बिहार विधानसभा में सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव की तीखी भिड़ंत- 'बाप अपराधी' से 'पैंट गीली' तक पहुंची बात।
Bihar Political News: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन पटना में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस ...
Bihar Political News: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन पटना में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस ने सदन का माहौल गरमा दिया। वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और पेपर लीक के मुद्दों पर शुरू हुई चर्चा व्यक्तिगत टिप्पणियों तक पहुंच गई। सम्राट चौधरी ने तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए कहा, "जिसका बाप अपराधी हो, वो क्या बोलेगा? चल हट, लुटेरा हो लुटेरा।" जवाब में तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, "ज्यादा जोर से बोलोगे तो पैंट गीली हो जाएगी।" इस बहस ने सदन में हंगामा मचा दिया, और बीजेपी-आरजेडी विधायकों के बीच धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई।
तेजस्वी यादव ने सदन में वोटर लिस्ट के सत्यापन में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया। उन्होंने दावा किया कि बूथ स्तर के अधिकारी (BLO) फर्जी हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान लगा रहे हैं, और इस गड़बड़ी को उजागर करने वाले पत्रकारों पर FIR दर्ज की जा रही है। उन्होंने सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा, "पत्रकारों पर केस करने वाले आप कौन होते हैं?" इस पर सम्राट चौधरी भड़क गए और तेजस्वी के पिता लालू यादव पर व्यक्तिगत टिप्पणी कर दी।
सम्राट ने कहा, "जिसका बाप अपराधी हो, वो क्या बोलेगा?" यह सुनते ही आरजेडी विधायक खड़े हो गए और हंगामा शुरू हो गया। तेजस्वी ने जवाब में व्यंग्य करते हुए कहा, "ज्यादा जोर से बोलोगे तो पैंट गीली हो जाएगी।" इस बयान ने सदन को और गरमा दिया। बीजेपी विधायक संजय सिंह ने माइक तोड़कर तेजस्वी की ओर बढ़ने की कोशिश की, जिसके बाद दोनों पक्षों के विधायक आमने-सामने आ गए। मार्शलों और सुरक्षा जवानों को बीच-बचाव करना पड़ा।
- तेजस्वी का जवाब और आरोप
सदन के बाहर तेजस्वी ने मीडिया से कहा, "मेरे भाषण के दौरान सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायक बार-बार टोक रहे थे। मेरे माता-पिता और बहन को अपशब्द कहे गए, फिर भी मैंने संयम रखा। 'पैंट गीली' कोई गाली नहीं, यह व्यंग्य था।" उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वे सच सुनने की हिम्मत नहीं रखते और हंगामा करके मुद्दों से ध्यान हटाना चाहते हैं। तेजस्वी ने यह भी कहा कि डिप्टी सीएम बदजुबान हैं और उनके विधायक बड़बोले।
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी चुप्पी से लगता है कि बीजेपी ने उन्हें हाईजैक कर लिया है। उन्होंने नीतीश से अपील की कि बिहार में किसी का नाम वोटर लिस्ट से न कटे।
- तेज प्रताप और रोहिणी आचार्य की प्रतिक्रिया
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने सम्राट चौधरी पर पलटवार करते हुए कहा, "अगर मैं सदन में होता, तो उनका बुखार उतार देता। किसी के पिता को गाली देना कहां तक सही है? ये लोग गुंडा पार्टी से आते हैं।" तेजस्वी की बहन रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जिसका बाप सेना का भगोड़ा और नरसंहारी हो, उसकी भाषा गटर की पैदाइश जैसी होती है।" उन्होंने बिना नाम लिए सम्राट पर निशाना साधा।
हंगामे के दौरान विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने विधायकों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ती गई। बीजेपी विधायक संजय सिंह को डांटते हुए उन्होंने कहा, "संजय, रोको!" आखिरकार सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। वीडियो में दिखा कि दोनों पक्षों के विधायक एक-दूसरे की ओर बढ़े, और मार्शलों ने लाइन बनाकर उन्हें रोका।
यह विवाद वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर शुरू हुआ, जिस पर आरजेडी ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। तेजस्वी ने दावा किया कि सरकार और चुनाव आयोग मिलकर वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रहे हैं। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की संभावना भी जताई और कहा कि असली खेल 1 अगस्त से शुरू होगा, जब मसौदा वोटर लिस्ट तैयार होगी।
दूसरी ओर, सम्राट चौधरी ने पेपर लीक के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिहार में ऐसा कभी नहीं हुआ। बीजेपी और जेडीयू ने तेजस्वी के बहिष्कार के बयान को उनकी हार का डर बताया। पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा, "जो मैदान छोड़कर भागना चाहते हैं, भाग जाएं।"
यह घटना बिहार की राजनीति में बढ़ते तनाव को दर्शाती है। विधानसभा में व्यक्तिगत टिप्पणियों और अपशब्दों ने सदन की गरिमा पर सवाल उठाए। सोशल मीडिया पर लोगों ने इसकी निंदा की। एक यूजर ने लिखा, "राजनीति में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मर्यादा नहीं टूटनी चाहिए।" विशेषज्ञों का कहना है कि बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव बढ़ रहा है। व्यक्तिगत हमले और हंगामे से लोकतंत्र की छवि कमजोर होती है।
बिहार विधानसभा में सम्राट चौधरी और तेजस्वी यादव की तीखी बहस ने सदन को हंगामे का अखाड़ा बना दिया। 'बाप अपराधी' से लेकर 'पैंट गीली' तक की टिप्पणियों ने राजनीतिक मर्यादा को नुकसान पहुंचाया। वोटर लिस्ट और पेपर लीक जैसे गंभीर मुद्दे व्यक्तिगत हमलों में दब गए। यह घटना बिहार की राजनीति में बढ़ते तनाव और चुनावी माहौल की गर्मी को दर्शाती है। सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए नेताओं को संयम और जिम्मेदारी से काम करना होगा।
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