शाहाबाद/हरदोई। जहां एक तरफ तिलचट्टे (ककरोज) को देखकर कई महिलाएं चीख उठती हैं, वहीं शाहाबाद ब्लॉक में तैनात सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) जीतेंद्र सिंह तोमर की पत्नी रेनू सिंह के साहस की चर्चा हर तरफ हो रही है। उनकी नन्ही सी कोशिश ने न सिर्फ एक खतरनाक स्थिति को संभाला, बल्कि उन्हें सम्मान का पात्र भी बनाया।
बुधवार शाम करीब 5 बजे शाहाबाद ब्लॉक कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब एक दो फीट लंबा जहरीला सांप दिखाई दिया। कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई; कुछ भागने लगे, तो कुछ झाड़ू-डंडे की तलाश में जुट गए। लेकिन जहरीला सर्प होने के डर से कोई उसे पकड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। तभी ब्लॉक परिसर में सपरिवार रह रहीं एडीओ पंचायत की पत्नी रेनू सिंह को इसकी सूचना मिली। रेनू ने बिना देर किए मौके पर पहुंचकर न केवल साहस दिखाया, बल्कि सांप को मारने या भगाने के बजाय उसे पकड़ने का फैसला लिया। आधे घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्होंने अपनी बहादुरी का परिचय देते हुए सांप को एक बोतल में कैद कर लिया।
इसके बाद कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।रेनू सिंह ने कहा, "सावन माह में सांप का दिखना शुभ माना जाता है।
इसे मारना नहीं चाहिए।" उनकी इस सोच और साहस से प्रभावित होकर प्रधान संघ के अध्यक्ष व ककरघटा प्रधान शरद सिंह, पंचायत सचिव नितांत रस्तोगी, प्रधान अभिषेक वर्मा, राघवेंद्र सिंह भूरे, सुधीर पाल, सनी सिंह, सुमित सिंह, अनुराग सिंह, अरविंद पांडेय, अमर पांडेय सहित अन्य ने रेनू सिंह को शिव जी की मूर्ति भेंट कर सम्मानित किया।रेनू की इस बहादुरी ने न केवल ब्लॉक कार्यालय में एक मिसाल कायम की, बल्कि यह संदेश भी दिया कि साहस और सूझबूझ से किसी भी मुश्किल स्थिति को संभाला जा सकता है।