नगर निकाय उप चुनाव परिणाम 2025- बीजेपी ने 4 जगह बढ़त हासिल की, 4 निर्दलीय चुने गये तो सपा को 1 सीट पर संतोष करना पड़ा
अमरोहा जिले में नगर पालिका परिषद के धनौरा निकाय 16वीं वार्ड संख्या में दयावती पति रामपाल ने जीत हासिल की। दयावती भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ीं और महि
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नगर निकाय चुनाव के परिणाम घोषित किए गए। इस चुनाव में कई क्षेत्रों में उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जो विभिन्न राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करते हैं। नीचे दिए गए विवरण में विजयी उम्मीदवारों की सूची दी गई है, जिसमें उनके नाम, पद, वार्ड संख्या, संबंधित व्यक्ति और राजनीतिक दल शामिल हैं।
अमरोहा जिले में नगर पालिका परिषद के धनौरा निकाय 16वीं वार्ड संख्या में दयावती पति रामपाल ने जीत हासिल की। दयावती भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनाव लड़ीं और महिला वर्ग से हैं। कन्नौज जिले के गुरसहायगंज निकाय 3वीं वार्ड संख्या में गीता देवी ने भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर जीत दर्ज की। गीता देवी भी महिला वर्ग से हैं। छिबरामऊ निकाय 23वीं वार्ड संख्या में पंकज कुमार दुबे पिता सतीश चंद्र दुबे ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से पुरुष वर्ग में जीत हासिल की।
बागपत जिले में नगर पालिका परिषद की खेकड़ा निकाय 5वीं वार्ड संख्या में मीता पति राजीव ने निर्दलीय के रूप में जीत दर्ज की। मीता महिला वर्ग से हैं। इस जिले में सभी उम्मीदवारों ने किसी खास राजनीतिक दल से जुड़ाव नहीं दिखाया।
बिजनौर जिले में नगर पालिका परिषद की चांदपुर निकाय 16वीं वार्ड संख्या में प्रताप कुमार गर्ग पुत्र रमेश गर्ग ने निर्दलीय के तौर पर जीत हासिल की। प्रताप पुरुष वर्ग से हैं और इस क्षेत्र में उनकी जीत को ध्यान देने योग्य माना जा रहा है।
महाराजगंज जिले में नगर पंचायत की घुघली निकाय 11वीं वार्ड संख्या में बबीता यादव पत्नी धर्मेंद्र यादव ने निर्दलीय के रूप में जीत दर्ज की। बबीता महिला वर्ग से हैं और इस क्षेत्र में उनकी जीत स्थानीय लोगों के लिए उत्साहजनक रही।
शाहजहांपुर जिले में नगर पंचायत की खुटार निकाय 9वीं वार्ड संख्या में विनय कुमार पुत्र सत्यपाल ने निर्दलीय के तौर पर जीत हासिल की। विनय पुरुष वर्ग से हैं और इस क्षेत्र में उनकी जीत को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सीतापुर जिले में नगर पालिका परिषद की महमूदा बाद निकाय से आमिर अरफात पुत्र मोहम्मद अहमद ने समाजवादी पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की। अमीर पुरुष वर्ग से हैं और उनकी जीत इस दल के लिए एक मजबूत संकेत मानी जा रही है। उसी जिले में मिश्रिख नैमिष निकाय से सीमा भार्गव पत्नी अजय कुमार भार्गव ने भारतीय जनता पार्टी की ओर से जीत दर्ज की। सीमा महिला वर्ग से हैं और उनकी जीत ने पार्टी के समर्थकों में खुशी पैदा की।
इन चुनावों में महिलाओं की भागीदारी भी ध्यान देने योग्य रही। अमरोहा, बागपत, महाराजगंज और सीतापुर जैसे क्षेत्रों में कई महिला उम्मीदवारों ने जीत हासिल की, जो उनकी सक्रियता और जनता के बीच विश्वास को दर्शाता है। दयावती, गीता देवी, मीता, बबीता और सीमा जैसे नाम अब इन क्षेत्रों में चर्चा का विषय बन गए हैं। पुरुष उम्मीदवारों में पंकज कुमार दुबे, प्रताप कुमार गर्ग, विनय कुमार और आमिर अरफात ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया।
राजनीतिक दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने अमरोहा और सीतापुर में अपनी स्थिति मजबूत की, जबकि समाजवादी पार्टी ने सीतापुर में एक वार्ड में जीत हासिल की। निर्लिप्त उम्मीदवारों की सफलता ने यह संदेश दिया कि स्थानीय स्तर पर जनता पार्टी लाइन से ज्यादा व्यक्तिगत योग्यता और काम पर ध्यान दे रही है। ये परिणाम आने वाले समय में राजनीतिक रणनीतियों को प्रभावित कर सकते हैं, क्योंकि विभिन्न दलों को अपनी नीतियों को स्थानीय जरूरतों के अनुसार ढालने की जरूरत होगी।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए प्रशासन ने पूरी कोशिश की। मतदान के बाद मतगणना शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई, और परिणाम समय पर घोषित किए गए। इस बार के चुनाव में युवा वोटरों की भागीदारी भी बढ़ी, जो लोकतंत्र को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। स्थानीय मुद्दों जैसे साफ-सफाई, पानी की आपूर्ति और बुनियादी सुविधाओं पर जोर देने वाले उम्मीदवारों को जनता का समर्थन मिला, जो विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।
इन परिणामों से यह भी पता चलता है कि उत्तर प्रदेश के लोग अपने प्रतिनिधियों से उच्च अपेक्षाएं रखते हैं। विजयी उम्मीदवारों पर अब अपने वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी होगी, ताकि जनता का भरोसा कायम रहे। आने वाले दिनों में इन क्षेत्रों में विकास कार्यों पर ध्यान दिया जाएगा, और उम्मीदवारों की कार्यशैली जनता के बीच उनकी लोकप्रियता को तय करेगी।
इस चुनाव ने यह भी दिखाया कि राजनीतिक दलों के अलावा स्वतंत्र उम्मीदवारों की भूमिका भी बढ़ रही है। बागपत, बिजनौर, महाराजगंज और शाहजहांपुर में निर्लिप्त उम्मीदवारों की जीत ने यह साबित किया कि जनता स्थानीय नेतृत्व को तरजीह दे रही है। यह बदलाव आने वाले चुनावों में रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण हो सकता है।
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