शिक्षा बच्चों के जीवन की दिशा तय करती है।
जयलता ने आंगनवाड़ी केंद्र को बच्चों के लिए आकर्षक बनाया। उन्होंने खेल-खेल में सीखने की गतिविधियां शुरू कीं। कहानियां सुनाना, गीत-संगीत और स्थानीय साधनों से बनी शैक्षिक सामग्री का उपयोग किया। इससे बच्चे केंद्र से जुड़ने लगे।
उनके प्रयासों का असर जल्द दिखा। हर साल 20-25 प्रवासी परिवारों के बच्चे आंगनवाड़ी केंद्र से जुड़े। बच्चों की नियमित उपस्थिति बढ़ी और उनमें आत्मविश्वास आया। माता-पिता अब बच्चों के पोषण, टीकाकरण और शिक्षा के प्रति जागरूक हैं। कई बच्चे पास के स्कूलों में दाखिल होकर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। समुदाय में आंगनवाड़ी केंद्र और कार्यकर्ता पर भरोसा बढ़ा है।
प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास लीना जौहरी ने जयलता के प्रयासों की सराहना की। तिलपता का आंगनवाड़ी केंद्र अब सिर्फ शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि समुदाय के लिए विश्वास और प्रगति का प्रतीक है। जयलता ने साबित किया कि सच्ची नीयत और लगातार प्रयास से वंचित समुदाय में भी सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
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