Sambhal: जिला अस्पताल में बढ़े जानवरों के काटने के मामले, 12,300 लोग हो चुके शिकार।
जिले में आवारा और जंगली जानवरों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिला अस्पताल में रोजाना कुत्ता, बिल्ली, बंदर और गीदड़ के काटने
उवैस दानिश, सम्भल
सम्भल: जिले में आवारा और जंगली जानवरों के काटने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जिला अस्पताल में रोजाना कुत्ता, बिल्ली, बंदर और गीदड़ के काटने से पीड़ित लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार 1 अप्रैल से अब तक कुल 12,300 लोग इन जानवरों के काटने का शिकार हो चुके हैं। इनमें सबसे अधिक मामले कुत्तों के काटने के सामने आए हैं।
अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार इस अवधि में करीब 8,000 लोगों को कुत्तों ने काटा, जबकि 200 लोग बिल्लियों के काटने से घायल हुए हैं। इसके अलावा 4,000 से अधिक लोगों को बंदरों ने काटा है, वहीं करीब 100 लोग गीदड़ के हमले का शिकार बने हैं। रोजाना दर्जनों मरीज एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंच रहे हैं, जिससे अस्पताल पर भी दबाव बढ़ रहा है। जिला अस्पताल में तैनात डॉ. सतवीर सिंह नर्सिंग सहायक ने बताया कि किसी भी जानवर के काटने की स्थिति में घबराने के बजाय तुरंत प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि काटे गए स्थान को तुरंत साफ पानी और साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए, ताकि वायरस का खतरा कम हो सके। इसके बाद बिना देरी किए नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाकर एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाना चाहिए। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे आवारा जानवरों से दूरी बनाए रखें, बच्चों को अकेले बाहर न छोड़ें और किसी भी तरह के काटने को हल्के में न लें। समय पर इलाज न मिलने पर रेबीज जैसी घातक बीमारी का खतरा बना रहता है।
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