Hardoi News: फसल को जलजमाव से बचाने के लिए सिंचाई का सही प्रबंधन बेहद जरूरी- कृषि रक्षा अधिकारी
जिला कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार ने बताया है कि सर्दियों का मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल तो होता है, लेकिन ठंड और पाले के कारण फसल को....

हरदोई। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विनीत कुमार ने बताया है कि सर्दियों का मौसम गेहूं की फसल के लिए अनुकूल तो होता है, लेकिन ठंड और पाले के कारण फसल को नुकसान पहुचने का खतरा भी रहता है। ठंड के मौसम में फसल को जलजमाव से बचाने के लिए सिंचाई का सही प्रबंधन बेहद जरूरी है। उन्होंने कृषक भाईयों से कहा है कि बारिश के पाले के प्रभाव को कम करने के लिए खेतों में हल्की सिंचाई करें।
यह फसल के तापमान को स्थिर बनाए रखता है। इसके अलावा, खेतों के चारों ओर घास या कचरे का ढेर जलाने से भी पाले का असर कम किया जा सकता है। ठंड के मौसम में धुआं करने का यह पारंपरिक तरीका बेहद प्रभावी साबित होता है। सर्दियों में फसल में पीलापन दिखाई देने पर नाइट्रोजन (यूरिया) का अत्यधिक उपयोग न करें। कोहरे या बादल भरे मौसम में नाइट्रोजन का छिड़काव करने से बचें। 40 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से यूरिया का प्रयोग करें।
यदि फसल की वृद्धि धीमी हो रही है, तो 02 प्रतिशत क्लोरमेक्वेट क्लोराइड 50 प्रतिशत एस०एल० $ वाणिज्यिक उत्पाद के 01 प्रतिशत पर टेबुकोनाजोल 259 प्रतिशत ई0सी0 के टैंक मिक्स सम्मिश्रणों का पहला छिड़काव 160 लीटर एकड़ पानी का उपयोग करके प्रथम नोड अवस्था (50-55 दिन) जैसे रसायनों का उपयोग पौधों की बेहतर वृद्धि के लिए किया जा सकता है। यह पौधों की सहनशक्ति बढ़ाने में मदद करता है।
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