Ayodhya News: अयोध्या में बन रहे छ: विशाल प्रवेश द्वार, रामनगरी पहुंचते ही त्रेतायुग का अहसास कराएंगे।
सभी प्रवेश द्वार भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, जटायु, गरुण और हनुमान जी के नाम पर बनाए जा रहे हैं...
देव बक्श वर्मा \ अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की धर्म नगरी अयोध्या चौमुखी विकास के साथ ऊंचाइयों पर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और अब वह दिन दूर नहीं है की अयोध्या पहुंचने से पहले ही यह एहसास हो जाएगी "मुस्कुराइए आप अयोध्या नगरी में पहुंच गए हैं" । अयोध्या में श्री राम मंदिर जन्मभूमि का प्राण प्रतिष्ठा होकर दर्शन पूजन हो रहा है।
किंतु उसके बाद भी अयोध्या राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेजी के साथ चल रहा है जिसमें अभी बहुत कुछ बनना है। उसी के साथ अयोध्या धाम पहुंचने वाले छह प्रमुख मार्गों पर गेट का भी निर्माण होना है जो राम, लक्ष्मण, भरत, हनुमान, गरुड़, और जटायु के नाम से बनाया जा रहा है।लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर 'श्री राम द्वार', ,गोरखपुर से अयोध्या मार्ग पर 'हनुमान द्वार', गोंडा से अयोध्या मार्ग पर 'लक्ष्मण द्वार', , प्रयागराज से अयोध्या मार्ग पर भरत 'द्वार', अम्बेडकर नगर से अयोध्या मार्ग पर 'जटायु द्वार' और रायबरेली से अयोध्या मार्ग पर 'गरुण द्वार' का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा।
उस मैन गेट की भव्यता और वहां उपलब्ध सुविधा को देखकर बाहर से आने वाले राम भक्त प्रसन्न हो जाएंगे। श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद बड़ी संख्या में देस- विदेश से श्रद्धालु और पर्यटक पहुंच रहे हैं। रामनगरी अयोध्या वैश्विक पर्यटन का केंद्र बनकर उभर रही है।सभी प्रवेश द्वार भगवान राम, लक्ष्मण, भरत, जटायु, गरुण और हनुमान जी के नाम पर बनाए जा रहे हैं।
यह रामायण के पात्रों के प्रति श्रद्धा को दर्शाने के साथ-साथ अयोध्या के धार्मिक महत्व को और भी बढ़ाएंगे। अयोध्या श्रद्धालुओं और पर्यटकों का प्रमुख केंद्र बन गई है. रोजाना लाखों लोग यहां आते हैं, जिसके चलते शहर का बहुमुखी विकास और आधारभूत ढांचे का निर्माण तेजी से हो रहा है। अयोध्या को लखनऊ, प्रयागराज, रायबरेली, गोरखपुर और अंबेडकरनगर से जोड़ने वाले हाइवे पर रामायण कालीन पात्रों के नाम पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जा रहे हैं. इन प्रवेश स्थलों को पर्यटकों की सुविधाओं के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। अयोध्या के सभी 6 प्रमुख प्रवेश द्वारों पर आधुनिक टूरिस्ट फैसिलिटी सेंटर बनाए जा रहे हैं. 5-5 हेक्टेयर भूमि पर बने इन केंद्रों पर करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। पर्यटकों के लिए साफ-सुथरे वॉशरूम, विश्राम स्थल, जानकारी कक्ष और बैठने की व्यवस्था होगी। 200 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
खाने, ठहरने, और मनोरंजन के साधनों के अलावा टूरिस्ट पर्यटकों की सहायता के लिए कर्मचारी भी रहेंगे, जो उन्हें विभिन्न प्रकार सुविधाएं प्रदान करेंगे।अयोध्या आने से पहले ही मन में श्रद्धा की नई तस्वीर बन जाएगी। आप जिस भी तरफ से यहां प्रवेश करेंगे। मुख्य द्वार से ही रामायण की आस्था की अनुभूति हो जाएगी।। लखनऊ-अयोध्या मार्ग पर 'श्री राम द्वार', ,गोरखपुर से अयोध्या मार्ग पर 'हनुमान द्वार', गोंडा से अयोध्या मार्ग पर 'लक्ष्मण द्वार', प्रयागराज से अयोध्या मार्ग पर 'द्वार', अम्बेडकर नगर से अयोध्या मार्ग पर 'जटायु द्वार' और रायबरेली से अयोध्या मार्ग पर 'गरुण द्वार' का निर्माण सुनिश्चित किया जाएगा।
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सभी आध्यात्मिक नगरी से यहां प्रवेश करने पर गौरव की अनुभूति होगी। राजधानी लखनऊ की ओर से अयोध्या में प्रवेश के समय श्रीराम द्वार से प्रवेश होगा। अयोध्या को भव्यता प्रदान करने के लिए जो प्रयास हो रहा है। यह गेट भी इसी कड़ी का हिस्सा है। सभी गेटों के नाम रामायणकालीन पात्रों के नाम पर रखे गए हैं, ताकि शहर में प्रवेश के समय ही यहां के धार्मिक वैभव का अहसास होने लगे। इस तरह से दूर दराज से देश-विदेश से आने वाले राम भक्तों को अयोध्या आने पर त्रेता युग का एहसास होगा और अपने भारतीय कल्चर के अनुभूत होगी।
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