कौन हैं पंकज चौधरी, जो बने उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष?, पूर्वांचल के सात बार सांसद को सौंपी गई कमान।
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज लोकसभा
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महाराजगंज लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए पंकज चौधरी को 14 दिसंबर 2025 को निर्विरोध रूप से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। लखनऊ में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उनके नाम की औपचारिक घोषणा की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पार्टी का झंडा पंकज चौधरी को सौंपा, जिससे नेतृत्व का औपचारिक हस्तांतरण पूरा हुआ।
पंकज चौधरी का जन्म 12 नवंबर 1964 को गोरखपुर में हुआ था। उन्होंने गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए की डिग्री प्राप्त की है। उनके पिता भगवती प्रसाद चौधरी जमींदार थे जबकि माता उज्ज्वला चौधरी महाराजगंज जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं। पंकज चौधरी का विवाह 11 जून 1990 को भाग्यश्री चौधरी से हुआ। वे कुर्मी समुदाय से आते हैं जो अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में आता है। पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर 1989 से शुरू हुआ जब वे गोरखपुर नगर निगम के पार्षद चुने गए। इसके बाद वे गोरखपुर के उपमहापौर बने। 1990 में वे औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। 1991 में पहली बार महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। इसके बाद 1996 और 1998 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की। 1999 में हार का सामना करना पड़ा लेकिन 2004 में फिर जीत हासिल की। 2009 में फिर हार हुई लेकिन 2014, 2019 और 2024 में लगातार जीत दर्ज कर सात बार सांसद बने। वर्तमान में पंकज चौधरी केंद्र सरकार में वित्त राज्य मंत्री हैं। उन्होंने हरिशंकर तिवारी, वीरेंद्र शाही, अखिलेश सिंह और हर्षवर्धन सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को चुनाव में पराजित किया है। महाराजगंज सीट पर उनका मजबूत जनाधार रहा है। पूर्वांचल क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है। वे गोरखपुर से राजनीति की शुरुआत करने वाले नेता हैं और इस क्षेत्र से जुड़े रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन प्रक्रिया में पंकज चौधरी इकलौते उम्मीदवार थे। शनिवार को उन्होंने लखनऊ में पार्टी मुख्यालय में नामांकन दाखिल किया। उनके प्रस्तावकों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक शामिल थे। किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया जिससे उनका निर्विरोध चयन तय हो गया। रविवार को राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सभागार में आयोजित संगठन पर्व कार्यक्रम में घोषणा हुई। कार्यक्रम की शुरुआत स्वस्ति वाचन, शंखनाद और डमरू वादन से हुई। इस नियुक्ति के साथ ही उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय परिषद के 120 सदस्यों का निर्वाचन भी पूरा हुआ। इनमें राजनाथ सिंह, योगी आदित्यनाथ, बृजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, स्मृति ईरानी, सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह जैसे नेता शामिल हैं। पंकज चौधरी पार्टी के 16वें या 17वें प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले 15 या 16 अध्यक्ष रह चुके हैं जिनमें कई पूर्वांचल से जुड़े थे। पंकज चौधरी की नियुक्ति 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी से जुड़ी हुई है। वे कुर्मी समुदाय के चौथे नेता हैं जिन्हें यह जिम्मेदारी मिली है। इससे पहले विनय कटियार, ओम प्रकाश सिंह और स्वतंत्र देव सिंह जैसे नेता इस पद पर रह चुके हैं। कुर्मी समुदाय उत्तर प्रदेश में प्रभावशाली है और अन्य पिछड़ा वर्ग का बड़ा हिस्सा है। पूर्वांचल में उनकी नियुक्ति से क्षेत्रीय संतुलन भी बना हुआ है।
समारोह में कई पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जैसे केशव प्रसाद मौर्य, लक्ष्मीकांत बाजपेयी, महेंद्र नाथ पांडेय, रामपति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही और स्वतंत्र देव सिंह मंच पर मौजूद रहे। कार्यक्रम में लगभग तीन हजार कार्यकर्ता शामिल हुए। घोषणा के बाद पंकज चौधरी को माला और बुके देकर बधाई दी गई। पंकज चौधरी ने कहा कि संगठन और कार्यकर्ता उनके लिए सर्वोपरि हैं। वे संपर्क, संवाद और समन्वय के आधार पर काम करेंगे। कार्यकर्ताओं को अपनी पूंजी बताते हुए उन्होंने कहा कि वे उनके लिए लड़ेंगे और समस्याओं का समाधान करेंगे। पार्टी में जाति या परिवारवाद की कोई जगह नहीं है और एक साधारण कार्यकर्ता को इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिलना इसी का प्रमाण है। यह नियुक्ति पंचायत चुनावों और 2027 विधानसभा चुनावों से पहले हुई है। पार्टी संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी अब उनके कंधों पर है। पूर्वांचल और गोरखपुर क्षेत्र से उनका जुड़ाव पार्टी की रणनीति का हिस्सा है। महाराजगंज सीट पर लगातार जीत उनका चुनावी रिकॉर्ड दर्शाती है।
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