Lucknow : योगी कैबिनेट के बड़े फैसले- अयोध्या में विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय, निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन, दिव्यांगों और खिलाड़ियों के लिए नई सुविधाएँ
अयोध्या में टाटा ग्रुप के सामाजिक सहयोग से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय बनेगा। इसके लिए अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में करीब 52 एकड़ सरकारी जमीन पर्यटन विभाग को मुफ्त दी जाएगी। संग्रहालय का
उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने राज्य के विकास, स्वास्थ्य, खेल, पर्यटन, उद्योग और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इन फैसलों से लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। अयोध्या में टाटा ग्रुप के सामाजिक सहयोग से विश्वस्तरीय मंदिर संग्रहालय बनेगा। इसके लिए अयोध्या के मांझा जमथरा गांव में करीब 52 एकड़ सरकारी जमीन पर्यटन विभाग को मुफ्त दी जाएगी। संग्रहालय का निर्माण और संचालन टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड अपने सामाजिक उत्तरदायित्व कोष से करेगा। यह संग्रहालय भारतीय मंदिर कला, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपरा को दुनिया के सामने लाएगा। इसमें भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि भी रहेंगे। अयोध्या में रोजाना दो से चार लाख श्रद्धालु आ रहे हैं। इस संग्रहालय से युवा, विदेशी पर्यटक और सांस्कृतिक रुचि रखने वाले लोग और अधिक आकर्षित होंगे। इससे रोजगार बढ़ेगा और सरकार को राजस्व भी मिलेगा।
खेल के क्षेत्र में दो बड़े फैसले हुए। सरकारी नौकरी कर रहे अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को अब राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता, प्रशिक्षण शिविर या यात्रा के दौरान पूरा समय ड्यूटी माना जाएगा। इससे उन्हें अनुमति लेने में आसानी होगी और खेल पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। दूसरा, वाराणसी के डॉ. सम्पूर्णानन्द स्पोर्ट्स स्टेडियम का संचालन और रखरखाव अब भारतीय खेल प्राधिकरण करेगा। यहां राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र बनेगा, जिससे युवा खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी का मौका मिलेगा।
बागपत जिले में अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग और आरोग्य केंद्र बनेगा। इसके लिए करीब 73 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध कराई जा रही है। यह केंद्र निजी-सार्वजनिक भागीदारी से बनेगा। दुनिया में योग और स्वास्थ्य पर्यटन तेजी से बढ़ रहा है। इस केंद्र से विदेशी और भारतीय पर्यटक आकर्षित होंगे और राज्य में स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए निजी अस्पतालों को प्रोत्साहन देने वाली नई नीति को मंजूरी मिली। अब बड़े शहरों में 200 बेड और अन्य जिलों में 100 बेड वाले अस्पताल बनाने पर स्टांप ड्यूटी में छूट और जमीन पर सब्सिडी मिलेगी। इन अस्पतालों को सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि गरीब मरीजों को भी अच्छा इलाज सस्ते में मिल सके।
कानपुर में जार्जिना मैकाबर्ट मेमोरियल हॉस्पिटल की 45 हजार वर्ग मीटर जमीन को कानपुर विकास प्राधिकरण को मुफ्त दी जाएगी। यहां बहु-विशेषज्ञता वाला आधुनिक अस्पताल बनेगा। यह फैसला उच्च न्यायालय के आदेश पर किया गया है।
दिव्यांगजनों के लिए हर मंडल मुख्यालय पर जिला दिव्यांग पुनर्वास केंद्र खोला जाएगा। पहले केवल कुछ जिलों में ही ऐसे केंद्र थे। अब राज्य सरकार अपने संसाधनों से सभी 18 मंडलों में ये केंद्र चलाएगी। इन केंद्रों में कृत्रिम अंग, सहायक उपकरण, फिजियोथेरेपी, स्पीच थेरेपी और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की सुविधा मिलेगी।
पेयजल योजनाओं में कानपुर और बरेली को बड़ी राशि मंजूर हुई। कानपुर के पूर्वी और दक्षिणी क्षेत्र में पाइपलाइन विस्तार के लिए 316 करोड़ 78 लाख रुपये और बरेली में पेयजल व्यवस्था सुधारने के पहले चरण के लिए 265 करोड़ 95 लाख रुपये दिए जाएंगे। इनसे कानपुर के 33 वार्डों में और बरेली में करीब नौ लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा।
औद्योगिक क्षेत्र में तीन कंपनियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। मेरठ की पसवारा पेपर्स को 65 लाख 67 हजार, शाहजहांपुर की केआर पल्प एंड पेपर्स को 56 लाख 39 हजार और मथुरा की बृंदावन एग्रो इंडस्ट्रीज को 17 करोड़ 6 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। इससे रोजगार बढ़ेगा और उद्योग को बल मिलेगा।
चंदौली में सकलडीहा-सैदपुर मार्ग को चार लेन करने के लिए 491 करोड़ 47 लाख रुपये की पुनरीक्षित स्वीकृति दी गई। यह मार्ग वाराणसी बाईपास की तरह काम करता है और कई जिलों को जोड़ता है। चौड़ीकरण से यातायात आसान होगा और क्षेत्र का विकास तेज होगा।
ये फैसले उत्तर प्रदेश को स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, पर्यटन और उद्योग के क्षेत्र में आगे ले जाने वाले हैं। आम जनता को बेहतर सुविधाएं और रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
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