Ayodhya News: गर्मी में पानी को तरस रहे मरीज व परिजन, बेखबर सिस्टम जिला अस्पताल में बंद पड़ा आरओ प्लांट। 

ऐसे मौसम में जब हर किसी को पानी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, अयोध्या के जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचे मरीज और उनके तीमारदार...

May 14, 2025 - 19:06
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Ayodhya News: गर्मी में पानी को तरस रहे मरीज व परिजन, बेखबर सिस्टम जिला अस्पताल में बंद पड़ा आरओ प्लांट। 

अयोध्या। भीषण गर्मी, तपती धूप और जलती ज़मीन... ऐसे मौसम में जब हर किसी को पानी की सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है, अयोध्या के जिला चिकित्सालय में इलाज के लिए पहुंचे मरीज और उनके तीमारदार एक घूंट स्वच्छ पानी के लिए भी तरस रहे हैं।

करीब दस साल पहले लाखों रुपये खर्च कर अस्पताल की कैंटीन के पास आरओ वाटर प्लांट लगाया गया था, जो अब शोपीस बनकर खड़ा है। न तो उससे सामान्य पानी की एक बूँद निकलती है, न ही गर्मी में राहत देने वाला ठंडा पानी।

  • बाज़ार से खरीदना पड़ रहा पानी

इलाज कराने आए मरीजों के परिजनों को मजबूरी में अस्पताल के बाहर की दुकानों से महंगे दामों में बोतल बंद पानी खरीदना पड़ रहा है। 20-25 रुपये में मिलने वाली एक लीटर की बोतल, हर दो घंटे में खत्म हो जाती है। गरीब तबके के लोग कभी नल तलाशते हैं तो कभी मंदिरों की ओर रुख करते हैं, जहाँ शायद कोई पानी पिला दे।

  • प्रशासन को जानकारी नहीं या जानबूझकर अनदेखी?

जब इस अव्यवस्था को लेकर अस्पताल प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो या तो उन्होंने अनभिज्ञता जताई या फिर यह कहकर टाल दिया कि 'प्लांट की मरम्मत की प्रक्रिया चल रही है'। मगर स्थानीय लोगों और कर्मचारियों का कहना है कि यह प्लांट कभी भी ठीक से काम नहीं किया।

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  • ना इलाज ठीक, ना पानी – क्या यही है स्वास्थ्य सेवा?

सरकारी अस्पताल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी, भीड़भाड़ और अव्यवस्था का शिकार लोग अब पानी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। तीमारदार राम किशुन यादव बताते हैं, "चार घंटे से वॉर्ड के बाहर बैठा हूँ, बच्चा बुखार से तप रहा है। डॉक्टर कब देखेंगे पता नहीं, ऊपर से पानी तक नहीं मिल रहा। क्या हम इतने भी लायक नहीं कि सरकारी अस्पताल में पीने का पानी मिले?"

  • नरमी नहीं, जवाबदेही चाहिए

सरकारी योजनाओं में पानी शुद्धिकरण के लिए करोड़ों खर्च किए जाते हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि अस्पताल जैसा महत्वपूर्ण स्थान भी बुनियादी जरूरतें पूरी नहीं कर पा रहा। वैसे भी जब जवाबदेही ही लापता हो, तब सिर्फ प्यास नहीं, उम्मीद भी मरती है।

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