पंचायत अधिकारी ने ऑनलाइन गेम में लगा दिए 3 करोड़ 26 लाख रुपए, आरोपी अधिकारी गिरफ्तार
कालाहांडी जिले में एक पंचायत अधिकारी ने ऑनलाइन गेम के जरिये रुपए कमाने के चक्कर में सरकारी धन को ऑनलाइन गेम में लगा दिया जिसके बाद सरकारी धन डूब गया और अधिकारी ...
ओड़िशा में एक अधिकारी ने लालच में आकर ऑनलाइन गेम में 3 करोड़ 26 लाख रूपए लगा दिए। जिसके बाद अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई।
- ऑनलाइन गेम की लालच में फंसा अधिकारी
कालाहांडी जिले में एक पंचायत अधिकारी ने ऑनलाइन गेम के जरिये रुपए कमाने के चक्कर में सरकारी धन को ऑनलाइन गेम में लगा दिया जिसके बाद सरकारी धन डूब गया और अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया। मामले को लेकर बताया गया कि अधिकारी ने क्रिकेट मैच में तीन करोड़ 26 लाख़ रुपए ऑनलाइन गेमिंग के जरिये लगाए थे। लेकिन जब सरकारी धन की जांच की गई तो पता चला कि उस धन को ऑनलाइन गेमिंग में खर्च किया गया है। मामले में एक अधिकारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी।
जांच में यह भी पता चला कि पंचायत कार्यकारी अधिकारी ने अपने अधिकारी का दुरुपयोग करके यह राशि निकाली थी। इसके लिए उसने पंचायतों के सरपंचों के नकली हस्ताक्षर भी किए थे। इस मामले में अधिकारी की पहचान की गई तो अधिकारी का नाम देबानंद सागर के रूप में हुई। जिन्होंने कालाहांडी जिले के थुमाल-रामपुर ब्लॉक के तहत तलनेगी ग्राम पंचायत और पोदापदर ग्राम पंचायत से 3.26 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन करने का आरोप है।जिन्होंने कालाहांडी जिले के थुमाल-रामपुर ब्लॉक के तहत तलनेगी ग्राम पंचायत और पोदापदर ग्राम पंचायत से 3.26 करोड़ रुपये के सरकारी धन का गबन किया था।
- पंचायत अधिकारी ने दो पंचायत में किया गबन
पंचायत अधिकारी के द्वारा दो पंचायत से गवन किए जाने के मामले में पता चला कि देवानंद सागर ने तलनेगी ग्राम पंचायत से 1.71 करोड़ रुपये का गवन किया तो वहीं दूसरी पंचायत पोडापदर ग्राम पंचायत से 1.55 करोड़ रुपये का गबन किया। इस मामले में पंचायत अधिकारी ने सरपंचों के फर्जी हस्ताक्षर करके पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम (PFMS) का गलत इस्तेमाल किया।
फिर उसके बाद 5वें राज्य वित्त आयोग के खातों से पैसे SBI धरमगढ़ बाजार शाखा के अपने निजी के खाते में ट्रांसफर कर लिए। बताते चलें कि आरोपी की नियुक्ति 4 जुलाई 2016 को तलनेगी ग्राम पंचायत में PEO के रूप में सरकारी विभाग में हुई थी और 5 मई 2018 से 17 मार्च 2022 तक वह पोडापदर ग्राम पंचायत के प्रभार में रहा। इसी दौरान उसने सरकारी रुपए को ऑनलाइन गेम में खर्च कर दिए।
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