Lucknow : UP में कम नामांकन वाले स्कूलों का निकटवर्ती स्कूलों के साथ युग्मन, शिक्षा में सुधार की नई पहल
Lucknow News : इस नीति के साथ-साथ, सरकार प्रत्येक जिले में एक मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक) स्थापित कर रही है। ये स्कूल मौजूदा कम्पोजिट स्कू...
Lucknow News : UP सरकार ने 16 जून, 2025 को जारी एक आदेश के माध्यम से कम छात्र नामांकन वाले प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को निकटवर्ती स्कूलों के साथ जोड़ने (युग्मन) की नीति शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय परिस्थितियों और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा व्यवस्था को अधिक प्रभावी और छात्र-केंद्रित बनाना है। यह नीति स्कूलों को बंद करने के बजाय उनके संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर केंद्रित है। UP जैसे विशाल और विविधतापूर्ण राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की अपार संभावनाएं हैं। कई सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या कम होने के कारण उपलब्ध संसाधनों, जैसे स्कूल भवन, कक्षा-कक्ष, कंप्यूटर, स्मार्ट क्लास, और अन्य शैक्षणिक सामग्री का पूरा उपयोग नहीं हो पाता। इस नीति के तहत कम नामांकन वाले स्कूलों को निकटवर्ती स्कूलों के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि संसाधनों का साझा और समन्वित उपयोग हो सके। इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि शिक्षकों की भागीदारी और प्रशासनिक दक्षता के माध्यम से छात्रों की सीखने की उपलब्धियां भी बढ़ेंगी।
- मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूलों की स्थापना
इस नीति के साथ-साथ, सरकार प्रत्येक जिले में एक मुख्यमंत्री अभ्युदय कम्पोजिट स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक) स्थापित कर रही है। ये स्कूल मौजूदा कम्पोजिट स्कूलों का उन्नत रूप हैं, जिन्हें आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इन स्कूलों में न्यूनतम 450 छात्रों के नामांकन की क्षमता होगी और इन्हें 1.42 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास, बाल-सुलभ फर्नीचर, पुस्तकालय, कंप्यूटर कक्ष, मिड-डे मील किचन, डाइनिंग हॉल, सीसीटीवी, वाई-फाई, ओपन जिम, सुरक्षित पेयजल, और स्वच्छ शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर माहौल मिले।
- युग्मन नीति के लाभ
इस नीति से कई महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे, जो शिक्षा व्यवस्था और छात्रों के विकास को बढ़ावा देंगे:
- संसाधनों का बेहतर उपयोग: युग्मन के बाद स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों का साझा उपयोग होगा। अधिक शिक्षकों की उपलब्धता से प्रत्येक कक्षा के लिए समर्पित शिक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे, जिससे कक्षा-स्तरीय सीखने (ऐट ग्रेड लर्निंग) को बढ़ावा मिलेगा।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप: इस नीति के तहत बचे हुए स्कूलों को बालवाटिकाओं के रूप में उपयोग किया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लक्ष्य को पूरा करेगा।
- पियर लर्निंग को प्रोत्साहन: अधिक छात्रों की उपस्थिति से सहपाठी आधारित सीखने (पियर लर्निंग) के अवसर बढ़ेंगे। इससे छात्र बिना झिझक विचार साझा करेंगे, सवाल पूछेंगे, और रचनात्मक समाधान खोजेंगे। यह सक्रिय और अनुभवात्मक शिक्षण को बढ़ावा देगा, जिससे अवधारणात्मक स्पष्टता, समस्या समाधान कौशल, और नवाचार की क्षमता में वृद्धि होगी।
- डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा: शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने 75 छात्रों वाले उच्च प्राथमिक/कम्पोजिट स्कूलों में स्मार्ट क्लास और 125 छात्रों वाले स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने की मंजूरी दी है। युग्मन के माध्यम से कम नामांकन वाले स्कूलों के छात्र भी इन सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे, जिससे डिजिटल डिवाइड कम होगा और सभी छात्रों को समान अवसर मिलेंगे।
- शिक्षकों की क्षमता में सुधार: विभाग द्वारा शिक्षकों को संरचित शिक्षण और नई शैक्षणिक तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अधिक छात्रों की उपस्थिति से शिक्षकों को अपनी विशेषज्ञता का बेहतर उपयोग करने का अवसर मिलेगा।
- अभिभावकों की सक्रिय भूमिका: अधिक नामांकन वाले स्कूलों में अभिभावकों की भागीदारी बढ़ने से छात्रों की उपस्थिति और सीखने के परिणामों में सुधार होगा।
- सुरक्षित और प्रेरक माहौल: कम नामांकन वाले स्कूलों में छात्रों को आपसी संवाद और सामाजिक संपर्क के सीमित अवसर मिलते हैं, जिससे उन्हें अकेलापन या असुरक्षा महसूस हो सकती है। युग्मन के बाद अधिक छात्रों वाले स्कूलों में, विशेष रूप से बालिकाओं के लिए, सुरक्षित और प्रेरक माहौल मिलेगा, जो उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाएगा।
- प्रशासनिक दक्षता: युग्मन से बेहतर प्रशासनिक निगरानी सुनिश्चित होगी। शिक्षकों के बीच कार्य और जिम्मेदारियों का स्पष्ट बंटवारा, समय-सारिणी के अनुसार कक्षाओं का आवंटन, और संसाधनों का कुशल उपयोग संभव होगा।
- अवस्थापना विकास में सुगमता: युग्मन के बाद स्कूलों में अधिक कम्पोजिट ग्रांट, टीएलएम ग्रांट, और आईसीटी लैब जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इससे भौतिक संसाधनों का अधिकतम उपयोग और उनकी निरंतरता सुनिश्चित होगी।
- शिक्षा व्यवस्था में सुधार का मजबूत कदम
यह युग्मन नीति न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगी, बल्कि छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। इसके तहत एक स्कूल को प्री-प्राइमरी और दूसरे को प्राथमिक या उच्च प्राथमिक स्कूल के रूप में नामित किया जाएगा। इन स्कूलों को निजी स्कूलों की तरह कंप्यूटर लैब, खेल का मैदान, और स्मार्ट क्लास जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे अभिभावकों का भरोसा बढ़ेगा और वे अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजना पसंद करेंगे, जहां बेहतर शैक्षणिक माहौल और संसाधन उपलब्ध हों।
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