Hardoi: घर की लक्ष्मी को हमें मां,बहन या बेटी की तरह रखना चाहिए- कथाव्यास
हमारे घर की लक्ष्मी को हमें मां,बहन या बेटी की तरह रखना चाहिए, भोग्या की तरह कभी नहीं।रावण ने ऐसा करना चाहा था तो उसके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था।
Hardoi News INA.
नुमाइश मैदान में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के विश्राम दिवस पर वृंदावन से पधारे कथाव्यास श्री कविचंद्र दास जी ने कहा कि कृष्ण लीला की रुक्मणि जी लक्ष्मी जी का अवतार हैं। हमारे घर की लक्ष्मी को हमें मां,बहन या बेटी की तरह रखना चाहिए, भोग्या की तरह कभी नहीं।रावण ने ऐसा करना चाहा था तो उसके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था। वेदों में लक्ष्मी को गेंद जैसा गोलाकार बताया गया है ; उसका नाम चंचला है,वो हमेशा इधर से उधर लुढ़कती रहती है। मात्र नारायण भगवान के चरणों में स्थिर होती है।इसलिए अपनी गृहलक्ष्मी को यदि स्थिर करना हो,तो उसे नारायण की सेवा में नियुक्त करते रहना चाहिए।
सुदामा चरित्र सुनाते हुए कथाव्यास ने कहा कि भगवान गरीबी देते हैं भजन करने के लिए,और अमीरी देते हैं दान करने के लिए।शास्त्रों में लिखा है कि यदि कोई गरीब होकर भजन ना करे,अथवा अमीर होकर भी दान ना करे तो उसके गले में एक भारी पत्थर बांधकर गंगा जी में डुबो देना चाहिए।...ये कथा श्री गोविंद राधे समिति द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें अमित गुप्ता,अनुराग दीक्षित,प्रभाकर अग्निहोत्री,भरत पांडे,अंकुल जी गुप्ता,घनश्याम गुप्ता,राजेश गुप्ता कटिन्ना आदि ने कार्यभार संभाला।...कथा के उपरांत हज़ारों भक्तों ने भंडारे का प्रसाद पाया। इस कथा में अमित गुप्ता,प्रभाकर अग्निहोत्री, अनुराग दीक्षित, राजेश गुप्ता, अरविंद अवस्थी, राजू तिवारी, भरत पाण्डेय, अलोक गुप्ता, पियूष भारद्वाज, अरविन्द मिश्रा, रामसेवक शर्मा, मंजू गुप्ता, अजय मिश्रा, नीतू द्विवेदी, , , राम प्रकाश मिश्रा, विपिनइस कथा में अमित गुप्ता,प्रभाकर अग्निहोत्री, अनुराग दीक्षित, राजेश गुप्ता, अरविंद अवस्थी, राजू तिवारी, भरत पाण्डेय, अलोक गुप्ता, पियूष भारद्वाज, अरविन्द मिश्रा, रामसेवक शर्मा, मंजू गुप्ता, अजय मिश्रा, नीतू द्विवेदी, सत्यवती शुक्ला, सत्येंद्र गुप्ता, गौरव भदौरिया, राम प्रकाश मिश्रा, विपिन कनौजिया, आदि उपस्थित थे।।
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