नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच सिहावा विधायक और पूर्व विधायक सड़क पर गिर पड़े, कई जिलों में भाजपा कार्यालय घेराव और नारेबाजी

दिल्ली की एक अदालत ने 16 दिसंबर 2025 को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर

Dec 20, 2025 - 13:15
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नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच सिहावा विधायक और पूर्व विधायक सड़क पर गिर पड़े, कई जिलों में भाजपा कार्यालय घेराव और नारेबाजी
नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली कोर्ट के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदर्शन के बीच सिहावा विधायक और पूर्व विधायक सड़क पर गिर पड़े, कई जिलों में भाजपा कार्यालय घेराव और नारेबाजी

दिल्ली की एक अदालत ने 16 दिसंबर 2025 को नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के कई जिलों में भाजपा कार्यालयों का घेराव करने की कोशिश की और सत्यमेव जयते के नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया। रायपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय की ओर मार्च किया, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया, जिससे पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हुई। दुर्ग जिले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व गृहमंत्री तमरध्वज साहू के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हुए। यहां कार्यकर्ताओं ने पुलिस की पहली और दूसरी बैरिकेडिंग तोड़कर भाजपा कार्यालय के करीब पहुंचने की कोशिश की, जिससे पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। धमतरी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय का घेराव किया, पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोका, जिससे झड़प हुई और प्रदर्शन के दौरान सिहावा विधायक और एक पूर्व विधायक पोस्टर में पैर फंसने से सड़क पर गिर गए, जिससे उन्हें हल्की चोटें आईं। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया।

प्रदर्शन छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर आयोजित किए गए। बिलासपुर, दुर्ग, धमतरी, रायपुर सहित कई जिलों में कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर नारेबाजी की और अदालत के फैसले को सत्य की जीत बताया। विधानसभा में भी कांग्रेस विधायकों ने हंगामा किया, जहां उन्होंने सत्यमेव जयते के पोस्टर पहने और नारे लगाए। कांग्रेस ने स्थगन प्रस्ताव लाकर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग पर चर्चा की मांग की, जिसे खारिज होने पर विधायकों ने सदन में हल्ला बोला, जिससे सदन तीन बार स्थगित हुआ और 34 कांग्रेस विधायकों को कुछ देर के लिए निलंबित किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में नेशनल हेराल्ड मामले का जिक्र करते हुए जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। कांग्रेस ने प्रदर्शनों में अदालत के फैसले को आधार बनाकर केंद्र सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया।

धमतरी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाई और कार्यकर्ताओं को भाजपा कार्यालय से 50 मीटर पहले रोक दिया। यहां कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। जिलाध्यक्ष तारिणी चंद्राकर ने कहा कि अदालत ने एफआईआर खारिज कर सत्य की जीत सुनिश्चित की। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए। दुर्ग में प्रदर्शन शनिचरी बाजार के पास हुआ, जहां कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ी। पूर्व विधायक अरुण वोरा सहित कई नेता शामिल थे। रायपुर में पंडरी क्षेत्र से कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय की ओर बढ़े, लेकिन पुलिस ने रोक दिया और झड़प हुई। सुकमा में जिला अध्यक्ष कवासी हरीश के नेतृत्व में घेराव किया गया। कोंडागांव में भी प्रदर्शन हुआ। जमशेदपुर में भी कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया, जहां तनाव हुआ।

नेशनल हेराल्ड मामला 2012 से चल रहा है, जहां भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर आरोप लगे थे। अदालत ने ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान नहीं लिया, क्योंकि प्रीडिकेट ऑफेंस की एफआईआर के बिना मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं बनता। कांग्रेस ने इसे आधार बनाकर प्रदर्शन किए। विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने पोस्टर पहनकर प्रवेश किया, जिस पर भाजपा विधायकों ने आपत्ति जताई। स्पीकर ने इसे नियमों के खिलाफ बताया। कांग्रेस ने इसे सत्यमेव जयते का प्रतीक बताया। प्रदर्शनों में कार्यकर्ताओं ने जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। धमतरी में गिरने की घटना प्रदर्शन की उत्तेजना को दर्शाती है, जहां विधायक और पूर्व विधायक पोस्टर फंसने से गिरे।

प्रदर्शन बड़े स्तर पर थे, जहां कार्यकर्ताओं ने सत्य और न्याय की जीत का जश्न मनाते हुए नारेबाजी की। रायपुर, दुर्ग, धमतरी, बिलासपुर में मुख्य प्रदर्शन हुए। पुलिस ने कई जगहों पर बैरिकेडिंग लगाई और कार्यकर्ताओं को रोका। कुछ जगहों पर झड़प हुई, लेकिन बड़े स्तर पर हिंसा नहीं हुई। कांग्रेस ने अदालत के फैसले को राजनीतिक जीत बताया। विधानसभा में हंगामा अलग मुद्दा बना, जहां निलंबन कुछ मिनटों में वापस लिया गया। प्रदर्शन 18 दिसंबर 2025 को मुख्य रूप से हुए। धमतरी की घटना में विधायक और पूर्व विधायक की गिरने की घटना प्रमुख रही। कांग्रेस ने इसे जांच एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ प्रदर्शन बताया।

प्रदर्शनों में कार्यकर्ताओं ने सत्यमेव जयते के नारे लगाए और अदालत के फैसले का स्वागत किया। कई जिलों में भाजपा कार्यालय घेराव की कोशिश हुई, लेकिन पुलिस ने रोका। दुर्ग में बैरिकेडिंग तोड़ी गई। धमतरी में झड़प और गिरने की घटना हुई। रायपुर में तनाव रहा। कांग्रेस ने全省 निर्देश दिए थे। विधानसभा में अलग से हंगामा हुआ। कुल मिलाकर, प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन कुछ जगहों पर झड़प हुई। गिरने की घटना वीडियो में कैद हुई। प्रदर्शन नेशनल हेराल्ड फैसले के बाद हुए। कांग्रेस ने इसे सत्य की जीत बताया।

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