Lucknow : बिना प्रबंध तंत्र के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सूचारू संचालन हेतु शासनादेश जारी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेन्द्र देव ने बताया शासनादेश 27 अगस्त, 2025 के तहत, ऐसे विद्यालयों का संचालन अब संबंधित जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्ष
अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के संचालन हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित
लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के सुचारू रूप से संचालन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। जिन विद्यालयों की प्रबन्ध समिति/साधारण सभा/ट्रस्ट का कोई भी सदस्य या पदाधिकारी जीवित नहीं है अथवा विगत पाँच वर्ष से अधिक समय से कालातीत है और जहाँ शिक्षक-कर्मचारियों के वेतन भुगतान हेतु एकल संचालन की व्यवस्था प्रभावी है, उनके संचालन हेतु शासनादेश निर्गत किया गया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेन्द्र देव ने बताया शासनादेश 27 अगस्त, 2025 के तहत, ऐसे विद्यालयों का संचालन अब संबंधित जनपद के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति किसी विभागीय अधिकारी (श्रेणी-2 स्तर से अन्यून) को प्रबन्धक नामित करेगी, जो समिति के प्रति उत्तरदायी होगा। प्रबन्धक का कार्यकाल अधिकतम पाँच वर्ष का होगा।
वर्तमान में प्रदेश के 228 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रबन्ध समिति कालातीत होने के कारण एकल संचालन व्यवस्था प्रभावी है, जिनमें से 124 विद्यालयों में यह व्यवस्था पाँच वर्षों से अधिक समय से संचालित है।
नवीन शासनादेश के बाद अब इन विद्यालयों में प्रबन्धकीय कार्य, परिसम्पत्तियों की देखरेख, तथा शिक्षकों-कर्मचारियों की सेवा संबंधी समस्त प्रकरण जैसे अवकाश, जी0पी0एफ0, पेंशन, चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति, अधियाचन, पदोन्नति, चयन/प्रोन्नत वेतनमान, वरिष्ठता सूची निर्धारण, महिला कर्मचारियों के विशेष अवकाश और अनुशासनिक कार्यवाही आदि जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति द्वारा नामित प्रबन्धक के माध्यम से क्रियान्वित की जायेगी।
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