धर्मध्वज पर उंगली उठाने वालों की उंगली काट दो, पूर्व सांसद नवनीत राणा का बयान, साध्वी प्राची को दिया समर्थन।
महाराष्ट्र की पूर्व सांसद और भाजपा नेता नवनीत राणा ने एक बार फिर अपने तीखे बयानों से सुर्खियां बटोरी हैं। 27 नवंबर 2025 को
अमरावती। महाराष्ट्र की पूर्व सांसद और भाजपा नेता नवनीत राणा ने एक बार फिर अपने तीखे बयानों से सुर्खियां बटोरी हैं। 27 नवंबर 2025 को अमरावती में आयोजित एक धार्मिक सभा के दौरान उन्होंने कहा, "धर्मध्वज पर उंगली उठाने वालों की उंगली काट दो।" यह बयान हिंदू महासभा की नेता साध्वी प्राची के समर्थन में आया, जिन्हें हाल ही में एक कार्यक्रम में कथित तौर पर अपमानित किया गया था। नवनीत ने सभा में मौजूद समर्थकों से अपील की कि हिंदू धर्म की पवित्रता पर कोई आंच न आने दें। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और विपक्षी दलों ने इसे हिंसक करार दिया। हालांकि, भाजपा ने इसे धार्मिक भावनाओं की अभिव्यक्ति बताया। यह घटना नवनीत के पिछले विवादों को याद दिलाती है, जहां उनके बयानों ने कई बार राजनीतिक तूफान खड़ा किया था।
नवनीत राणा का राजनीतिक सफर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। वे 2019 में अमरावती से निर्दलीय सांसद चुनी गईं, लेकिन 2022 में महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने के प्रयास के कारण गिरफ्तार हुईं। इस घटना ने उन्हें हिंदू हृदय सम्राट का टैग दिलाया। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गईं और 2024 लोकसभा चुनाव में अमरावती से टिकट की दौड़ में रहीं, लेकिन अंत में हार गईं। नवनीत और उनके पति नेलम राणा एक-दूसरे के पूरक माने जाते हैं, जो धार्मिक मुद्दों पर मुखर रहते हैं। साध्वी प्राची, जो हिंदू महासभा की प्रमुख हैं, हाल ही में एक कार्यक्रम में कथित रूप से अपमानित हुईं, जब कुछ लोगों ने उनके धर्मध्वज को छुआ। नवनीत ने इसे हिंदू अस्मिता पर हमला बताया और कहा कि ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए। सभा में मौजूद सैकड़ों समर्थकों ने उनके बयान पर तालियां बजाईं।
यह बयान अमरावती के एक प्रमुख मंदिर परिसर में हुई सभा में आया। नवनीत ने कहा, "हमारा धर्मध्वज हमारी आस्था का प्रतीक है। जो इस पर उंगली उठाएगा, उसकी उंगली काट देंगे। साध्वी प्राची जैसे साध्वियों का अपमान बर्दाश्त नहीं।" उनका यह कथन साध्वी प्राची के एक पुराने विवाद से जुड़ा था, जहां उन्होंने कहा था कि हिंदू राष्ट्र के लिए कट्टरता जरूरी है। नवनीत ने साध्वी को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया और कहा कि हिंदू महिलाओं को आगे आना होगा। सभा में भाजपा के स्थानीय नेता और कार्यकर्ता भी मौजूद थे। वीडियो फुटेज में नवनीत का जोशीला अंदाज साफ दिख रहा है। उन्होंने आगे कहा, "हम शांतिप्रिय हैं, लेकिन हमारी सीमा लांघने वालों को जवाब देना जानते हैं।" यह बयान महाराष्ट्र में बढ़ते धार्मिक तनाव के बीच आया, जहां हाल ही में कुछ घटनाओं ने विवाद पैदा किया था।
विपक्ष ने नवनीत के बयान की कड़ी निंदा की। शिवसेना (यूटिल) के नेता संजय राउत ने एक्स पर लिखा, "यह हिंसा का आह्वान है। लोकतंत्र में ऐसी भाषा अस्वीकार्य।" कांग्रेस ने भी कहा कि भाजपा नेता धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र पुलिस ने बयान का संज्ञान लिया और नवनीत को नोटिस भेजने की बात कही। लेकिन भाजपा ने बचाव किया। अमरावती के जिला अध्यक्ष ने कहा, "यह भावनात्मक अपील है, हिंसा का प्रचार नहीं।" नवनीत ने भी सफाई दी कि उनका बयान प्रतीकात्मक था, न कि शाब्दिक। उन्होंने कहा, "मैंने सिर्फ हिंदू गौरव की रक्षा की बात की।" यह विवाद सोशल मीडिया पर फैल गया, जहां #NavneetRanaStatement ट्रेंड करने लगा। लाखों यूजर्स ने इसे शेयर किया, कुछ ने समर्थन दिया तो कुछ ने आलोचना।
नवनीत राणा का यह अंदाज नया नहीं है। 2022 में हनुमान चालीसा विवाद के दौरान उन्होंने कहा था कि वे मस्जिदों पर हिंदू मंदिर बनवाएंगी। इससे महाराष्ट्र में तनाव बढ़ गया था। 2024 चुनावों में उन्होंने कहा था कि वे हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ेंगी। उनके पति नेलम राणा भी इसी तरह के बयान देते हैं। साध्वी प्राची के साथ उनका पुराना नाता है, जो हिंदू संगठनों में सक्रिय हैं। साध्वी ने नवनीत को धन्यवाद देते हुए कहा, "बहनों का साथ मिला तो हिंदुत्व मजबूत होगा।" यह बयान महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश सीमा पर तनाव के बीच आया, जहां धार्मिक आयोजन बढ़े हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान राजनीतिक लाभ के लिए होते हैं।
सभा के बाद नवनीत ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा, "हिंदू धर्म पर हमले हो रहे हैं, हमें एकजुट होना होगा।" विपक्ष ने चुनाव आयोग से शिकायत की। लेकिन नवनीत ने इसे राजनीतिक साजिश बताया। सोशल मीडिया पर मीम्स भी बनने लगे, जहां उनके बयान पर मजाक उड़ाया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, "उंगली काटने से पहले कानून का पालन करें।" भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे हिंदू एकता का प्रतीक कहा। यह घटना महाराष्ट्र की राजनीति को प्रभावित कर सकती है। नवनीत अब विधान परिषद चुनाव की तैयारी कर रही हैं।
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