Sant Kabir Nagar : जालौन इंस्पेक्टर अरुण राय की मौत पर पुलिस में शोक की लहर, संत कबीर नगर में अंतिम संस्कार
परिजनों की इच्छा से अरुण का अंतिम संस्कार धनघटा थाना क्षेत्र के बिडहर घाट पर किया गया। धनघटा क्षेत्राधिकारी अभयनाथ मिश्रा के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस पूरी व्यवस्था संभालती र
संत कबीर नगर। उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के कुठौंद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की गोली लगने से मौत ने पुलिस विभाग को गहरा सदमा दे दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव रजनौली पहुंचा तो पूरा गांव मातम में डूब गया। परिजन रो-रोकर बिलख रहे थे और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। हर ओर शोक का साया छा गया।
घटना के बाद जांच में कई सवाल उठे। शुरुआत में इसे आत्महत्या माना गया, लेकिन पत्नी माया राय ने थाने में तैनात महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा पर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई। माया ने बताया कि उनके पति मानसिक रूप से मजबूत थे और कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकते। सीसीटीवी फुटेज में गोली चलने के बाद मीनाक्षी के थाने से भागते दिखने से मामला जटिल हो गया। पुलिस ने मीनाक्षी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फॉरेंसिक रिपोर्ट और कॉल डिटेल की जांच जारी है।
परिजनों की इच्छा से अरुण का अंतिम संस्कार धनघटा थाना क्षेत्र के बिडहर घाट पर किया गया। धनघटा क्षेत्राधिकारी अभयनाथ मिश्रा के नेतृत्व में स्थानीय पुलिस पूरी व्यवस्था संभालती रही। पुलिसकर्मियों ने परिवार को हर कदम पर सहारा दिया।
अंतिम यात्रा के दौरान सबसे भावुक पल तब आया जब धनघटा थाने के इंस्पेक्टर जयप्रकाश दुबे ने नम आंखों से अर्थी को कंधा दिया। उनके चेहरे पर दिखी पीड़ा सहकर्मी के नुकसान की गहराई बयान कर रही थी। वर्दी की सख्ती के बावजूद उनकी यह संवेदना सबके दिल को छू गई। लोग उनके इस भावुक व्यवहार की खूब तारीफ कर रहे थे।
श्रद्धांजलि देते हुए जयप्रकाश दुबे ने कहा कि अरुण सिर्फ सहकर्मी नहीं, परिवार के सदस्य जैसे थे। उनका जाना अपूरणीय क्षति है। इन शब्दों ने मौके पर मौजूद सभी को और भावुक कर दिया।
अंतिम संस्कार में धनघटा पुलिस टीम ने परिवार का पूरा साथ दिया और सहकर्मी को सम्मानजनक विदाई दी। यह व्यवहार सेवा और मानवता का बेहतरीन उदाहरण बन गया। इंस्पेक्टर क्राइम रामेश्वर यादव, चौकी प्रभारी बिडहर घाट लाल बिहारी निषाद समेत कई पुलिसकर्मी मौजूद रहे। अरुण 1998 से सेवा में थे, 2023 में इंस्पेक्टर बने और 2024 में जालौन आए। उनकी मौत के कारणों की गहन जांच चल रही है।
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