Ahemdabad News: 'जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोय'- अहमदाबाद प्लेन क्रैश में चमत्कारिक ढंग से जिंदा बचे रमेश विश्वास कुमार
रमेश ने बताया कि वह विमान की सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो विमान के पिछले हिस्से में थी। विशेषज्ञों के अनुसार, विमान की पिछली सीटें हादसों में अपेक्षाकृत सुरक्षि...
By INA News Ahemdabad.
अहमदाबाद : गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर एक भयावह विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर (फ्लाइट AI-171), जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक के लिए उड़ान भर रहा था, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानी नगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर समेत कुल 242 लोग सवार थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित 241 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, लेकिन इस तबाही के बीच एक चमत्कार की कहानी सामने आई है। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, जो सीट नंबर 11A पर बैठे थे, इस भीषण हादसे में जीवित बच निकले।
हादसे का भयावह मंजर
हादसा दोपहर करीब 1:38 बजे हुआ, जब विमान ने अहमदाबाद हवाई अड्डे से उड़ान भरी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, विमान के इंजन में तकनीकी खराबी के कारण यह हादसा हुआ। टेकऑफ के तुरंत बाद विमान मेघानी नगर के घनी आबादी वाले इलाके में स्थित बीजे मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि विमान आग का गोला बन गया, और आसमान में काले धुएं का गुबार छा गया। हादसे के बाद मलबे में आग लग गई, जिससे आसपास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा। सड़कों पर जले हुए शव बिखरे पड़े थे, जिन्हें पहचानना मुश्किल हो रहा था।
हादसे के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड, पुलिस, और आपदा प्रबंधन की टीमें मौके पर पहुंचीं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराने के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू भी घटनास्थल पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया।
चमत्कार की कहानी: रमेश विश्वास कुमार
इस भयानक हादसे में एकमात्र जीवित बचे यात्री रमेश विश्वास कुमार की कहानी किसी चमत्कार से कम नहीं है। रमेश, जो पिछले 20 सालों से लंदन में रह रहे हैं, अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने जा रहे थे। हादसे के बाद सामने आए एक वीडियो में रमेश को लंगड़ाते हुए घटनास्थल पर चलते हुए देखा गया। उन्होंने मीडिया को बताया, "उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद एक तेज धमाका हुआ, और विमान नीचे गिर गया। जब मैं होश में आया, तो मेरे चारों तरफ लाशें बिखरी थीं। मैं बहुत डर गया था और वहां से भागने लगा।"
रमेश ने बताया कि वह विमान की सीट नंबर 11A पर बैठे थे, जो विमान के पिछले हिस्से में थी। विशेषज्ञों के अनुसार, विमान की पिछली सीटें हादसों में अपेक्षाकृत सुरक्षित मानी जाती हैं, क्योंकि टक्कर का असर आगे की सीटों पर ज्यादा होता है। रमेश को मामूली चोटों के साथ सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल पहुंचकर रमेश से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली।
एयर इंडिया ने हादसे पर दुख जताते हुए एक बयान जारी किया, जिसमें बताया गया कि विमान में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। एयर इंडिया ने यात्रियों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1800 5691 444 जारी किया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी एक परिचालन नियंत्रण कक्ष सक्रिय किया है, जिसके नंबर 011-24610843 और 9650391859 हैं। ब्रिटिश सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 02070085000 जारी किया है।
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, "हम इस हादसे की निष्पक्ष और गहन जांच करेंगे। यह जानकर बहुत दुख हुआ कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी इस विमान में सवार थे। हम सभी प्रभावित परिवारों के साथ हैं।" टाटा ग्रुप के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने मृतकों के परिजनों के लिए एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के इलाज का खर्च उठाने की घोषणा की है।
यह हादसा बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की तकनीकी विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहा है। 2024 में बोइंग के एक व्हिसलब्लोअर ने ड्रीमलाइनर की संरचनात्मक समस्याओं की ओर इशारा किया था, जिसके बाद अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) ने जांच शुरू की थी। यह जांच अभी भी जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस हादसे की वजह इंजन की तकनीकी खराबी या पायलट की त्रुटि हो सकती है।
हादसे के बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें क्रैश साइट से उठता काला धुआं और मलबे में तब्दील विमान साफ दिखाई दे रहा है। एक सीसीटीवी फुटेज में विमान को टेकऑफ करते और फिर अचानक नीचे गिरते हुए देखा गया। हादसे ने 1988 के अहमदाबाद विमान हादसे की यादें ताजा कर दीं, जिसमें 113 लोगों की मौत हुई थी।
हादसे के बाद गुजरात सरकार ने युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू किए। अब तक 186 शवों को अस्पताल लाया जा चुका है, और मृतकों की पहचान के लिए डीएनए टेस्टिंग की प्रक्रिया शुरू की गई है। विदेश में रहने वाले परिजनों को सूचित कर दिया गया है। हादसे में मारे गए लोगों में कई डॉक्टर और मेडिकल छात्र भी शामिल हैं, क्योंकि विमान बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराया था।
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