Hardoi : 75 करोड़ की सड़क दो महीने में ही उखड़ी, भाजपा विधायक प्रभाष कुमार ने हाथ से तोड़ा टुकड़ा; वीडियो वायरल, ठेकेदार-अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
विधायक प्रभाष कुमार ने बताया कि स्थानीय जनता ने शिकायत की थी, जिसके बाद वे खुद मौके पर गए। उन्होंने कहा, "यह सड़क दो महीने पहले परिपूर्ण हुई है, लेकिन गुणव
हरदोई : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के सांडी विधानसभा क्षेत्र में बनी 75 करोड़ रुपये की लागत से बनी सड़क की घटिया गुणवत्ता ने हंगामा मचा दिया है। दो महीने पहले लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाई गई बघौली से प्रताप नगर तक की 16 किलोमीटर लंबी सड़क का निरीक्षण करने पहुंचे भाजपा विधायक प्रभाष कुमार के हाथ लगते ही सड़क का ऊपरी हिस्सा उखड़ने लगा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं। नाराज विधायक ने मौके पर ही अधिकारियों को फटकार लगाई और ठेकेदार तथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
घटना तब घटी जब विधायक प्रभाष कुमार क्षेत्र भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों की शिकायत पर सड़क का जायजा लेने पहुंचे। वीडियो में देखा जा सकता है कि विधायक सड़क के किनारे खड़े होकर हल्के से हाथ लगाते ही गिट्टी और बजरी का ऊपरी सतह आसानी से उखड़ जाती है। इससे गुस्साए विधायक ने तुरंत लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अभियंता को फोन किया और कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने जिलाधिकारी को भी इसकी सूचना दी। विधायक ने कहा कि यह सड़क नैमिष को छूती हुई बघौली से प्रताप नगर तक जाती है। इसकी स्वीकृति 75 करोड़ रुपये की लागत से हुई थी। दो महीने पहले ही इसका निर्माण पूरा हुआ था, लेकिन अब कई जगहों पर बजरी उखड़ चुकी है और पुलियां धंस गई हैं।
विधायक प्रभाष कुमार ने बताया कि स्थानीय जनता ने शिकायत की थी, जिसके बाद वे खुद मौके पर गए। उन्होंने कहा, "यह सड़क दो महीने पहले परिपूर्ण हुई है, लेकिन गुणवत्ता इतनी खराब है कि हल्के दबाव से ही टूट रही है। इसमें ठेकेदार और कुछ अधिकारियों की संलिप्तता नजर आती है। मैंने डीएम और विभागीय अधिकारियों से बात की है। ऊपर तक सूचना दे दी है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जहां भी घटिया निर्माण मिलेगा, वहां सड़क दोबारा बनवाई जाएगी।" विधायक ने जोर देकर कहा कि इतनी बड़ी राशि खर्च होने के बावजूद सड़क की मजबूती पर ध्यान नहीं दिया गया, जो यात्रियों और ग्रामीणों के लिए खतरा है।
यह सड़क हरदोई-लखनऊ हाईवे से जुड़ती है। इससे पहले यह बेहद जर्जर हालत में थी। सड़क पर गड्ढे इतने गहरे थे कि घुटनों तक पानी भर जाता था। स्थानीय लोगों ने वर्षों तक इसका निर्माण कराने के लिए संघर्ष किया। कई संगठनों ने धरना-प्रदर्शन और आंदोलन किए। निर्माण के बाद लोगों को उम्मीद थी कि यात्रा आसान हो जाएगी, लेकिन अब बारिश या हल्के दबाव से ही सड़क टूटने लगी है। ग्रामीणों का कहना है कि उखड़े हिस्से और गड्ढों से वाहन चालकों को खासी परेशानी हो रही है, खासकर दोपहिया वाहनों पर। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "सड़क बनने से पहले तो हम परेशान थे, अब भी हालात वही हैं। इतने पैसे खर्च करने के बाद यह हाल है, तो भरोसा कैसे करें।"
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर जिले की अन्य सड़कों की खराब हालत की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आने लगे हैं। लोग सरकार के विकास के दावों पर सवाल उठा रहे हैं। कई यूजर्स ने टिप्पणी की कि "75 करोड़ कहां गए? यह तो कागजों पर ही सड़क लग रही है।" इस घटना ने लोक निर्माण विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (एक्सईएन) ने कहा कि मौके पर जाकर कमियों का आकलन किया गया है। इसे जल्द सुधार दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने मामले को संज्ञान में ले लिया है और गुणवत्ता जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब उत्तर प्रदेश में घटिया निर्माण को लेकर विवाद हुआ हो। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई मौकों पर गुणवत्ता से समझौता करने वाले अधिकारियों को निलंबित किया है। उनका स्पष्ट निर्देश है कि निर्माण कार्यों में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हरदोई जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होते ही दोषी ठेकेदार और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही सड़क की मरम्मत हो और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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