Lucknow News: पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ता उत्तर प्रदेश- विगत आठ वर्षों में 41 करोड़ से अधिक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई दर्ज। 

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में 12 मेगा पर्यटन सर्किट विकसित किए गए हैं, जो एडवेंचर...

Mar 24, 2025 - 18:56
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Lucknow News: पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ता उत्तर प्रदेश- विगत आठ वर्षों में 41 करोड़ से अधिक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई दर्ज। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शुरू से ही पर्यटन रहा है। पर्यटन सुविधाओं में निरंतर विकास और नवीन पर्यटन अनुभव विकसित करने का परिणाम है, कि देश-दुनिया के पर्यटकों को यूपी लुभाने लगी है। विगत आठ वर्षों में 41 करोड़ से अधिक पर्यटकों की संख्या में वृद्धि दर्ज हुई है। वर्ष 2017 में जहां लगभग 24 करोड़ पर्यटक आए थे, वहीं वर्ष 2024 में लगभग 65 करोड़ पर्यटक पहुंचे। घरेलू पर्यटन में राज्य वर्ष 2022 से निरंतर पहले स्थान पर है। विदेशी पर्यटन में भी यह उपलब्धि हासिल करने के लिए पर्यटन विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 12 मेगा पर्यटन सर्किट विकसित किए गए हैं, जो एडवेंचर टूरिज्म से लेकर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और प्राकृतिक धरोहरों को संजोए हुए है। बुंदेलखंड के किलों से लेकर थारू जनजातीय संस्कृति तक, नैमिषारण्य और श्रावस्ती जैसे स्थलों से लेकर दुधवा और विन्ध्य वन्यजीव अभयारण्यों तक हर सर्किट अपनी विशिष्टता के साथ पर्यटकों को आकर्षित कर रहा है। निरंतर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के उन्नयन के साथ, इसमें कोई संदेह नहीं कि उत्तर प्रदेश आज भारत का सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बन चुका है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि प्रदेश में हाल ही में भव्य महाकुंभ 2025 का ऐतिहासिक आयोजन किया, जिसमें 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आकर इस पावन भूमि की महिमा को सिद्ध किया। पर्यटन विभाग ने श्रद्धालुओं को विशिष्ट अनुभव प्रदान करने के लिए उत्तर प्रदेश दर्शन मंडपम, वाटर लेजर शो, ड्रोन शो, भव्य टेंट सिटी सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पहल किए।

जयवीर सिंह ने बताया कि पी०एम० गति शक्ति पोर्टल पर वर्ष 2024 में 538 पर्यटक आकर्षण केन्द्रों एवं 678 विभागीय परिसम्पत्तियों का पालीगन बनाकर अपलोड किया गया। सम्पूर्ण देश में प्रदेश के पीएम गति शक्ति पोर्टल ने अपना महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है, जिसमें अन्य विभागों के साथ साथ पर्यटन विभाग का भी महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा प्रदेश स्तर पर होटलों की स्टार ग्रडिंग की व्यवस्था की शुरू की गई। इसके साथ पर्यटन विभाग के पुनर्गठन की मंजूरी के बाद क्रिन्यावन हो रहा है।

  • सी०एम० डैशबोर्ड की उपलब्धियां

सी०एम० डैपबोर्ड पर जनवरी 2025 में प्रदेश में टॉप 5 विभागों में पर्यटन विभाग को स्थान प्राप्त हुआ। वर्ष 2023 में सी०एम० डैशबोर्ड पर आठ महीनों में तथा वर्ष 2024 में 6 माहों में डाटा क्वालिटी इण्डेक्स में पर्यटन विभाग को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की सुविधाओं के दृष्टिगत पर्यटन विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश पर्यटन अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। प्रदेश सरकार पर्यटन के आधुनिकतम आयामों-चिकित्सा पर्यटन, ईको टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, युवा पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयागराज, विध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, गढ़मुक्तेश्वर, गोरखपुर और कुशीनगर जैसे प्रमुख स्थलों का समुचित और समेकित विकास किया जा रहा है। साथ ही, रामायण परिपथ, ब्रज परिपथ और बौद्ध परिपथ के विस्तार किया जा रहा है। प्रदेश में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लक्ष्य के साथ, देशी-विदेशी पर्यटकों को एक बहुरंगी, सुरक्षित और सुखद पर्यटन अनुभव प्रदान किया जा रहा है।

जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में उ०प्र० ब्रज तीर्थ विकास परिषद, श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद, उ०प्र० विध्य धाम तीर्थ विकास परिषद, श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद, उ०प्र० श्री अयोध्या जी तीर्थ विकास परिषद, उ०प्र० श्री शुकतीर्थ विकास परिषद, श्री देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) नीति के तहत पर्यटन इकाइयों के विनिवेश की प्रक्रिया से प्रदेश में पर्यटन विकास की और गति मिलेगी।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि विभाग की ओर से प्रदेश में रोप-वे परियोजनाएँ पी०पी०पी० मॉडल पर संचालित की जा रही हैं। चित्रकूट, अष्टभुजा-कालीखोह (विंध्याचल) में रोप-वे परियोजनाएँ चालू हैं, जबकि गोरखगिरी (महोबा) व लालापुर (चित्रकूट) में क्रियान्वयन प्रारंभ हुआ। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटकों की सुविधाओं के दृष्टिगत पर्यटन विकास कार्य किए जा रहे हैं, जिससे वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश पर्यटन अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है। प्रदेश सरकार पर्यटन के आधुनिकतम आयामों-चिकित्सा पर्यटन, ईको टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, ग्रामीण पर्यटन, युवा पर्यटन और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा दे रही है।

जयवीर सिंह ने बताया कि मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयागराज, विध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, गढ़मुक्तेश्वर, गोरखपुर और कुशीनगर जैसे प्रमुख स्थलों का समुचित और समेकित विकास किया जा रहा है। साथ ही, रामायण परिपथ, व्रज परिपथ और बौद्ध परिपथ के विस्तार दिया जा रहा है। प्रदेश में हेलीकॉप्टर सेवा शुरू करने के लक्ष्य के साथ, देशी-विदेशी पर्यटकों को एक बहुरंगी, सुरक्षित और सुखद पर्यटन अनुभव प्रदान किया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन गतिविधियों के विकास एवं पर्यटकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उ०प्र० सरकार द्वारा पर्यटन विभाग की असंचालित इकाइयों को निजी निवेशकों के माध्यम से 30-30 वर्ष के लीज पर संचालन का निर्णय लिया गया। वर्ष 2017 में पर्यटन विभाग के 05 पर्यटक आवास गृहों इकाइयों को उत्तर प्रदेश पी०पी० पी० गाइडलाइन, के अनुसार 30 वर्ष की अवधि के लिए लीज पर विकसित एवं संचालन किये जाने हेतु दिया जा चुका है।

जयवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 12 पर्यटक आवास गृहों के लिए अनुबंध निष्पादित हो चुका है, जबकि 09 अन्य इकाइयों की प्रक्रिया जारी है। इससे सुनौली, कालिअर, नीमसार, राधाकुंड, बटेश्वर, सिविल लाइंस मथुरा, झीलमहल (मऊ), विध्याचल, गोपीगंज (भदोही) समेत कई पर्यटन स्थल उजत सुविधाओं से युक्त होंगे। प्रदेश में ऐतिहासिक धरोहरों एवं किलों को अनुकूल पुनः उपयोग (एडाष्टिव रीयूज) के अंतर्गत सांस्कृतिक संरक्षण व पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पीपीपी नीति के तहत 06 विरासत संपत्तियों चुनार फोर्ट (मीरजापुर), बरूआ सागर किला (झांसी), छतर मंजिल (लखनऊ), कोठी रोशन-उद्-दौला (लखनऊ), शुक्ला तालाब (कानपुर) और बरसाना जल महल (मथुरा) के विकास हेतु चयनित विकासकर्ताओं को एलओआई जारी कर अनुबंध प्रक्रियाधीन है। साथ ही, प्रदेश के 13 अन्य ऐतिहासिक स्थलों, जिनमें तहरौली फोर्ट, मस्तानी महल, आलमबाग भवन, भूरागढ़ फोर्ट, रनगढ़ किला, सीताराम महल समेत अन्य किले और महल शामिल हैं, को भी इसी नीति के तहत विकसित करने की प्रक्रिया जारी है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि राज्य योजना के अंतर्गत कुल 23,833.40 लाख रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पर्यटन विकास कार्य शामिल हैं। जिला योजना के अंतर्गत कुल 424.30 लाख रुपए की परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पर्यटन विकास कार्य शामिल है। ईको टूरिज्म योजना और मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत भी परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है। ईको टूरिज्म योजना के तहत कुल 612.64 लाख की परियोजनाओं तथा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत कुल 1538.38 लाख की परियोजनाओं का लोकार्पण किया जा रहा है।

जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य योजना के तहत कुल 73,630.74 लाख रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। जिला योजना के तहत कुल 220.55 लाख रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत कुल 219.18 लाख रुपये तथा उ.प्र. ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तहत कुल 5418.01 लाख रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि स्वदेश दर्शन स्कीम के रामायण सर्किट के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर (जनपद-प्रयागराज) एवं चित्रकूट धाम के पर्यटन विकास हेतु पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार से कुल 69.45 करोड़ रुपए की धनराशि, अयोध्या के समेकित पर्यटन विकास हेतु कुल 127.21 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत कराई गई, जिसका कार्य पूर्ण किया जा चुका है। स्वदेश दर्शन स्कीम के बुद्धिस्ट सर्किट के अन्तर्गत कुशीनगर, कपिलवस्तु एवं श्रावस्ती का समेकित पर्यटन 87.89 करोड़ रुपए की धनराशि कार्य पूर्ण किया जा चुका है। इसके अलावा, इस योजना के तहत कई कार्य पूर्ण किए गए हैं। भारत सरकार की प्रसाद स्कीम के तहत कई और योजनाओं पर कार्य चल रहा है। संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की म्यूजियम ग्राण्ट स्कीम के तहत भी कार्य प्रगति पर है। भारत सरकार की स्वदेश दर्शन स्कीम 2.0 के अंतरर्गत भी प्रयागराज और नैमिषारण्य आदि स्थलों धनराशि स्वीकृत कराई गई है। इसके अलावा बौद्ध पर्यटन स्थल श्रवस्ती और बटेश्वर पर समेकित पर्यटन विकास हेतु योजना स्वीकृत हुई है।

जयवीर सिंह ने बताया कि अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन पहली बार वर्ष 2017 में किया गया था, जिसके बाद यह परंपरा हर साल छोटी दीवाली पर अयोध्या में राम की पैड़ी पर मनाई जाने लगी। इस भव्य उत्सव में हर साल दीपों की संख्या बढ़ती गई, जिससे यह एक नया कीर्तिमान स्थापित करता गया। 2017 में 1.71 लाख दीप जलाए गए थे, जो वर्ष 2024 में इस संख्या ने नया कीर्तिमान रचते हुए 25,12,585 का आंकड़ा छू लिया और इसके साथ ही प्रति वर्ष गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया गया।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि देव दीपावली-वर्ष 2024-25 में काशी में देव दीपावली का भव्य आयोजन वाराणसी में राजघाट से अस्सीघाट के मध्य दीपोत्सव के रूप में किया गया, जिसमें हॉट एयर बलूनिंग शो, लेजर शो, फायर कैकर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति हुई। इसके अलावा मथुरा में रंगोत्सव, कृष्ण जन्माष्टमी सहित अन्य अवसर पर आने वाले श्रद्धालुओं को विशिष्ट अनुभव देने के लिए पर्यटन सुविधाएं विकसित की गईं।

जयवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन के बहुमुखी विकास और पर्यटकों को बेहतर आतिथ्य सुविधा प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति-2022 लागू की गई है। इस नीति के तहत विभागीय पोर्टल पर 1,183 पर्यटन इकाइयों की पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किए जा चुके हैं, जिनके माध्यम से रूपये 27,575.93 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव है। इसके पूर्व 16 फरवरी, 2018 को प्रदेश के समग्र पर्यटन विकास हेतु नई पर्यटन नीति लागू की गयी। पर्यटन नीति 2018 में पर्यटन इकाईयों को वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है, जिसके अन्तर्गत रु0 8388.96 करोड़ के निवेश के सापेक्ष 223 प्रस्ताव अब तक पंजीकृत किए जा चुके हैं। पंजीकृत इकाइयों में, पूर्ण होकर संचालन की स्थिति में आने वाली इकाईयों को सब्सिडी प्रदान किये जाने की व्यवस्था नीति में की गई है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश जल आधारित पर्यटन एवं साहसिक क्रीड़ा नीति-2023 दिनांक 11 अगस्त, 2023 को प्रख्यापित की गई है, जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के समस्त भू-आधारित, वायु आधारित एवं जल मार्गों, बांधों, जलाशयों, झीलों, नदियों, तालाबों एवं राज्य के अधिकारी क्षेत्र के अन्दर विभिन्न जल निकायों एवं भूमि खण्डों पर की जाने वाली सभी जल आधारित पर्यटन, एरो स्पोर्ट्स एवं साहसिक क्रीड़ा पर आधारित है।

जयवीर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गठित उत्तर प्रदेश इको-टूरिज्म विकास बोर्ड ने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो 2024 में भाग लिया, जहां प्रदेश की इको-टूरिज्म क्षमता का प्रदर्शन किया गया। विश्व पर्यटन दिवस पर गोरखपुर व लखनऊ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हुए, जिनमें ट्रैवल इंफ्लुएंसर, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर्स और पर्यटन विशेषज्ञों ने भाग लिया। 25 नवंबर 2024 को लखनऊ से दुधवा राष्ट्रीय उद्यान तक वायुसेवा शुरू की गई। महाकुंभ-2025 के दौरान प्रयागराज से अयोध्या, वाराणसी, नैमिषारण्य और चित्रकूट के लिए हेली-चार्टर्ड सेवा उपलब्ध कराई गई, साथ ही गंगा-यमुना संगम पर हेली-एरियल सफारी सेवा भी उपलब्ध कराई गई। प्रयागराज में प्रदेश के इको-टूरिज्म स्थलों को बढ़ावा देने हेतु एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश में युवा पर्यटन क्लबों का गठन शासकीय व गैर-शासकीय शिक्षण संस्थानों में किया गया, जिनके सदस्य पर्यटन मित्र के रूप में स्वैच्छिक कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के 75 जिलों में युवा पर्यटन क्लबों का गठन कर उनके सदस्यों को विभिन्न इको पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराया गया। मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत 75 ग्रामों को दो वर्ष की अवधि में ग्राम्य पर्यटन के लिए चयनित कर उनका विकास किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा कृषि एवं ग्राम्य पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 229 विशिष्ट ग्रामों का चयन किया गया है, जिन्हें पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा। ग्रामीण पर्यटन के विकास से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और जीवन स्तर में सुधार होगा। पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित बेस्ट टूरिज्म विलेज प्रतियोगिता 2023 में वाराणसी के कौरौना (रामेश्वर) ग्राम को तथा 2024 में हेरिटेज कैटेगरी में बागपत के पुरामहादेवा ग्राम को सम्मानित किया गया।

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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने स्वयं को एक ऐसे पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित किया है, जो पर्यटकों को विविधता प्रदान करता है। हाल ही में संपन्न महाकुंभ 2025 ऐतिहासिक रहा, जहां विश्वभर से आए श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर आत्मशुद्धि प्राप्त की। हमारे सतत प्रयासों ने उत्तर प्रदेश पर्यटन का नया स्वरूप गढ़ा है, जो न केवल राज्य और इसके लोगों की समृद्धि में सहायक सिद्ध हो रहा है, बल्कि माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साकार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पर्यटन मंत्री ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय राष्ट्रीय मार्ट/सेमिनार/कान्फ्रेंस/कन्वेंशन पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पर्यटन के प्रचार-प्रसार के उददेश्य से विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्टस् / सम्मेलनों आदि में भाग लिया गया, जिससे उ०प्र० पर्यटन को और व्यापक किया जा सके। जिसके अन्तर्गत अरेबियन ट्रैवल मार्केट दुबई, के.आई. टी.एस. (कोरिया इण्टरनेशनल टूरिज्म शो-2024), पाटा थाईलैण्ड बैंकाक, आई.एफ.टी.एम. टॉप रेसा पेरिस फ्रांस, जाटा टोक्यो जापान, आई.टी.बी सिंगापुर, डब्ल्यू.टी.एम. लंदन, आईफीमा, मैडरिड, फितूर-2025 में हिस्सा लिया। थाइलैंड में बुद्धभूमि कार्यक्रम के माध्यम से उत्तर प्रदेश ने अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराई। इसके साथ ही विभिन्न देशों अलग-अलग माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। 

जयवीर सिंह ने बताया कि इसके अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आयटो कन्वेशन भोपाल, जी.आई.टी.बी. जयपुर राजस्थान, टी.टी.एफ पटना, आई.टी.एम लखनऊ, आई.आई.टी.एम. चेन्नई, आई.आई. टी.एम.-बैंगलौर, टी.टी. एफ-कोलकाता एवं अहमदाबाद, बी.टी.एफ-कोलकाता, साटे-2025. यू०पी० इण्टरनेशनल हेड-शो नोएडा, रिस्पॉसिबल टूरिज्म कार्यशाला, लखनऊ, एग्री रूरल टूरिज्म स्टांक होल्डर वर्कशाप, इको पर्यटन संवाद, उ०प्र० संवाद कार्यकम, आदि में भाग लिया गया। इसके अलावा नई दिल्ली में बोधियात्रा, महाकुंभ प्रील्यूड सहित कई आयोजन किए गए। इसके साथ ही जिलों में मेले महोत्सवों का अयोजन किया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश मौजूद पर्यटन संभावनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए फैम ट्रिप कराई जा रही है। देश दुनिया के टूर ट्रेवेल आपरेटर्स, ब्लागर, इन्फ्लूएंसर तथा पत्रकारों की फैम ट्रिप कराई जा रही है।

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