Lucknow: अंतरराष्ट्रीय आईएपीएसएम उत्तर प्रदेश–उत्तराखण्ड सम्मेलन 2025 का भव्य शुभारम्भ।
इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) की 28वीं वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस
लखनऊ: इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (आईएपीएसएम) की 28वीं वार्षिक अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आज आकर्षक और प्रभावी उद्घाटन सत्र के साथ शुरू हुई। कार्यक्रम का औपचारिक उद्घाटन उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य / पारिवारिक कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग श्री अमित कुमार घोष ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि वन हेल्थ आज की सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अवधारणा है, जहाँ मनुष्य, पशु और पर्यावरण—तीनों की सेहत एक-दूसरे से जुड़ी हुई है। कोविड-19 जैसी महामारी ने हमें सिखाया कि स्वास्थ्य चुनौतियाँ सीमाएँ नहीं देखतीं। इसलिए डेटा-आधारित नीतियाँ, समन्वय और तैयारी ही मजबूत स्वास्थ्य प्रणाली की नींव हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश के 80 से अधिक मेडिकल कॉलेज बड़ी क्षमता प्रदान करते हैं, लेकिन चुनौतियों का समाधान सामूहिक प्रयास से ही संभव है।
प्रो. सैयद वसीम अख्तर - माननीय चांसलर एवं संस्थापक, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने संबोधन में कहा, “ मैं आयोजकों और IAPSM को इतना ज़रूरी और भविष्य को ध्यान में रखने वाला विषय चुनने के लिए बधाई देता हूँ। इंटीग्रल यूनिवर्सिटी देश की सार्वजनिक सेहत को बेहतर बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। यह आयोजन निश्चित रूप से नए विचारों को प्रेरित करेगा, सहभागिता को मजबूत बनाएगा और एक स्वस्थ तथा अधिक सक्षम समाज के निर्माण में योगदान देगा"
सैयद मोहम्मद फौज़ान अख्तर - अतिरिक्त प्रो-चांसलर, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी ने अपने सम्बोधन में कहा, “यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता और साझा मिशन को दर्शाता है, जिसमें स्वास्थ्य और प्रिवेंटिव मेडिसिन के क्षेत्र में सत्यनिष्ठा, शोध, सहानुभूति, सेवा, उत्कृष्टता और व्यवहार को बढ़ावा दिया जाता है।“
उद्घाटन कार्यक्रम में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के शीर्ष नेतृत्व एवं आईएपीएसएम के पदाधिकारियों ने संबोधित किया, जिनमे श्रीमती अज़रा वसीम, सह - संस्थापक, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, डॉ. सैयद नदीन अख्तर - प्रो-चांसलर, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी. प्रो. (डॉ.) जावेद मुसर्रत - वाइस चांसलर, इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, प्रो. (डॉ.) मनीष कुमार सिंह, - सेक्रेटरी जनरल, आईएपीएसएम, प्रो. (डॉ.) भावना पंत - अध्यक्ष, आईएपीएसएम उत्तर प्रदेश–उत्तराखण्ड, प्रो. (डॉ.) सय्यद बिलाल हसन, ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन एवं विभागाध्यक्ष, कम्युनिटी मेडिसिन, आईआईएमएसआर एवं निदेशक इंटीग्रल अस्पताल इस दौरान कॉन्फ्रेंस सोवेनियर का विमोचन किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव प्रो. (डॉ.) आभा चंद्रा, डीन आईआईएमएसआर द्वारा प्रस्तुत किया गया।
प्रथम दिन की अकादमिक गतिविधियाँ
पहले दिन कई महत्वपूर्ण शैक्षणिक सत्र, ओरिएशन लेक्चर, और तकनीकी चर्चाएँ आयोजित की गईं। प्रो. (डॉ.) पी.के. जैन, पूर्व कुलपति केजीएमयू एवं यूपीयूएमएस सैफई , प्रो. (डॉ.) सीमा जैन, विभागाध्यक्ष, एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज द्वारा विशेष व्याख्यान देने के बाद आईएपीएसएम के वार्षिक पुरस्कार वितरित किए गए।
सत्र 1 – वन हेल्थ
विशेषज्ञों ने बहु-क्षेत्रीय सहयोग, ज़ूनोटिक बीमारियों की रोकथाम और भविष्य की स्वास्थ्य भविष्यवाणी मॉडल पर चर्चा की।
सत्र 2 – हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग
आईएएस / पीसीएस अधिकारियों और वरिष्ठ सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने निम्न विषयों पर विचार रखे:
नागरिक पंजीकरण एवं महत्वपूर्ण सांख्यिकी (CRVS)
AI आधारित हेल्थ डेटा एनालिटिक्स
डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम
स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत बनाने की रणनीतियाँ
सत्र 3 – स्तन कैंसर (Breast Cancer) – स्थिति एवं आगे की दिशा
देश के प्रमुख विशेषज्ञों ने स्तन कैंसर के रुझान, स्क्रीनिंग, माइक्रोवेस्कुलर/रिकंस्ट्रक्टिव तकनीकों एवं शोध पर अपने विचार साझा किए।
सत्र 4 – उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTDs)
राज्य एवं ज़ोनल कार्यक्रम अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चल रहे प्रयासों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
सत्र 5 – महामारी तैयारी और भविष्य की राह
वरिष्ठ अधिकारी एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सर्विलांस और त्वरित प्रतिक्रिया और डिजिटल तैयारियों पर विस्तृत चर्चा की।
कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न क्षेत्रों के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों और अकादमिक विशेषज्ञों ने वन हेल्थ थीम के अंतर्गत महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। सभी सत्रों ने सहयोग, नवाचार और अंतरविषयी दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया। कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन कल आयोजित होगा जिसमें वर्कशॉप, पैनल डिस्कशन और कई वैज्ञानिक प्रस्तुतियाँ शामिल होंगी।
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