बाराबंकी में महिला सिपाही विमलेश पाल की हत्या- पति इंद्रेश मौर्य गिरफ्तार, प्रेम और विवाद की कहानी सामने आई। 

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 30 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब सुबेहा थाने में तैनात 28 वर्षीय महिला...

Aug 2, 2025 - 15:53
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बाराबंकी में महिला सिपाही विमलेश पाल की हत्या- पति इंद्रेश मौर्य गिरफ्तार, प्रेम और विवाद की कहानी सामने आई। 
बाराबंकी में महिला सिपाही विमलेश पाल की हत्या- पति इंद्रेश मौर्य गिरफ्तार, प्रेम और विवाद की कहानी सामने आई। 

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में 30 जुलाई 2025 को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब सुबेहा थाने में तैनात 28 वर्षीय महिला सिपाही विमलेश पाल का शव लखनऊ-बहराइच हाईवे के पास झाड़ियों में मिला। उनका चेहरा जला हुआ था, और वह चार दिन से लापता थीं। पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए उनके पति, सिपाही इंद्रेश मौर्य को 31 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि यह हत्या प्रेम संबंधों और वैवाहिक विवाद का परिणाम थी। इंद्रेश, जो हरदोई में तैनात हैं, ने विमलेश पर लोहे की रॉड से हमला कर उनकी हत्या की थी।

विमलेश पाल, सुल्तानपुर जिले के जयसिंहपुर क्षेत्र की रहने वाली थीं और 2017 में उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हुई थीं। वह बाराबंकी के सुबेहा थाने में तैनात थीं और लोधेश्वर महादेव मंदिर में ड्यूटी करती थीं। वह थाने के पास एक किराए के मकान में अकेली रहती थीं। विमलेश के पति इंद्रेश मौर्य, जो एक सिपाही हैं, पिछले एक साल से हरदोई में तैनात थे। दोनों की कोर्ट मैरिज हुई थी, लेकिन उनके रिश्ते में तनाव था।

27 जुलाई 2025 को विमलेश को मंदिर में ड्यूटी के लिए जाना था, लेकिन वह वहां नहीं पहुंचीं। उनके सहकर्मियों ने उनकी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। चार दिन बाद, 30 जुलाई को सुबह, मसौली थाना क्षेत्र के बिंदौरा गांव के पास लखनऊ-बहराइच हाईवे पर एक खेत में उनका शव मिला। शव की हालत खराब थी, चेहरा जला हुआ था, और कौवे उसे नोच रहे थे। उनकी वर्दी पर लगी नेमप्लेट से उनकी पहचान हुई।

शव मिलने के बाद बाराबंकी पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) प्रवीण कुमार और पुलिस अधीक्षक (एसपी) अर्पित विजयवर्गीय घटनास्थल पर पहुंचे। पुलिस ने स्वाट, सर्विलांस, और मसौली थाने की संयुक्त टीम बनाकर जांच शुरू की। 24 घंटे के भीतर, 31 जुलाई को पुलिस ने इंद्रेश मौर्य को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके कब्जे से हत्या में इस्तेमाल लोहे की रॉड, विमलेश का पर्स (जिसमें उनका आईडी कार्ड, दो एटीएम कार्ड, और 3500 रुपये थे), और हत्या में इस्तेमाल वैगनआर कार बरामद की।

विमलेश की बहन पूजा पाल की तहरीर पर मसौली थाने में इंद्रेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पूजा ने दावा किया कि इंद्रेश ने उनकी बहन की हत्या की और पहले भी उसे धमकी दी थी। विमलेश ने अपनी बहन से आखिरी बार बातचीत में कहा था, "इंद्रेश मुझे मार देगा।"

प्रेम संबंध और विवाद

पुलिस जांच में सामने आया कि विमलेश और इंद्रेश का प्रेम संबंध 2017 से था। 2024 में विमलेश ने इंद्रेश पर रामनगर थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि इंद्रेश ने शादी का वादा करके उनका शोषण किया। हालांकि, बाद में विमलेश ने मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दिया कि उनकी और इंद्रेश की कोर्ट मैरिज हो चुकी है, और वह मामले को आगे नहीं बढ़ाना चाहतीं। इस बयान के बाद दुष्कर्म का मामला बंद हो गया।

पुलिस के अनुसार, इंद्रेश विमलेश को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार नहीं करना चाहता था। वह शादी के दबाव से परेशान था। 27 जुलाई 2025 को इंद्रेश RO/ARO (रिव्यू ऑफिसर/असिस्टेंट रिव्यू ऑफिसर) की परीक्षा देने बाराबंकी आया था। उसी दिन शाम 7 बजे के आसपास उसकी विमलेश से किसी बात को लेकर बहस हुई। इसके बाद इंद्रेश लखनऊ में अपने मामा के घर गया और अपना फोन वहां छोड़ दिया। फिर वह वैगनआर कार लेकर बाराबंकी लौटा। पुलिस का मानना है कि उसने सुनियोजित तरीके से विमलेश को बुलाया और लोहे की रॉड से सिर पर वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद उसने शव को खेत में फेंक दिया और चेहरा जलाकर पहचान मिटाने की कोशिश की।

पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की। फोरेंसिक सबूत, सीसीटीवी फुटेज, और इंद्रेश के ठिकानों पर छापेमारी के आधार पर उसे पकड़ा गया। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया कि हत्या में नजदीकी व्यक्ति की भूमिका सामने आई थी, और जांच में इंद्रेश मुख्य संदिग्ध था। उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया यौन उत्पीड़न का कोई सबूत नहीं मिला, और हत्या का मकसद व्यक्तिगत विवाद था।

विमलेश के परिवार ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनकी बहन पूजा ने कहा कि विमलेश ने पहले ही इंद्रेश से खतरे की बात बताई थी, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। परिवार का कहना है कि अगर समय पर कार्रवाई हुई होती, तो यह हादसा टाला जा सकता था। विमलेश के पिता राम भारत पाल की चार बेटियों में विमलेश एक थीं। परिवार को उनकी शादी की जानकारी नहीं थी, जिससे यह मामला और जटिल हो गया।

30 जुलाई 2025 को देर शाम विमलेश का अंतिम संस्कार बाराबंकी के कमरियाबाग में किया गया। आईजी प्रवीण कुमार और एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने उनकी अर्थी को कंधा दिया। इस घटना ने पुलिस विभाग और समाज में गहरी चिंता पैदा की। सोशल मीडिया पर लोगों ने महिला सुरक्षा और पुलिसकर्मियों की निजी जिंदगी में तनाव को लेकर सवाल उठाए। कई यूजर्स ने लिखा कि यह घटना पुलिस विभाग में मानसिक स्वास्थ्य और समर्थन की कमी को दर्शाती है।

पुलिस ने हत्या के स्थान की पुष्टि नहीं की, लेकिन आईजी प्रवीण कुमार ने कहा कि शव को कहीं और मारकर खेत में फेंका गया प्रतीत होता है। पास में मिला एक स्कूटर इंद्रेश के नाम पर रजिस्टर्ड था, जिसने उसे संदिग्ध बनाया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर पर गंभीर चोट और जलने के निशान की पुष्टि हुई, लेकिन यौन उत्पीड़न का कोई सबूत नहीं मिला।

पुलिस ने यह भी खुलासा किया कि इंद्रेश ने हत्या के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की थी। उसने विमलेश का फोन और अन्य सामान नष्ट करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पर्स और अन्य सबूत बरामद कर लिए। इंद्रेश ने पूछताछ में हत्या की बात कबूल कर ली, लेकिन उसने यह दावा किया कि यह एक आवेश में की गई घटना थी।

यह मामला उत्तर प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों की सुरक्षा और उनके निजी जीवन में चुनौतियों को सामने लाता है। विमलेश और इंद्रेश दोनों पुलिसकर्मी थे, फिर भी यह घटना हुई, जिसने विभाग की आंतरिक कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। विशेषज्ञों का कहना है कि पुलिसकर्मियों को लंबे समय तक तनावपूर्ण परिस्थितियों में काम करना पड़ता है, जिसके लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और बेहतर प्रशिक्षण की जरूरत है।

कानूनी तौर पर, इंद्रेश के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज है, और पुलिस ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। कोर्ट में मामला जल्द शुरू होने की उम्मीद है। इस घटना ने यह भी दिखाया कि कोर्ट मैरिज के बावजूद, अगर रिश्ते में विश्वास और स्वीकृति की कमी हो, तो वह गंभीर परिणामों को जन्म दे सकता है।

विमलेश पाल की हत्या का मामला न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह समाज और पुलिस विभाग के लिए एक चेतावनी भी है। इंद्रेश मौर्य की गिरफ्तारी और सबूतों ने यह साफ कर दिया कि यह एक सुनियोजित हत्या थी, जो प्रेम और वैवाहिक विवाद से उपजी।

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