न्याय की जीत: बालिका से दुष्कर्म के दो दोषियों को 20-20 वर्ष की सजा।
Sambhal: बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक बड़ा फैसला सामने आया है। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, चंदौसी अवधेश सिंह की अदालत ने
उवैस दानिश, सम्भल
सम्भल। बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत एक बड़ा फैसला सामने आया है। विशेष न्यायाधीश, पॉक्सो एक्ट, चंदौसी अवधेश सिंह की अदालत ने मंगलवार 26 अगस्त 2025 को विशेष सत्र परीक्षण संख्या–785/2017 में सुनवाई पूरी करते हुए दो आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई।
मामला थाना गुन्नौर क्षेत्र के ग्राम रसूलपुर का है। यहां के निवासी अभियुक्त किशनपाल पुत्र रामफल और सोनू पुत्र कल्याण ने वर्ष 2017 में नाबालिग पीड़िता को बहला-फुसलाकर विधिपूर्ण अभिरक्षा से अवैध रूप से ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया था।
विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) नरेन्द्र कुमार यादव ने अदालत में प्रभावी पैरवी करते हुए साक्ष्य व गवाहों के आधार पर अभियुक्तों के अपराध को सिद्ध कर दिया। न्यायालय ने अपने आदेश में अभियुक्त किशनपाल और सोनू को दोषी ठहराते हुए 20-20 वर्ष कठोर कारावास और ₹11,000-₹11,000 अर्थदंड की सजा सुनाई।
इस फैसले को न केवल न्याय की जीत बताया जा रहा है, बल्कि यह एक सख्त संदेश भी माना जा रहा है कि बालिकाओं की गरिमा और सुरक्षा से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
इस सफलता का श्रेय उत्तर प्रदेश सरकार की सख्त नीति, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व, जनपद सम्भल के जिलाधिकारी राजेन्द्र पेंसिया, पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार और अभियोजन विभाग की टीम की मेहनत को दिया गया। यह फैसला बालिकाओं की सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता और न्याय व्यवस्था की सजीव मिसाल बन गया है।
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