Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ को 'मृत्यु कुंभ' वाले ममता बनर्जी के बयान पर संत समाज में आक्रोश
पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी ने ममता (Mamta) बनर्जी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल हिन्दू सनातनियों के लिए मृत्यु प्रदेश...
सार-
- महाकुम्भ (Maha Kumbh) को 'मृत्यु कुंभ' बताने पर भड़के संत, बयान पर जताई नाराजगी
- महाकुम्भ (Maha Kumbh) सनातन की दिव्यता का प्रतीक: महंत जमुना पुरी
- ममता (Mamta) बनर्जी अपने प्रदेश का आत्मचिंतन करें: स्वामी अरुण गिरी
- कुम्भ का अपमान सनातन का अपमान: महंत राजेंद्र दास
- संत समाज ने ममता (Mamta) बनर्जी से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की
By INA News Maha Kumbh Nagar.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता (Mamta) बनर्जी द्वारा महाकुम्भ (Maha Kumbh) को "मृत्यु कुम्भ" कहे जाने पर संत समाज ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। संतों ने उनके बयान को सनातन धर्म और महाकुम्भ (Maha Kumbh) की पवित्रता का अपमान बताया। संत समाज ने एक सुर में ममता (Mamta) बनर्जी से अपने शब्दों पर खेद प्रकट करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने की मांग की है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ (Maha Kumbh) सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति की आत्मा है।
महाकुम्भ (Maha Kumbh) अमृत पर्व है, ममता (Mamta) को संयम रखना चाहिए
श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के राष्ट्रीय सचिव श्री महंत जमुना पुरी जी ने कहा कि ममता (Mamta) बनर्जी जिस जिम्मेदार पद पर हैं, वहां से ऐसा बयान देना शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा, "प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) अमृत पर्व है, जिसकी दिव्यता और भव्यता पूरे विश्व ने देखी है। ममता (Mamta) बनर्जी को महाकुम्भ (Maha Kumbh) के नाम के साथ ऐसे अपमानजनक शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।"
- ममता (Mamta) बनर्जी अपने प्रदेश का आत्मचिंतन करें
पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी ने ममता (Mamta) बनर्जी के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, "पश्चिम बंगाल हिन्दू सनातनियों के लिए मृत्यु प्रदेश बनता जा रहा है। हजारों सनातनियों का नरसंहार हो रहा है और चुनाव के समय लाखों हिंदुओं को पलायन करना पड़ता है। ममता (Mamta) बनर्जी को उत्तर प्रदेश की नहीं, अपने प्रदेश की चिंता करनी चाहिए।" उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने महाकुम्भ (Maha Kumbh) को वैश्विक पहचान दिलाई और भव्य आयोजन से नया इतिहास रचा।
- महाकुम्भ (Maha Kumbh) का अपमान सनातन का अपमान
निर्मोही अनी अखाड़ा के अध्यक्ष महंत राजेंद्र दास ने ममता (Mamta) बनर्जी के बयान को सनातन धर्म का अपमान बताया। उन्होंने कहा, "प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) ने सनातन की दिव्यता को शीर्ष पर स्थापित किया है।
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ममता (Mamta) बनर्जी महाकुम्भ (Maha Kumbh) का आंकलन नहीं कर सकतीं क्योंकि उन्होंने हमेशा सनातन और उसके प्रतीकों का अपमान किया है। ऐसे बयान देकर वे भी अरविंद केजरीवाल की राह पर चल रही हैं और उनका भी हश्र वही होगा।"
- ममता (Mamta) बनर्जी सनातन विरोधी
महामंडलेश्वर ईश्वर दास महाराज ने कहा कि ममता (Mamta) बनर्जी का बयान सनातन धर्म के खिलाफ उनकी मानसिकता दर्शाता है। उन्होंने कहा, "ममता (Mamta) बनर्जी हमेशा सनातन का विरोध करती आई हैं। वह बंगाल को दूसरा बांग्लादेश बनाना चाहती हैं।"
- ममता (Mamta) बनर्जी को माफी मांगनी चाहिए
अयोध्या हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने ममता (Mamta) बनर्जी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि ममता (Mamta) बनर्जी को अपने शब्दों के लिए माफी मांगनी चाहिए। इसी तरह, अखिल भारतीय संत समिति के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा, "संत समाज ममता (Mamta) बनर्जी के बयान की कड़ी निंदा करता है। महाकुम्भ (Maha Kumbh) सनातन संस्कृति और श्रद्धा का प्रतीक है।"
- धार्मिक विषयों में राजनेता टिप्पणी न ही करें तो उचित
गोवर्धन मठ पुरी के स्वामी अधोक्षजानंद देव तीर्थ ने कहा, "ममता (Mamta) बनर्जी को स्वयं प्रयागराज महाकुम्भ (Maha Kumbh) आकर उसका अवगाहन करना चाहिए । जिस अमृत कुम्भ में 50 करोड़ से अधिक सनातनियों ने पुण्य अर्जित कर दिव्य अनुभूति का अवगाहन किया उसे मौत का कुम्भ कहना अत्यंत निंदनीय है। धार्मिक विषयों में राजनेता टिप्पणी न ही करें तो उचित होगा।
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