Sitapur: सर्वपितृ अमावस्या पर नाभिगया तीर्थ नैमिषारण्य में लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया पितृ विसर्जन         

आदिशक्ति ललिता माँ के चरणों में शीश झुकाकर परिवार कल्याण के लिए माता से प्रार्थना की

Oct 2, 2024 - 23:38
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Sitapur: सर्वपितृ अमावस्या पर नाभिगया तीर्थ नैमिषारण्य में लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं ने किया पितृ विसर्जन         

पितृ विसर्जन अमावस्या पर्व पर चक्र तीर्थ व गोमती नदी मे श्रद्धा के साथ श्रद्धालुओ ने लगाई डुबकी

Naimisharanya- Sitapur News INA.
 
सनातन तीर्थ नैमिषारण्य में पितृ विसर्जनि अमावस्या के मौके पर भोर होते ही लाखो की संख्या में श्रद्धालुओं का जनसैलाब  उमड़ा लोगो ने गोमती और चक्रतीर्थ में डुबकी लगाई अमावस्या की पूर्व संध्या पर ही श्रद्धालुओं का आने का क्रम शुरू हो गया था जो अमावस्या को पूरे दिन देर शाम तक चलता रहा श्रद्धालुओं ने ब्रम्हमुहूर्त से गगनभेदी जयगोष के साथ श्रद्धालुओं ने चक्रतीर्थ, गोमती नदी के राजघाट, देवदेवेश्वर घाट रुद्रावर्त घाट पर स्नान करना प्रारंभ कर दिया था स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने तीर्थ  पुरोहितों, कन्याओं व साधु संतों को दान दक्षिणा और फल-फलाहारी आदि दान किया उसके बाद आदिशक्ति ललिता माँ के चरणों में शीश झुकाकर परिवार कल्याण के लिए माता से प्रार्थना की उसके बाद श्रद्धालुओं ने ललितेश्वर महादेव, बाबा भूतनाथ,श्री रामजानकी बद्रीनारायण धाम शिवाला वाले सिद्धेश्वर, दशाश्वमेघ घाट वाले सिद्धेश्वर, देवदेवेश्वर महादेव, सेतुबंध रामेश्वरम, रुद्रावर्त,आदि शिव मंदिरों  में जल चढ़ाने के साथ साथ नैमिष के व्यासगद्दी, सूतगद्दी, हनुमान गढ़ी, कालीपीठ, बालाजी, देवपुरी, नारदानंद आश्रम, पहला आश्रम,गायत्री पीठ, चार धाम आदि देवस्थानों पर माथा टेककर मान मनौती मांगी.

पितरों की विदाई की पित्र विसर्जनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने पिंडदान तर्पण कर पितरों की विदाई की इस मौके पर ब्राम्हणों को विशेष दान दिया अमावस्या  के पर्व पर विभिन्न आश्रमों में भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों श्रद्धालुओं द्वारा प्रसाद ग्रहण किया गया मेला के मद्देनजर पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखा. भाद्र पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्वनी माह की अमावस्या तक रहने वाले पितृ पक्ष अमावस्या तिथि को समाप्त होते हैं. यह पर्व श्राद्ध का 15वां दिन है. इस लिय इसको सर्वपितृ अमावस्या कहते हैं. जब पितरों की देहावसान तिथि अज्ञात हो तो पितरों की शांति के लिए पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करने का नियम हैं. ऐसी दशा में भी पितृ विसर्जन अमावस्या को श्राद्ध करना चाहिए. 

- जो व्यक्ति पितृपक्ष के 15 दिनों तक तर्पण, श्राद्ध आदि नहीं कर पाते या जिन लोगों को अपने पितरों की मृत्यु तिथि याद न हो, उन सभी लोगों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण, दान आदि इसी अमावस्या को किया जाता है.

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