Hardoi : ल्यूमिनस सोलर प्लांट में आग लगने से बड़ा नुकसान, कंपनी पर लापरवाही का आरोप

हृदयेश बर्धन सिंह, जो एक स्कूल चलाते हैं, ने फेसबुक पर यह पूरी घटना साझा की। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट लगाने के ठीक अगले दिन से ही खराबियां शुरू हो गईं। प्लांट में बार-बा

Oct 2, 2025 - 00:09
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Hardoi : ल्यूमिनस सोलर प्लांट में आग लगने से बड़ा नुकसान, कंपनी पर लापरवाही का आरोप
Hardoi : ल्यूमिनस सोलर प्लांट में आग लगने से बड़ा नुकसान, कंपनी पर लापरवाही का आरोप

एक स्कूल संचालक ने ल्यूमिनस कंपनी के सोलर प्लांट को लेकर गंभीर शिकायत की है। उनका कहना है कि दो साल पहले लगाए गए 12.5 किलोवोल्ट के सोलर प्लांट ने लगातार समस्याएं पैदा कीं, जिन्हें ठीक करने के नाम पर कंपनी ने पुराने पार्ट्स लगाए और सर्विस इंजीनियरों ने बार-बार पैसे लिए, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं हुआ। आखिरकार एक रात इन्वर्टर से चिंगारी निकलने पर आग लग गई, जिसमें इन्वर्टर और छह बैटरी जल गईं। गांव वालों ने दौड़कर आग बुझाई, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। इस घटना से स्कूल को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ प्रतिष्ठा पर भी चोट पहुंची। कंपनी ने इन्वर्टर और बैटरी बदलने का वादा किया, लेकिन अभी तक कुछ नहीं दिया गया। यह शिकायत सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां उपभोक्ताओं को चेतावनी दी गई है कि ल्यूमिनस उत्पाद न खरीदें।

हृदयेश बर्धन सिंह, जो एक स्कूल चलाते हैं, ने फेसबुक पर यह पूरी घटना साझा की। उन्होंने बताया कि सोलर प्लांट लगाने के ठीक अगले दिन से ही खराबियां शुरू हो गईं। प्लांट में बार-बार ब्रेकडाउन होता रहा, जिससे बिजली उत्पादन रुक जाता था। उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से करीब 30 से ज्यादा शिकायतें दर्ज कीं, लेकिन हर बार आधा-अधूरा काम ही होता। सर्विस सेंटर के इंचार्ज कृष्णा और इंजीनियर दीपक शुक्ला ने पुराने पार्ट्स निकालकर उनके प्लांट में फिट किए, जो कुछ ही दिनों में फिर खराब हो जाते। यह सिलसिला पूरे दो साल चला। उपभोक्ता फोरम और कंपनी की वेबसाइट पर उपलब्ध शिकायतों से पता चलता है कि ल्यूमिनस के सोलर उत्पादों में ऐसी समस्याएं आम हैं। कई लोग इन्वर्टर के ज्यादा गर्म होने, चार्ज न होने और ओवरलोड की शिकायत कर चुके हैं। एक उपभोक्ता ने बताया कि उनके इन्वर्टर ने दो महीने में ही खराबी दिखाई, लेकिन सर्विस नहीं मिली।हाल की शिकायत पर इंजीनियर सच्चिदानंद उर्फ दीपक शुक्ला कई बार आए, लेकिन हर दौरे पर पांच सौ रुपये नकद ले गए। आखिरी बार उन्होंने कहा कि कुछ पार्ट्स खराब हैं, जिन्हें अगले दिन बदल देंगे, लेकिन वे नहीं आए। उसी रात सोलर इन्वर्टर से चिंगारी निकली और आग भड़क उठी। आग इतनी तेज थी कि इन्वर्टर पूरी तरह जल गया और छह बैटरी भी नष्ट हो गईं। स्कूल प्रबंधन को तुरंत इंजीनियर को फोन किया, लेकिन वे पांच दिन बाद ही पहुंचे। उन्होंने गलती मानी और कंपनी की ओर से नया इन्वर्टर व बैटरी देने का भरोसा दिया, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस हादसे से हृदयेश सिंह को न केवल आर्थिक हानि हुई, बल्कि शारीरिक थकान और मानसिक तनाव भी झेलना पड़ा। स्कूल की छवि पर भी बुरा असर पड़ा, क्योंकि अभिभावक सवाल उठाने लगे।

ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजीज एक बड़ी कंपनी है, जो इन्वर्टर, बैटरी और सोलर सिस्टम बनाती है। कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर शिकायत बुकिंग का विकल्प है, जहां उपभोक्ता आसानी से समस्या दर्ज करा सकते हैं। लेकिन कई शिकायतों में लोग बताते हैं कि सर्विस देरी से आती है या अधर में लटक जाती है। कंज्यूमर कंप्लेंट्स पोर्टल पर दर्ज दर्जनों मामलों में सोलर इन्वर्टर के जल्दी खराब होने और सर्विस की कमी का जिक्र है। एक मामले में उपभोक्ता ने कहा कि वारंटी पीरियड में ही इन्वर्टर बंद हो गया, लेकिन कंपनी ने इंजीनियर भेजा जो समस्या ठीक नहीं कर सका। विशेषज्ञों का कहना है कि सोलर प्लांट में खराब पार्ट्स लगाने से शॉर्ट सर्किट हो सकता है, जो आग का कारण बनता है। भारत में सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार सब्सिडी दे रही है, लेकिन ऐसी घटनाएं उपभोक्ताओं का भरोसा तोड़ रही हैं।

हृदयेश सिंह ने अपनी पोस्ट में सभी उपभोक्ताओं, विक्रेताओं और वितरकों को चेतावनी दी है कि ल्यूमिनस उत्पाद न खरीदें। उनका मानना है कि सरकार की सोलर योजनाओं का फायदा उठाकर कंपनियां घटिया सामान और खराब सर्विस दे रही हैं, जिससे मेहनत की कमाई बर्बाद हो रही है। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रही है, और कई लोग अपनी समान अनुभव साझा कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि उनके सोलर सिस्टम में भी हीटिंग की समस्या है, जो सुरक्षा का खतरा पैदा कर रही। एक अन्य ने बताया कि सर्विस के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं, लेकिन काम पूरा नहीं होता।

कंपनी की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उपभोक्ता संरक्षण कानून के तहत ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई हो सकती है, जहां क्षतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सोलर प्लांट लगाते समय प्रमाणित उत्पाद चुनें और वारंटी शर्तों को ध्यान से पढ़ें। नियमित रखरखाव और प्रमाणित इंजीनियरों की मदद लें। यह घटना सोलर ऊर्जा के विस्तार में गुणवत्ता और सर्विस पर सवाल खड़े करती है। सरकार की योजनाएं तो सही दिशा में हैं, लेकिन कंपनियों को जिम्मेदार बनना होगा ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सोलर का लाभ सबको मिले बिना किसी जोखिम के। हृदयेश सिंह जैसे लोग सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में भागीदार बन रहे हैं, लेकिन ऐसी लापरवाही से उनका उत्साह ठंडा पड़ रहा है। उम्मीद है कि यह शिकायत कंपनी को सुधार के लिए मजबूर करेगी और अन्य उपभोक्ताओं को सतर्क रखेगी।

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