शोले का 50वां साल: ‘शोले – द फाइनल कट’ 12 दिसंबर को 4K में होगी रिलीज, पहली बार दिखेगी ओरिजिनल एंडिंग
‘शोले’ 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी। डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने इसे बनाया, जबकि प्रोड्यूसर जी.पी. सिप्पी थे। स्क्रीनप्ले सलीम-जावेद ने लिखा, जो उस समय की सबसे लोकप्रिय ले
बॉलीवुड की अमर क्लासिक फिल्म ‘शोले’ को रिलीज हुए 50 साल पूरे हो चुके हैं। इस मौके पर फिल्म का रिस्टोर्ड वर्जन ‘शोले – द फाइनल कट’ बड़े पर्दे पर लौट रहा है। 12 दिसंबर 2025 को पूरे भारत में 1500 स्क्रीन्स पर रिलीज होने वाली यह फिल्म 4K क्वालिटी में बनी है और इसमें पहली बार मूल अंत दिखाया जाएगा। सेंसर बोर्ड के दबाव में बदला गया क्लाइमेक्स अब दर्शकों के सामने आएगा, जहां ठाकुर गब्बर को पैरों से कुचलकर मार डालते हैं। सिप्पी फिल्म्स और फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन की यह पहल न केवल सिनेमा प्रेमियों को खुश करेगी, बल्कि पुरानी यादें ताजा भी करेगी। आइए, इस फिल्म की कहानी, निर्माण और रिलीज की तैयारियों को विस्तार से जानते हैं।
‘शोले’ 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई थी। डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने इसे बनाया, जबकि प्रोड्यूसर जी.पी. सिप्पी थे। स्क्रीनप्ले सलीम-जावेद ने लिखा, जो उस समय की सबसे लोकप्रिय लेखक जोड़ी थी। फिल्म की कहानी एक गांव रामगढ़ के इर्द-गिर्द घूमती है, जहां डकैत गब्बर सिंह (अमजद खान) आतंक मचा रहा है। ठाकुर बलदेव सिंह (संजीव कुमार) बदला लेने के लिए दो अपराधी जय (अमिताभ बच्चन) और वीरू (धर्मेंद्र) को बुलाते हैं। फिल्म में बसंती (हेमा मालिनी), राधा (जया बच्चन) और इमाम साहब जैसे किरदार भी यादगार हैं। संगीत आर.डी. बर्मन ने दिया, जिसमें ‘ये दोस्ती’, ‘होली’ और ‘कभी-कभी मेरे दिल में’ जैसे गाने आज भी गुनगुनाए जाते हैं।
फिल्म की शूटिंग 1973 से 1975 तक चली। अधिकांश दृश्य बंकरिमाता, महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में फिल्माए गए। रमेश सिप्पी ने कहा था कि वे एक ऐसे गांव की तलाश में थे, जो राजस्थान जैसा दिखे। बंकरिमाता को वे आदर्श पाए। शूटिंग के दौरान कई मजेदार किस्से हुए। अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र की जोड़ी इतनी हिट हुई कि वे असल जिंदगी में भी दोस्त बन गए। अमजद खान का गब्बर सिंह का किरदार इतना यादगार था कि ‘किटने आदमी थे’ डायलॉग आज भी बोला जाता है। फिल्म का बजट 3 करोड़ रुपये था, जो उस समय के लिहाज से बहुत बड़ा था। रिलीज के बाद यह सुपरहिट साबित हुई और 35 हफ्ते तक थिएटर्स में चली।
अब बात मूल अंत की। मूल क्लाइमेक्स में ठाकुर गब्बर को गिरफ्तार नहीं होने देते। वे गुस्से में गब्बर पर कूद पड़ते हैं और अपने हाथ-पैरों से उसे कुचल देते हैं। यह सीन हिंसक था, इसलिए इमरजेंसी के दौरान सेंसर बोर्ड ने इसे काट दिया। बोर्ड ने कहा कि मौत का दृश्य दिखाना गलत है। रमेश सिप्पी को मजबूरन क्लाइमेक्स दोबारा शूट करना पड़ा। नए अंत में पुलिस गब्बर को गिरफ्तार ले जाती है। सिप्पी ने बाद में बताया कि मूल सीन लंदन में रखे इंटरपॉजिटिव में सुरक्षित था। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने इसे रिकवर किया। फाउंडेशन की डायरेक्टर शिवेंद्र सिंह ढूल ने कहा कि वे लंदन और मुंबई के आर्काइव्स से मटेरियल इकट्ठा कर रहे थे। रंगीन रिवर्सल इंटरमीडिएट में मूल अंत और दो डिलीटेड सीन मिले।
रिस्टोरेशन का काम 2024 से शुरू हुआ। फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन ने 4K में इसे नया जीवन दिया। मूल कैमरा अर्री 2सी का इस्तेमाल कर रीक्रिएट किया गया। साउंड को डॉल्बी 5.1 में बदला गया। कुल 500 घंटे का काम लगा। यह भारत की पहली ऐसी रिस्टोरेशन है, जहां मूल अंत शामिल है। जून 2025 में इसे इटली के बोलोग्ना फिल्म फेस्टिवल में प्रीमियर किया गया। सितंबर 2025 में टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में नॉर्थ अमेरिकन डेब्यू हुआ। अब भारत में रिलीज हो रही है। सिप्पी फिल्म्स ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘वेट इज फाइनली ओवर! शोले – द फाइनल कट 12 दिसंबर 2025 को 1500 स्क्रीन्स पर।’
रिलीज की तैयारियां जोरों पर हैं। फिल्म को देशभर के सिंगल स्क्रीन्स और मल्टीप्लेक्स में दिखाया जाएगा। खास प्रीमियर मुंबई के माराठा मंदिर में होगा, जहां मूल फिल्म चली थी। अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, हेमा मालिनी जैसे कलाकारों को आमंत्रित किया गया है। रमेश सिप्पी ने कहा कि यह रिलीज नई पीढ़ी के लिए है। कई युवा शोले को टीवी या ओटीटी पर देख चुके हैं, लेकिन बड़ा पर्दा अनुभव अलग होगा। प्रचार के लिए पोस्टर्स, टीजर और ट्रेलर रिलीज हो चुके हैं। ट्रेलर में मूल अंत का टीजर दिखाया गया है। सिनेमाघरों में स्पेशल शो प्लान हैं, जहां दर्शक डायलॉग्स बोल सकेंगे।
‘शोले’ का असर आज भी है। यह भारत की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्मों में शुमार है। गब्बर का किरदार अमजद खान को अमर कर गया। अमिताभ को एंग्री यंग मैन का टैग मिला। धर्मेंद्र की हीरोइज्म ने उन्हें एक्शन हीरो बनाया। फिल्म ने बॉलीवुड को वेस्टर्न जॉनर दिया। सलीम-जावेद की स्क्रिप्टिंग ने स्टोरीटेलिंग बदली। आर.डी. बर्मन के गाने आज भी वेडिंग्स में बजते हैं। री-रिलीज से बॉक्स ऑफिस पर कमाई की उम्मीद है। 2004 में 30वीं वर्षगांठ पर रिलीज हुई थी, तो 10 करोड़ कमा चुकी थी। अब 4K वर्जन से ज्यादा उम्मीदें हैं।
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