Shahjahanpur News: भागवत कथा में बताया गोवर्धन पूजा का महत्व
कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। कथा व्यास ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड...

Report: फैयाज उद्दीन साग़री
By INA News Shahjahanpur.
शाहजहांपुर: संकट मोचन हनुमान मंदिर खिरनी बाग धर्मशाला में चल रही श्रीमद भागवत कथा में छठे दिवस सोमवार को कथा व्यास डॉक्टर निर्मल द्विवेदी ने गोवर्धन लीला के साथ भगवान श्रीकृष्ण की बाललीलाओं का प्रसंग सुनाया। कथा व्यास ने कहा भगवान ने अपनी लीलाओं से जहां कंस के भेजे विभिन्न राक्षसों का संहार किया, वहीं ब्रज के लोगों को आनंद प्रदान किया।
कथा के दौरान भगवान गिरिराज पर्वत को उठाते हुए सुंदर झांकी सजाई गई। इस दौरान भजनों पर श्रद्धालु देर तक नाचते रहे। कथा व्यास ने कहा कि इंद्र को अपनी सत्ता और शक्ति पर घमंड हो गया उसका गर्व दूर करने के लिए भगवान ने ब्रज मंडल में इंद्र की पूजा बंद कर गोवर्धन की पूजा शुरू करा दी। इससे गुस्साए इंद्र ने ब्रजमंडल पर भारी बरसात कराई। प्रलय से लोगों को बचाने के लिए भगवान ने कनिष्ठा उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया। सात दिनों के बाद इंद्र को अपनी भूल का एहसास हुआ कथा के दौरान गोवर्धन पूजन का उत्सव उल्लास के साथ मनाया गया। संगीतमय कथा के दौरान भजनों पर पांडाल में उपस्थित श्रद्धालु भजनों पर खूब जमकर नाचे.
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कथा व्यास ने कथा में भक्तों को गोवर्धन पर्वत का रहस्य सुनाते हुए कहा भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत ही क्यों उठाया इसका रहस्य रामा अवतार से जुड़ा है लंका पर पुल बांधने का कार्य चल रहा था उसी समय हनुमान जी गिरिराज पर्वत से श्री राम के कार्य को सिद्ध करने को कहते हैं गिरिराज पर्वत हनुमान जी से भगवान राम के चरणों की वंदना करनी है ऐसा वचन लेकर उनके साथ चल देते हैं तभी आकाशवाणी होती है सभी वानर चारों दिशाओं से वापस आ जाएं पुल तैयार हो गया हनुमान जी जब यह सुनते हैं तो गिरिराज पर्वत को वहीं रख दिया यह देखकर पर्वत राज हनुमान जी को वचन की याद कराते हैं हनुमान जी कहते हैं मुझे अपने प्रभु के पास जाने दो वह हमारे वचन की लाज अवश्य रखेंगे.
हनुमान जी जब भगवान श्री राम के सामने आते हैं तो भगवान श्री राम हनुमान जी के मुख पर चिंता की लकीरें देखकर कहते हैं हनुमान जी मेरे अगले कृष्ण अवतार में तुम्हारे वचन को पूर्ण कर गिरिराज पर्वत को दर्शन अवश्य दूंगा हनुमान जी के वचन को पूरा करने और इंद्र के अहंकार को दूर करने के लिए ही भगवान कृष्ण ने पर्वत गिरीराज को अपनी उंगली पर उठाया। आज की कथा में व्यास पीठ का पूजन श्रीधर शुक्ला ब्लॉक प्रमुख कांट, मनजीत सिंह संघ प्रमुख, विश्वदीप अवस्थी अध्यक्ष ब्राह्मण चेतना परिषद, विश्व मोहन बाजपेई, हरीशरण बाजपेई, नीरज वाजपेयी, ठाकुर अखिलेश सिंह ने कराया।
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