मातृ दिवस 2025: हरदोई में "सृजनहार: अविरल नेह धारा" सम्मान समारोह ने नारी शक्ति और मातृत्व को किया गौरवान्वित
कार्यक्रम का कुशल संचालन अमिता मिश्रा 'मीतू' और संजीव मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया, जिनकी जीवंत और संवेदनशील प्रस्तुति ने समारोह को और अधिक आकर्षक बनाया। इस अवसर पर मातृत्व की महिमा को रेखांकित .....
By INA News Hardoi.
हरदोई: मातृ दिवस के पावन अवसर पर 11 मई 2025 को हरदोई के रसखान प्रेक्षागृह में वीटू क्लब और आई एन ए न्यूज के संयुक्त तत्वावधान में "सृजनहार- अविरल नेह धारा" थीम के अंतर्गत एक भव्य महिला सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। यह आयोजन मातृशक्ति के सम्मान, नारी सशक्तिकरण, और महिलाओं के बहुआयामी योगदान को रेखांकित करने के लिए समर्पित था।
समारोह में काव्यपाठ, स्मारिका विमोचन, और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं का सम्मान जैसे आयोजनों ने नारी के सृजन, साहस, और सामर्थ्य को जीवंत रूप में प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर और प्रेरित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ और मातृत्व की महिमा
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष अलका गुप्ता, विशेष अतिथि कवियत्री अंजू सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी निरमा देवी, और ब्लॉक प्रमुख बाबन धर्मेंद्र सिंह द्वारा मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।
यह दीप प्रज्ज्वलन ज्ञान, सृजन, और मातृत्व की पवित्रता का प्रतीक रहा। समारोह में भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन, वरिष्ठ पत्रकार अभय शंकर गौड़, अदिति गौड़, अनुराधा मिश्रा, पूनम तिवारी, रिटायर्ड कर्नल अनिल सिंह झरोइया, अविनाश गुप्ता, गौरव अग्रवाल, और मोहित श्रीवास्तव जैसे गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और बढ़ाया।
कार्यक्रम का कुशल संचालन अमिता मिश्रा 'मीतू' और संजीव मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया, जिनकी जीवंत और संवेदनशील प्रस्तुति ने समारोह को और अधिक आकर्षक बनाया। इस अवसर पर मातृत्व की महिमा को रेखांकित करते हुए यह कहा गया कि "मां तो आखिर मां होती है, जो खुद गीले बिस्तर पर सोकर बेटे को सूखे पर सुलाती है। मां जीवन रूपी दीपक की बाती है, जिसके बिना जीवन का कोई अस्तित्व नहीं।"
स्मारिका 'प्रवाह' का विमोचन
कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा स्मारिका 'प्रवाह' का विमोचन रहा। इस स्मारिका में जनपद हरदोई के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों के साथ-साथ जिले के विकास कार्यों पर आधारित विशेष संकलन शामिल था।'प्रवाह' ने हरदोई की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को उपस्थित लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने सराहा।
काव्यपाठ: नारी शक्ति और मातृत्व का उत्सव
समारोह में साहित्य और कला ने विशेष स्थान ग्रहण किया, जहां काव्यपाठ ने मातृत्व और नारी शक्ति को जीवंत रूप प्रदान किया। प्रसिद्ध कवियत्री अंजू सिंह ने अपनी रचना "मैं अवतारों की जननी हूं, रचियता हूं, मैं नारी हूं" के माध्यम से नारी के सृजनात्मक, सशक्त, और बहुआयामी स्वरूप को भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया।
उनकी पंक्तियों, "हर इक मुश्किल से जूझी हूं, हर एक विपदा पे भारी हूं, समर्पण, त्याग, बलिदानों के हाथों में समाई हूं", ने नारी के मातृत्व, साहस, और रचनात्मकता को उजागर कर दर्शकों को भावनात्मक रूप से जोड़ा। उनकी कविता ने नारी शक्ति के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को जागृत किया।
इसी तरह, शिक्षिका और कवियत्री अपूर्वा अवस्थी ने अपनी काव्य रचना में मां को जीवन रूपी दीपक की बाती के रूप में चित्रित किया। उनकी पंक्तियां, "मां जीवन रूपी दीए की बाती है, बिना बाती के दीए का अस्तित्व नहीं, उसी प्रकार बिना मां के व्यक्ति के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं", ने मातृत्व की गहनता और पवित्रता को सुंदर शब्दों में व्यक्त कर सभी के हृदय को गहरे तक छू लिया।
इन काव्य पाठों ने समारोह में साहित्यिक और भावनात्मक गहराई जोड़ी, और उपस्थित लोगों में देशप्रेम और नारी शक्ति के प्रति नई प्रेरणा का संचार किया। अलका कृति की काव्य पक्तियों ने भी सभी का मन मोहा।
महिला सम्मान: नारी शक्ति का सम्मान
समारोह का मुख्य आकर्षण विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं का सम्मान रहा। सम्मानित होने वाली प्रेरक हस्तियों में शामिल थीं:
- भूमिका सिंह, डालसिंह मेमोरियल हाई स्कूल की प्रिंसिपल, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया।
- पूजा जैन, इनर व्हील क्लब की समाजसेवी, जिन्होंने सामाजिक कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- अनुराधा मिश्रा, समाजसेवी, जिनके सामाजिक कार्य प्रेरणादायक हैं।
- निरमा देवी, कुबेर लाल जनसेवा संस्थान की संस्थापिका, जिन्होंने समाजसेवा में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
- अलका कृति, कवियत्री, जिनकी रचनाएं नारी शक्ति को प्रेरित करती हैं।
- मंजू वर्मा, शिक्षिका, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण दिखाया।
- विनीता पांडे, इनर व्हील क्लब और योगपीठ की सदस्य, जिन्होंने सामाजिक और आध्यात्मिक क्षेत्र में योगदान दिया।
- डॉ. फराज रिजवी, चिकित्सक, जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में समाज की सेवा की।
इन महिलाओं ने शिक्षा, समाजसेवा, साहित्य, राजनीति, और चिकित्सा जैसे विविध क्षेत्रों में अपने कार्यों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
प्रत्येक सम्मानित महिला को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न देकर उनके योगदान को सराहा गया, जिसने समारोह में गर्व और उत्साह का माहौल बनाया।
पहलगाम हमले में मृतकों की आत्मा-शांति के लिए मौन
कार्यक्रम में पहलगाम आतंकी हमले में मरने वालों की आत्मा की शांति के लिए सभी ने सामूहिक रूप से दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर से उन्हें सद्गति प्रदान करने हेतु प्रार्थना की गयी।
कार्यक्रम का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व
"सृजनहार: अविरल नेह धारा" समारोह केवल मातृ दिवस का उत्सव नहीं था, बल्कि यह नारी के सृजन, संघर्ष, और सामर्थ्य का एक जीवंत उत्सव बन गया। मातृ दिवस, जो विश्व भर में मई के दूसरे रविवार को माताओं और मातृत्व के सम्मान में मनाया जाता है, इस आयोजन के माध्यम से हरदोई में एक नए आयाम में प्रस्तुत हुआ।
काव्यपाठ, सम्मान समारोह, और स्मारिका विमोचन जैसे आयोजनों ने नारी शक्ति के प्रति सम्मान और उनके योगदान की महत्ता को रेखांकित किया।इस समारोह ने नारी सशक्तिकरण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया और समाज में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।
यह आयोजन हरदोई की जनता के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव रहा, जिसने मातृत्व, नारी शक्ति, और सामाजिक योगदान से जुड़ी भावनाओं को प्रेरणा के रूप में प्रस्तुत किया।हरदोई के रसखान प्रेक्षागृह में आयोजित "सृजनहार: अविरल नेह धारा" महिला सम्मान समारोह ने मातृ दिवस को एक सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव के रूप में मनाया। इस आयोजन ने नारी के बहुआयामी योगदान को न केवल सराहा, बल्कि समाज में उनके सम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक सशक्त संदेश भी दिया।
कवियत्री अंजू सिंह और अपूर्वा अवस्थी की काव्य रचनाओं, सम्मानित महिलाओं की प्रेरक कहानियों, और स्मारिका 'प्रवाह' के विमोचन ने इस समारोह को हरदोई के सांस्कृतिक परिदृश्य में एक सुनहरा अध्याय बना दिया। यह समारोह भविष्य में भी नारी शक्ति को प्रेरित करता रहेगा और हरदोई की जनता के लिए एक गर्व का क्षण बना रहेगा।
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