Deoband : मजहब से पहले इंसानियत- देवबंद में मुस्लिमों ने किया हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार

परिवार में कोई जिम्मेदार न होने के चलते मोहल्ले के सभासद अख्तर अंसारी के बेटे और समाजसेवी गुलफाम अंसारी जानकारी लगने पर अपने कई साथियों के साथ उनके घर पहुंचे और उ

Dec 28, 2025 - 22:18
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Deoband : मजहब से पहले इंसानियत- देवबंद में मुस्लिमों ने किया हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार
AI Image: Deoband : मजहब से पहले इंसानियत- देवबंद में मुस्लिमों ने किया हिंदू व्यक्ति का अंतिम संस्कार

  • मोहल्ला कोहला बस्ती पर मुस्लिम आबादी के बीच 20 वर्षों से किराये के मकान में रह रहा हिंदू परिवार
  • परिवार के मुखिया अजय कुमार सैनी की किड़नी की बीमारी के चलते हुई मौत

देवबंद। बांग्लादेश और बिहार में धर्म के नाम पर घटित हुई घटनाओं के बाद देश में धार्मिक गतिविधियां गरमाई हुई हैं। इस बीच गंगा जमुनी तहजीब के लिए प्रसिद्ध देवबंद से धर्म, इंसानियत और भाईचारे की एक ऐसी खबर सामने आई है, जो बताती है कि मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना। नगर के मोहल्ला कोहला बस्ती में मुस्लिमों ने इंसानियत का पैगाम देते हुए पूरी श्रद्धा के साथ हिंदू व्यक्ति की अर्थी तैयार की और उसके अंतिम संस्कार की सभी रस्मों को विधिविधान के साथ पूरा कराया। दरअसल, कोहला बस्ती में मुस्लिम आबादी के बीच अजय कुमार सैनी (40) परिवार के साथ पिछले करीब 20 साल से किराये के मकान में रह रहे थे। किड़नी की बीमारी के कारण दो दिन पूर्व उनकी मौत हो गई।

परिवार में कोई जिम्मेदार न होने के चलते मोहल्ले के सभासद अख्तर अंसारी के बेटे और समाजसेवी गुलफाम अंसारी जानकारी लगने पर अपने कई साथियों के साथ उनके घर पहुंचे और उनके अंतिम संस्कार की सभी तैयारियां पूरी की। उन्होंने अर्थी का सामान इकट्ठा कर पूरी श्रद्धा के साथ अर्थी तैयार की और देवीकुंड स्थित श्मशानघाट में विधिविधान के साथ अंतिम संस्कार कराया। गुलफाम अंसारी ने बताया कि उन्हें हिंदू परंपरा के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने अजय कुमार के घर आए मेहमानों से पूछ-पूछकर अंतिम संस्कार की सभी रस्मों को पूरा किया। इतना ही नहीं परंपरा के मुताबिक तीन दिनों तक अजय कुमार के यहां रुकने वाले मेहमानों के लिए भोजन की व्यवस्था भी की गई।

  • इंजन मैकेनिक थे अजय कुमार

मृतक अजय कुमार सैनी परिवार में अकेले कमाने वाले थे, वे इंजन मैकेनिक थे और उससे होने वाली कमाई से परिवार का पालन पोषण कर रहे थे। पिछले काफी समय से वह किड़नी की बीमारी से जूझ रहे थे। अजय कुमार अपने पीछे माता, पत्नी, तीन बेटी और दो बेटों को छोड़ गए।

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