आगरा में साइबर ठगी का घिनौना रूप: टैटू के बहाने महिला से कैमरे पर कपड़े उतरवाए।
ताजमहल का शहर, जो अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक सनसनीखेज साइबर अपराध के कारण चर्चा...
आगरा। ताजमहल का शहर, जो अपनी खूबसूरती और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है, हाल ही में एक सनसनीखेज साइबर अपराध के कारण चर्चा में है। एक महिला ने आरोप लगाया है कि साइबर ठगों ने टैटू देखने के बहाने उसे कैमरे के सामने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। यह घटना न केवल साइबर अपराध की बढ़ती गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि कैसे ठग नई-नई तकनीकों का उपयोग करके लोगों, विशेषकर महिलाओं, को निशाना बना रहे हैं।
यह चौंकाने वाली घटना आगरा के एक शहरी क्षेत्र में हुई, जब एक महिला को एक अज्ञात व्यक्ति ने वीडियो कॉल के जरिए संपर्क किया। ठग ने खुद को टैटू डिज़ाइनर या कला प्रेमी बताकर महिला से उनके टैटू के बारे में बात शुरू की। महिला के अनुसार, ठग ने विश्वास जीतने के लिए पहले सामान्य बातचीत की और फिर टैटू की तस्वीरें या वीडियो देखने की माँग की। बातचीत के दौरान, ठग ने धोखे से महिला को कैमरे के सामने कपड़े उतारने के लिए उकसाया, जिसे रिकॉर्ड कर लिया गया। बाद में, इस रिकॉर्डिंग का उपयोग कर ठगों ने महिला को ब्लैकमेल करने की कोशिश की, पैसे की माँग की, और धमकी दी कि वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा।
महिला ने हिम्मत दिखाते हुए इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस में दर्ज की। आगरा पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और साइबर क्राइम सेल को इसकी जाँच सौंपी। प्रारंभिक जाँच में पता चला कि यह एक संगठित साइबर गिरोह का काम हो सकता है, जो सोशल मीडिया और वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कर लोगों को निशाना बनाता है। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें जबरन वसूली, ब्लैकमेलिंग, और महिला की गरिमा को ठेस पहुँचाने जैसे आरोप शामिल हैं।
- साइबर अपराध का बढ़ता खतरा
यह घटना साइबर अपराधों की एक नई और घिनौनी रणनीति को दर्शाती है, जिसे ‘सेक्सटॉर्शन’ के रूप में जाना जाता है। हाल के वर्षों में, भारत में साइबर अपराधों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। 2024 में, डिजिटल अरेस्ट स्कैम्स के 123,672 मामले दर्ज किए गए, जिनमें पीड़ितों को 1,935.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इस तरह की ठगी में अपराधी अक्सर पुलिस, CBI, या अन्य सरकारी अधिकारियों के रूप में पेश आते हैं, लेकिन इस मामले में टैटू जैसे व्यक्तिगत और आकर्षक विषय का उपयोग कर पीड़िता को फँसाया गया। यह दर्शाता है कि साइबर ठग कितनी चालाकी से लोगों की भावनाओं और विश्वास का दुरुपयोग करते हैं।
X पर इस घटना को लेकर कई पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें लोग इस तरह के अपराधों के प्रति आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह शर्मनाक है कि महिलाओं को इस तरह की ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। पुलिस को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।” यह घटना उन चुनौतियों को भी उजागर करती है, जो डिजिटल युग में महिलाओं की सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़ी हैं।
आगरा पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और साइबर क्राइम सेल के विशेषज्ञ इसकी जाँच में जुटे हैं। पुलिस ने संदिग्ध कॉल और मैसेज के IP एड्रेस को ट्रेस करने की प्रक्रिया शुरू की है। साथ ही, यह भी जाँच की जा रही है कि क्या यह एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का हिस्सा है, जैसा कि हाल के कई साइबर अपराधों में देखा गया है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे अनजान कॉल्स या मैसेज पर भरोसा न करें और ऐसी किसी भी घटना की तुरंत शिकायत 1930 नंबर पर करें, जो साइबर क्राइम हेल्पलाइन है।
आगरा के पुलिस अधीक्षक ने एक बयान में कहा, “हम इस मामले में पूरी गंभीरता से जाँच कर रहे हैं। पीड़िता की गोपनीयता और सम्मान की रक्षा हमारी प्राथमिकता है। दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ा जाएगा।” इस घटना ने पुलिस प्रशासन पर भी दबाव बढ़ाया है कि वे साइबर अपराधों के खिलाफ और सख्त कदम उठाएँ।
यह घटना समाज में डिजिटल साक्षरता और जागरूकता की कमी को उजागर करती है। साइबर ठग अक्सर उन लोगों को निशाना बनाते हैं, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जोखिमों से पूरी तरह वाकिफ नहीं होते। विशेष रूप से महिलाएँ और बुजुर्ग इस तरह की ठगी का आसान शिकार बन जाते हैं। इस मामले ने यह भी दिखाया कि कैसे ठग व्यक्तिगत और भावनात्मक विषयों का उपयोग कर लोगों को अपने जाल में फँसाते हैं।
महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाले संगठनों ने इस घटना की निंदा की है और माँग की है कि सरकार और पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ और सख्त कानून लागू करें। साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया है कि स्कूलों और कॉलेजों में डिजिटल सुरक्षा पर जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएँ।
इस घटना ने समाज को कई महत्वपूर्ण सबक सिखाए हैं। पहला, अनजान लोगों के साथ ऑनलाइन बातचीत में सावधानी बरतना जरूरी है। दूसरा, किसी भी तरह की व्यक्तिगत जानकारी या वीडियो साझा करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जाँच करना अनिवार्य है। तीसरा, साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए।
आगरा में यह घटना उन कई मामलों में से एक है, जो डिजिटल युग में बढ़ते अपराधों की ओर इशारा करती है। हाल ही में, आगरा में ही नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत फर्जी जन्म और नसबंदी के रिकॉर्ड बनाकर ठगी के मामले सामने आए हैं, जो दर्शाते हैं कि यह शहर अपराधियों के लिए एक नया केंद्र बन रहा है।
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