दिल्ली पुलिस की महिला सब इंस्पेक्टर नीतू बिष्ट रिश्वत लेते गिरफ्तार, भ्रष्टाचार निरोधक टीम की कार्रवाई।
Delhi News: दिल्ली पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर (एसआई) नीतू बिष्ट को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने गिरफ्तार किया है। यह घटना ...
दिल्ली पुलिस की एक महिला सब इंस्पेक्टर (एसआई) नीतू बिष्ट को 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने गिरफ्तार किया है। यह घटना दिल्ली के पश्चिम विहार थाने में हुई, जहां नीतू बिष्ट तैनात थीं। इस कार्रवाई ने पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली और ईमानदारी पर सवाल खड़े किए हैं। भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नीतू बिष्ट को रंगे हाथ पकड़ा और उनसे पूछताछ शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, इस मामले में थाना प्रभारी (एसएचओ) की संलिप्तता की भी संभावना जताई जा रही है।
नीतू बिष्ट, जो दिल्ली के पश्चिम विहार थाने में सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थीं, पर आरोप है कि उन्होंने एक मामले में पीड़ित के पक्ष में कार्रवाई करने के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। यह राशि एक शिकायतकर्ता से वसूली जा रही थी, जो किसी मामले में राहत चाहता था। भ्रष्टाचार निरोधक टीम को इसकी सूचना मिली, जिसके बाद उन्होंने एक सुनियोजित जाल बिछाया। 27 जुलाई 2025 को, जब नीतू बिष्ट रिश्वत की रकम ले रही थीं, तब उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। इस कार्रवाई में भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने साक्ष्य के तौर पर रिश्वत की राशि को भी जब्त किया।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई की। शिकायत मिलने के बाद, टीम ने योजना बनाई और नीतू बिष्ट को पकड़ने के लिए एक ट्रैप लगाया। यह ट्रैप इतना सुनियोजित था कि सब इंस्पेक्टर को रिश्वत लेते समय कोई संदेह नहीं हुआ। जैसे ही उन्होंने 20 लाख रुपये की राशि स्वीकारी, एसीबी की टीम ने तुरंत कार्रवाई की और उन्हें हिरासत में ले लिया। वर्तमान में, नीतू बिष्ट से पूछताछ की जा रही है ताकि इस मामले के पीछे की पूरी सच्चाई सामने आ सके। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिसमें थाना प्रभारी की भूमिका की जांच की जा रही है।
हालांकि, इस मामले के बारे में विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है, लेकिन यह माना जा रहा है कि नीतू बिष्ट ने किसी आपराधिक मामले में पीड़ित को राहत देने या केस को प्रभावित करने के लिए रिश्वत की मांग की थी। दिल्ली पुलिस में भ्रष्टाचार के इस तरह के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं, लेकिन इतनी बड़ी राशि की रिश्वत का मामला गंभीर चिंता का विषय है। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस घटना पर आश्चर्य और नाराजगी जताई है, साथ ही पुलिस भर्ती प्रक्रिया में ईमानदारी की जांच को लेकर सवाल उठाए हैं।
यह घटना दिल्ली पुलिस की छवि पर एक बड़ा धब्बा है। दिल्ली पुलिस, जो देश की राजधानी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जानी जाती है, इस तरह के मामलों से अपनी विश्वसनीयता खो रही है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने टिप्पणी की है कि अगर एक सब इंस्पेक्टर स्तर का अधिकारी 20 लाख रुपये की रिश्वत ले सकता है, तो बड़े अधिकारियों की स्थिति क्या होगी? यह सवाल न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर, बल्कि भर्ती और प्रशिक्षण प्रक्रिया पर भी उठता है।
पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस तरह की घटनाएं जनता के विश्वास को कम करती हैं। पहले भी कई पुलिस अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया है। उदाहरण के लिए, हरियाणा के पलवल में एक महिला थानेदार को 20,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था, और सोनीपत में एक सब इंस्पेक्टर को रेप केस में रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया था।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और अन्य जांच एजेंसियां लंबे समय से पुलिस और अन्य सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काम कर रही हैं। इस तरह की कार्रवाइयां भ्रष्ट अधिकारियों को सजा दिलाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नीतू बिष्ट के मामले में, एसीबी ने न केवल उन्हें गिरफ्तार किया, बल्कि मामले की गहराई से जांच शुरू की ताकि अन्य संभावित दोषियों को भी पकड़ा जा सके।
पिछले कुछ वर्षों में, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने कई पुलिस अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। उदाहरण के लिए, 2023 में हरियाणा के भिवानी में एक महिला सब इंस्पेक्टर को 5,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था, जिन्हें हाल ही में ईमानदारी के लिए सम्मानित किया गया था। इस तरह की घटनाएं पुलिस विभाग में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर जनता की तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली हैं। कई लोगों ने दिल्ली पुलिस की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं और मांग की है कि अधिकारियों की ईमानदारी की जांच के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। एक यूजर ने लिखा, "वर्दी अब इज्जत की नहीं, दलाली की गारंटी बनती जा रही है।" एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "सोचिए, एक मामूली सब इंस्पेक्टर 20 लाख की रिश्वत ले रही है, तो सिस्टम का क्या हाल होगा?"
यह घटना न केवल पुलिस विभाग, बल्कि पूरे सिस्टम पर सवाल उठाती है। जनता का विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है कि पुलिस विभाग इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कई कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और कठोर जांच की आवश्यकता है ताकि केवल ईमानदार और योग्य उम्मीदवार ही चुने जाएं। इसके अलावा, पुलिस अधिकारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण और नैतिकता पर आधारित कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो जैसी एजेंसियों को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि वे इस तरह के मामलों में तुरंत कार्रवाई कर सकें। साथ ही, जनता को भी जागरूक करने की जरूरत है ताकि वे रिश्वत की मांग होने पर तुरंत शिकायत दर्ज करें। सरकार को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि शिकायतकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो और उनकी शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई हो।
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