गोवा नाइटक्लब अग्निकांड में दोषी भगोड़े लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से दबोचे गए, इस दिन लाए जाएंगे भारत।

गोवा के अरपोरा क्षेत्र में बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी भयानक आग के मामले में मालिक सौरभ और गौरव लूथरा पर पुलिस का

Dec 11, 2025 - 12:40
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गोवा नाइटक्लब अग्निकांड में दोषी भगोड़े लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से दबोचे गए, इस दिन लाए जाएंगे भारत।
गोवा नाइटक्लब अग्निकांड में दोषी भगोड़े लूथरा ब्रदर्स थाईलैंड से दबोचे गए, इस दिन लाए जाएंगे भारत।

गोवा के अरपोरा क्षेत्र में बर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में लगी भयानक आग के मामले में मालिक सौरभ और गौरव लूथरा पर पुलिस का शिकंजा कस गया है, जहां थाईलैंड के फुकेट में दोनों भाइयों को हिरासत में ले लिया गया। यह अग्निकांड 6 दिसंबर 2025 की रात करीब आधी रात को हुआ, जिसमें 25 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 20 क्लब के स्टाफ सदस्य और 5 पर्यटक शामिल थे। आग संभवतः इलेक्ट्रॉनिक पटाखों या कुकिंग गैस सिलेंडर विस्फोट के कारण लगी, जो क्लब के अंदर फायरवर्क्स के इस्तेमाल से भड़की। क्लब में संकरी पहुंच सड़क के कारण फायर इंजन को 400 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। केवल एक ही निकास कार्यरत होने के कारण कई लोग फंस गए, और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। घटना के तुरंत बाद गोवा पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, जिसमें मालिकों सहित प्रबंधन पर लापरवाही और गैर-इरादतन हत्या के आरोप लगाए गए। सौरभ और गौरव लूथरा, जो दिल्ली के किंग्सवे कैंप निवासी हैं, ने आग लगने के महज 90 मिनट बाद थाईलैंड के लिए टिकट बुक कर लिए, जो बचाव कार्य के दौरान ही था। पुलिस ने पाया कि उन्होंने 7 दिसंबर को सुबह 1:17 बजे मेकमाईट्रिप पोर्टल पर लॉग इन किया और इंडिगो फ्लाइट 6ई-1073 से दिल्ली से फुकेट के लिए उड़ान भरी, जो सुबह 5:30 बजे रवाना हुई। यह फरार होने का स्पष्ट इरादा दर्शाता है, जैसा कि जांच में सामने आया।

अग्निकांड की सूचना मापusa फायर कंट्रोल रूम को 6 दिसंबर की रात 11:45 बजे मिली, जब क्लब में बॉलीवुड डीजे का प्रोग्राम चल रहा था। क्लब पर्यटकों से भरा हुआ था, और आग तेजी से फैल गई, जिससे छत और इंटीरियर क्षतिग्रस्त हो गया। फोरेंसिक टीम ने जांच की, जिसमें पाया गया कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हुआ था। क्लब का निर्माण अरपोरा नदी के बैकवाटर्स में बिना उचित अनुमतियों के किया गया था, जो अवैध था। स्थानीय पंचायत ने भी निर्माण पर सवाल उठाए। आग बुझाने और बचाव में कई घंटे लगे, और 6 लोग घायल भी हुए। मृतकों में दिल्ली के एक परिवार के चार सदस्य और दो भाई शामिल थे, जो अगले साल शादी करने वाले थे। गोवा पुलिस ने तुरंत एक टीम दिल्ली भेजी, जहां लूथरा भाइयों के घर और ऑफिस पर छापेमारी की, लेकिन वे पहले ही देश छोड़ चुके थे। उनके परिवार से पूछताछ की गई, और घर के गेट पर कानूनी नोटिस चस्पा किया गया। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन ने गोवा पुलिस के अनुरोध पर दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया, जो मुंबई एयरपोर्ट पर लागू था। इमिग्रेशन रिकॉर्ड से फरार होने की पुष्टि हुई, जिसके बाद सीबीआई के इंटरपोल डिवीजन से संपर्क किया गया। इंटरपोल ने लूथरा भाइयों के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया, जो उनकी पहचान, लोकेशन और गतिविधियों की जानकारी एकत्र करने के लिए होता है। यह नोटिस रेड नोटिस से पहले जारी किया जाता है, जिसमें गिरफ्तारी का अनुरोध होता है। गोवा पुलिस ने थाईलैंड अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया, जिसके परिणामस्वरूप 10 दिसंबर 2025 को फुकेट में दोनों को हिरासत में लिया गया। स्रोतों के अनुसार, वे वहां छिपे हुए थे और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले, भाइयों ने दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत की याचिका दायर की, जिसमें चार सप्ताह का समय मांगा गया ताकि वे बिना गिरफ्तारी के भारत लौट सकें। उन्होंने दावा किया कि वे क्लब के समय पर मौजूद नहीं थे और थाईलैंड की यात्रा बिजनेस मीटिंग के लिए थी, न कि फरार होने के लिए। कोर्ट ने उनकी अंतरिम राहत याचिका खारिज कर दी, और मामला गुरुवार को सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया। पुलिस ने उनके वकील के माध्यम से कहा कि वे पीड़ित भी हैं, लेकिन अभियोजन पक्ष ने इसे खारिज करते हुए कहा कि ऑपरेशनल जिम्मेदारी मालिकों पर है। भाइयों के पासपोर्ट 10 दिसंबर को सस्पेंड कर दिए गए, जो आपराधिक मामलों में सामान्य प्रक्रिया है, और आगे रद्द करने की संभावना है।

लूथरा भाइयों का बैकग्राउंड रेस्टोरेंट बिजनेस से जुड़ा है। सौरभ लूथरा ने कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया और कॉर्पोरेट सेक्टर में 10 साल काम किया, फिर उद्यमी बने। उन्होंने गौरव के साथ मिलकर 2016 में दिल्ली में रोमियो लेन चेन शुरू की, जो कैफे और क्लब्स का नेटवर्क है। एक दशक में यह 30 शहरों और चार देशों में फैल गया, जिसमें गोवा का बर्च बाय रोमियो लेन भी शामिल था। यह क्लब गोवा का पहला आइलैंड क्लब बताया जाता था, जो पर्यटकों को आकर्षित करता था। वेबसाइट पर सौरभ को चेयरमैन बताया गया, जो गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर से रेस्टोरेटर बने। लेकिन जांच में पाया गया कि क्लब में सुरक्षा उल्लंघन थे, जैसे फायर एक्सटिंग्विशर की कमी, अवैध निर्माण और इमरजेंसी एग्जिट का अभाव। गोवा के मुख्यमंत्री ने क्लब मालिकों को चेतावनी दी और अन्य नाइटक्लब्स पर सख्ती का वादा किया। 8 दिसंबर को वागाटोर में उनके एक अन्य प्रॉपर्टी रोमियो लेन शैक को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया, जो सरकारी जमीन पर अवैध था। मशीनरी और स्टाफ तैयार कर लिया गया। यह तीसरा प्रॉपर्टी था जो लूथरा भाइयों का था। जांच में अन्य सह-मालिकों पर भी कार्रवाई हुई। अजय गुप्ता, जो चार मालिकों में से एक थे, को 9 दिसंबर को दिल्ली से हिरासत में लिया गया। उन्होंने खुद को साइलेंट पार्टनर बताया, लेकिन दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की मदद से उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर गोवा ले जाया गया। एक अन्य सह-मालिक सूरिंदर कुमार खोसला, जो ब्रिटिश नागरिक हैं, पर भी लुकआउट सर्कुलर जारी है। क्लब के स्टाफ में से पांच को गिरफ्तार किया गया, जिनमें चीफ जनरल मैनेजर राजीव मोडक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजवीर सिंघानिया, गेट मैनेजर प्रियांशु ठाकुर और ऑपरेशंस हेड भरत कोहली शामिल हैं। इन्हें छह दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा गया। दिल्ली से कोहली को ट्रांजिट रिमांड पर लाया गया। इवेंट ऑर्गेनाइजर को भी बुलाया गया। जांच में पाया गया कि क्लब में इलेक्ट्रॉनिक क्रैकर्स का इस्तेमाल हुआ, जो आग का कारण बना। सीनियर आईपीएस अधिकारियों के कॉल रिकॉर्ड्स की जांच हो रही है, जो पहले नोटिस रोकने में शामिल थे।

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