Hardoi News: अचानक हरदोई मेडिकल कॉलेज पहुंचे DM के सख्त तेवरों से स्टाफ के पसीने छूटे, लापरवाही पर फटकार, मरीजों की सुनी पीड़ा और फिर ....
निरीक्षण की शुरुआत DM ने इमरजेंसी वार्ड से की। यहां पहुंचते ही उन्होंने पाया कि इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थी। जांच करने पर पता चला कि यह डॉक्टर ड्यूटी के...
By INA News Hardoi.
हरदोई : हरदोई के नवागंतुक जिलाधिकारी (DM) अनुनय झा (Anunay Jha) ने कार्यभार संभालते ही अपनी सख्त कार्यशैली का परिचय दे दिया। देर शाम हरदोई मेडिकल कॉलेज के औचक निरीक्षण के दौरान उन्होंने कई गंभीर लापरवाहियां पकड़ीं, जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। DM के सख्त तेवर देखकर मेडिकल स्टाफ के पसीने छूट गए। इस निरीक्षण के दौरान मरीजों ने DM के सामने खुलकर अपनी समस्याएं रखीं और मेडिकल कर्मचारियों की लापरवाही और दबंगई की शिकायतें सामने आईं।
रविवार को देर शाम करीब 7:30 बजे DM अनुनय झा (Anunay Jha) बिना किसी पूर्व सूचना के हरदोई मेडिकल कॉलेज पहुंचे। उनके साथ जिला प्रशासन के कुछ अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। DM के आगमन की खबर से मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, कई कर्मचारी और डॉक्टर इस दौरान अपनी ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे, जिससे DM का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया।
निरीक्षण की शुरुआत DM ने इमरजेंसी वार्ड से की। यहां पहुंचते ही उन्होंने पाया कि इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात एक डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं थी। जांच करने पर पता चला कि यह डॉक्टर ड्यूटी के दौरान लखनऊ में थी और वहां अपनी कार चला रही थी। इस लापरवाही पर DM ने कड़ी नाराजगी जताई और संबंधित डॉक्टर को जमकर फटकार लगाई। DM ने कहा, "यह बेहद गंभीर लापरवाही है। मरीजों की जान खतरे में डालकर डॉक्टर लखनऊ में कार चला रहे हैं, यह अस्वीकार्य है। इसकी जांच होगी और सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
प्रिंसिपल और CMS की देरी, DM की फटकार
निरीक्षण के दौरान मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) भी समय पर मौके पर नहीं पहुंचे। DM के पहुंचने के 40 मिनट बाद प्रिंसिपल और 35 मिनट बाद CMS कॉलेज पहुंचे। इस देरी पर DM ने दोनों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा, "जब जिले का DM मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने आता है, तब भी वरिष्ठ अधिकारी समय पर नहीं पहुंचते। यह लापरवाही मरीजों के प्रति आपके रवैये को दर्शाती है।"
मरीजों की पीड़ा सुनी, बाहर से दवाइयां लिखने पर सवाल
DM अनुनय झा (Anunay Jha) ने इमरजेंसी वार्ड, सामान्य वार्ड और पीकू वार्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कई मरीजों और उनके तीमारदारों से बातचीत की। मरीजों ने DM को अपनी समस्याएं खुलकर बताईं। कई मरीजों ने शिकायत की कि मेडिकल कॉलेज में दवाइयों की कमी के कारण डॉक्टर उन्हें बाहर से महंगी दवाइयां खरीदने के लिए मजबूर करते हैं। DM ने कुछ मरीजों के पर्चे चेक किए और पाया कि उनमें बाहर की दवाइयां लिखी गई थीं, जबकि सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज में मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराने का प्रावधान है।
एक मरीज ने DM को बताया, "साहब, हमें यहां मुफ्त दवा मिलनी चाहिए, लेकिन डॉक्टर साहब बाहर की दुकानों से महंगी दवाइयां लिख देते हैं। हम गरीब लोग हैं, इतना पैसा कहां से लाएं?" इस पर DM ने नाराजगी जताते हुए संबंधित डॉक्टरों को फटकार लगाई और कहा, "मरीजों को बाहर से दवाइयां लिखना भ्रष्टाचार का स्पष्ट उदाहरण है। सरकार मरीजों के लिए मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराती है, फिर यह लापरवाही क्यों? इसकी जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।"
गंदगी और अव्यवस्था पर जताई नाराजगी
निरीक्षण के दौरान DM ने मेडिकल कॉलेज परिसर में गंदगी और अव्यवस्था का आलम देखा। वार्डों में साफ-सफाई की कमी थी और कूड़े के ढेर इधर-उधर पड़े थे। इमरजेंसी वार्ड के बाहर शौचालयों की हालत भी खराब थी, जिससे मरीजों और तीमारदारों को परेशानी हो रही थी। DM ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को तत्काल सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, "यह मेडिकल कॉलेज है, यहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। गंदगी के कारण मरीजों को संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है। यह लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"
मेडिकल कॉलेज की बदहाल स्थिति
हरदोई मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से अव्यवस्थाओं की शिकायतें सामने आ रही थीं। पहले भी कई बार मरीजों और तीमारदारों ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति, दवाइयों की कमी और गंदगी की समस्याओं को उठाया था। 2022 में एक रिपोर्ट में बताया गया था कि हरदोई के जिला अस्पताल, जो अब मेडिकल कॉलेज से संबद्ध है, में ओपीडी के लिए डॉक्टरों के चैंबर तक नहीं थे। मरीजों को बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसना पड़ता था। 2024 में भी जिले के प्रभारी मंत्री असीम अरुण ने निरीक्षण के दौरान बाहर से दवाइयां लिखने की शिकायत पकड़ी थी, लेकिन स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
DM अनुनय झा (Anunay Jha) ने निरीक्षण के दौरान पाया कि मेडिकल कॉलेज में बेड की कमी, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और संसाधनों का अभाव अभी भी बना हुआ है। इमरजेंसी वार्ड में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा था, जिसके कारण कई मरीजों को लखनऊ रेफर करना पड़ रहा था। DM ने इस पर सख्त नाराजगी जताई और मेडिकल कॉलेज प्रशासन को तत्काल सुधार के निर्देश दिए।
मरीजों और तीमारदारों की शिकायतें
निरीक्षण के दौरान मरीजों और तीमारदारों ने DM के सामने अपनी समस्याएं खुलकर रखीं। एक तीमारदार ने बताया, "यहां डॉक्टर समय पर नहीं आते। इमरजेंसी में मरीज तड़पते रहते हैं, लेकिन कोई देखने वाला नहीं होता। हमें मजबूरन लखनऊ जाना पड़ता है, लेकिन रास्ते में कई बार मरीज की हालत बिगड़ जाती है।" एक अन्य मरीज ने मेडिकल कर्मचारियों की दबंगई की शिकायत करते हुए कहा, "कर्मचारी मरीजों से ठीक से बात नहीं करते। अगर हम कुछ पूछते हैं तो गाली-गलौज तक कर देते हैं।"
DM ने मरीजों की शिकायतों को गंभीरता से लिया और कहा, "मरीजों का सम्मान करना आपकी जिम्मेदारी है। किसी भी मरीज या तीमारदार के साथ अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसकी जांच होगी और दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।"
DM के निर्देश और भविष्य की योजना
DM अनुनय झा (Anunay Jha) ने निरीक्षण के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को कई सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मरीजों को मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए और बाहर से दवाइयां लिखने की प्रथा को तत्काल बंद किया जाए। उन्होंने इमरजेंसी वार्ड में 24 घंटे विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती के निर्देश दिए, ताकि मरीजों को समय पर इलाज मिल सके। इसके अलावा, उन्होंने मेडिकल कॉलेज परिसर की साफ-सफाई और बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया।
DM ने यह भी कहा कि वह नियमित रूप से मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करेंगे और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने मरीजों और तीमारदारों से अपील की कि वे किसी भी समस्या की शिकायत सीधे जिला प्रशासन से करें, ताकि त्वरित कार्रवाई की जा सके।
DM अनुनय झा (Anunay Jha) के इस सख्त एक्शन की स्थानीय लोगों ने जमकर सराहना की। मरीजों और तीमारदारों ने कहा कि कई सालों बाद हरदोई में एक ऐसे कलेक्टर को देखा गया है, जो मरीजों की समस्याओं पर गंभीर अनुनय झा (Anunay Jha) ने हरदोई मेडिकल कॉलेज में अपनी सख्ती से सभी को प्रभावित किया है। एक तीमारदार ने कहा, "DM साहब ने हमारी बात सुनी और तुरंत कार्रवाई की। हमें उम्मीद है कि अब मेडिकल कॉलेज में सुधार होगा।"
DM अनुनय झा (Anunay Jha) का यह औचक निरीक्षण हरदोई मेडिकल कॉलेज में लंबे समय से चली आ रही अव्यवस्थाओं को उजागर करने में सफल रहा। उनकी सख्ती और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता ने जिले में एक नई उम्मीद जगाई है। हालांकि, यह देखना बाकी है कि उनके निर्देशों का कितना पालन होता है और मेडिकल कॉलेज में कितना सुधार होता है। लेकिन इतना तय है कि DM अनुनय झा (Anunay Jha) की यह पहल हरदोई के स्वास्थ्य महकमे में बदलाव की शुरुआत हो सकती है।
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