Waqf Case: 'भारत में एक और पाकिस्तान ना बने', वक्फ विवादों के बीच मोदी को लिखा पत्र

Nov 1, 2024 - 23:46
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Waqf Case: 'भारत में एक और पाकिस्तान ना बने', वक्फ विवादों के बीच मोदी को लिखा पत्र

Waqf Case Special News.

कर्नाटक के विजयपुरा से भाजपा विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नमाल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत में एक और पाकिस्तान का उदय होने से रोकने के उद्देश्य से एक पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में वक्फ बोर्ड की सभी संपत्तियों को सरकार को अपने अधीन करके उसका राष्ट्रीयकरण करने की सलाह दी है। पाटिल ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में कहा, “मैं विनम्रतापूर्वक आपके ऑफिस (PMO) से यह अनुरोध करता हूं कि निष्पक्ष प्रशासन और भविष्य में अन्याय को रोकने के लिए वक्फ संपत्तियों का राष्ट्रीयकरण करने पर विचार किया जाए।

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मौजूदा कानूनों द्वारा सशक्त वक्फ बोर्ड कथित तौर पर व्यक्तियों, किसानों और लंबे समय से चली आ रहे धार्मिक संस्थाओं, जो वक्फ से संबंधित भी नहीं हैं, के स्वामित्व वाली संपत्तियों पर अतिक्रमण कर रहे हैं।” यह पत्र ऐसे समय लिखा गया है जब कर्नाटक के हावेरी जिले के कडकोल गांव में पिछले बुधवार की देर रात कथित तौर पर वक्फ संपत्ति को वापस लेने को लेकर प्रशासनिक आदेश जारी किया गया। इस आदेश के बाद तनाव की स्थिति पैदा हो गई दावा किया जा रहा है कि उक्त संपत्ति पर वहां के कई लोगों का कब्जा है।

धारवाड़ में हिंदुओं की संपत्ति वक्फ के पास, इस मामले पर विवाद

इसी तरह धारवाड़ जिले में कई हिंदू किसानों की भूमि के दस्तावेजों में वक्फ नाम दर्ज होने को लेकर तीखी बहस चल रही है। अब एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है कि जिले में कई मुस्लिम किसानों की संपत्ति के रिकॉर्ड में वक्फ नाम दर्ज है। ऐसे भी आरोप लगे हैं कि हिंदुओं की जमीन वक्फ के पास चली गई है।

पहानी में वक्फ का नाम शामिल होने पर विवाद

यह जमीन कई दशक पहले खरीदी गई थी। साल 2018 से चरणबद्ध तरीके से किसानों की पहानी में वक्फ का नाम दर्ज किया जा रहा है। यहां तक ​​कि जब कोर्ट में केस होता है, तब भी पहानी में वक्फ का नाम दर्ज किया जाता है। हुनगुंडा परिवार की जमीन का मामला कोर्ट में चल रहा था। भाई-बहनों के बीच जमीन का विवाद था।

हालांकि, इसी मौके पर नियमों के बाहर वक्फ नाम दर्ज किया गया। यह आरोप है कि कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया गया।

वक्फ के नाम चिक्कादेवी मंदिर का विवाद

ऐसा ही एक मामला दक्षिण कर्नाटक में भी है। दिवाली के दिन गुरुवार को खबर आई कि मुसलमानों ने मंड्या के नागमंगला तालुक के बेल्लूर में एक निश्चित जमीन को अपने नाम पर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया। लेकिन यहां भी मामला बिगड़ गया। अब पता चला है कि मांड्या जिले के श्रीरंगपटना तालुक के महादेवपुर में श्री चिक्कम्मा चिक्कादेवी मंदिर की पहानी भी वक्फ संपत्ति के रूप में दर्ज है। इससे गांव वाले चिंतित हैं।

यत्नमाल ने कहा कि किसानों, मठों, मंदिरों और पूरे के पूरे गांवों की संपत्तियों पर वक्फ की संपत्ति होने का दावा है। अगर यह जारी रहा तो पूरा देश भविष्य में एक बड़े संकट से गुजरेगा। पीएम को लिखे पत्र में बताया कि कर्नाटक में किसानों, मठों, मंदिरों और मकान मालिकों की संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड ने अपना दावा ठोंक रखा है। यह हमारे संविधान में दिए समानता के अधिकार का उल्लंघन है। केंद्र सरकार के वक्फ अधिनियम की समीक्षा के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति गठित किए जाने के बाद से वक्फ बोर्ड के मनमाने दावे बढ़ गए हैं और नोटिस जारी करने, आरटीसी में नाम बदलने की प्रक्रिया में तेजी आई है।

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अगर वक्फ का मकसद समाज सेवा है तो पंथनिरपेक्ष भारत में यह बिना किसी धार्मिक भेदभाव के होना चाहिए। इस बीच, कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि यत्नमाल को दिमागी दिक्कत है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए।नई दिल्ली में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने बताया कि कर्नाटक में महज तीन हफ्ते में किसानों की 44 संपत्तियों पर कब्जे के लिए नोटिस भेजे गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस यह सब वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। वह यह सब रोकने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा देंगे।

उन्होंने दावा किया कि मामले के तूल पकड़ने पर कर्नाटक के कानून मंत्री एमबी पाटिल ने नोटिस के लिए गजट में गलती को जिम्मेदार ठहराया है। बेंगलुरु में वक्फ बोर्ड को लेकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक के वक्फ व पर्यटन मंत्री जमीर खान में जबानी जंग छिड़ गई। भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के किसानों को वक्फ बोर्ड के नोटिस भेजने पर आपत्ति जताई तो कर्नाटक के मंत्री जमीर खान ने कहा कि भाजपा के शासनकाल में भी वक्फ बोर्ड ने हजारों किसानों को नोटिस दिए हैं।

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