खेसारी लाल को नचनिया कहने पर रोहिणी आचार्य का पलटवार: पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत सब नचनिया तो बीजेपी का दोहरा चरित्र क्यों?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजते ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को लेकर एक नया विवाद खड़ा

Oct 31, 2025 - 16:23
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खेसारी लाल को नचनिया कहने पर रोहिणी आचार्य का पलटवार: पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत सब नचनिया तो बीजेपी का दोहरा चरित्र क्यों?
खेसारी लाल को नचनिया कहने पर रोहिणी आचार्य का पलटवार: पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत सब नचनिया तो बीजेपी का दोहरा चरित्र क्यों?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बजते ही राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस बीच भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने छपरा सीट से खेसारी को उम्मीदवार बनाया, तो बीजेपी की ओर से उन्हें नचनिया कहकर तंज कसा गया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने एक रैली में कहा कि महागठबंधन को नचने वाले को मैदान में उतारना पड़ा, जो स्पष्ट रूप से खेसारी पर कटाक्ष था। इस पर लालू प्रसाद यादव की बेटी और आरजेडी नेता रोहिणी आचार्य ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि हां, वे दूसरों को नचनिया कहेंगे क्योंकि उनके पास कौन हैं। मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत, ये सब नचनिया तो नहीं हैं। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और बीजेपी पर दोहरे मापदंड का आरोप लगाने लगा।

यह विवाद 30 अक्टूबर 2025 को पटना में भड़का। सम्राट चौधरी की एक पुरानी रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा कि विपक्ष को नचने वाले को टिकट देना पड़ा क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प नहीं। खेसारी लाल यादव भोजपुरी इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय कलाकारों में से एक हैं। वे गायक, अभिनेता और डांसर हैं। उनकी फिल्में और गाने बिहार-यूपी के ग्रामीण इलाकों में खूब पसंद किए जाते हैं। लेकिन राजनीति में आने पर उनकी कला को हथियार बनाया जा रहा है। खेसारी ने हाल ही में आरजेडी जॉइन की और तेजस्वी यादव को भाई बताते हुए कहा कि वे बिहार के विकास में योगदान देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वे थूक कर चाटने वालों में से नहीं हैं, जो अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी के भोजपुरी स्टार्स पर कटाक्ष था।

रोहिणी आचार्य का बयान एएनआई द्वारा रिकॉर्ड किया गया। पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, हां, वे दूसरों को नचनिया कहेंगे क्योंकि उनके पास कौन हैं। मनोज तिवारी, रवि किशन, निरहुआ, पवन सिंह, हेमा मालिनी, कंगना रनौत, ये सब नचनिया तो हैं। वे दूसरों को नचनिया कहते हैं, लेकिन अपनी पार्टी में एनडीए वाले नचनिया को भीड़ जुटाने के लिए घुमाते हैं। क्या वे शर्म महसूस नहीं करते। उनके चेहरे पर भीड़ जुटाई जाती है। क्या वे नचनिया हैं। वे कलाकार हैं। उन्होंने भी भारत को योगदान दिया है। हमारे सभी कलाकार और अभिनेता योगदान देते हैं। अच्छी फिल्में बनती हैं। हर जगह दो तरह के लोग होते हैं, अच्छे और बुरे। बीजेपी में सभी बुरे लोग आकर अच्छे हो जाते हैं। प्रज्वल रेवन्ना, जो सामूहिक बलात्कारी था, अब ठीक है। आसाराम बापू, राम रहीम, ये सब अच्छे हो गए। क्या किसी कलाकार को नचनिया कहा जा सकता है। यह उनकी भाषा है। वे भीड़ जुटाने के लिए इन्हीं नचनिया का इस्तेमाल करते हैं क्योंकि उनकी चुनावी सभाओं में कोई आता ही नहीं।

रोहिणी का यह बयान बीजेपी के कई नेताओं को निशाने पर लेता है। मनोज तिवारी दिल्ली से बीजेपी सांसद हैं और भोजपुरी गायक-कलाकार। रवि किशन यूपी के जौनपुर से सांसद, भोजपुरी स्टार। निरहुआ यानी दिनेश लाल यादव भी बीजेपी से जुड़े हैं। पवन सिंह भोजपुरी के पावरस्टार हैं और बीजेपी समर्थक। हेमा मालिनी बॉलीवुड की धर्मेंद्र की पत्नी और मथुरा से सांसद, जो शास्त्रीय नृत्य में माहिर हैं। कंगना रनौत मणाली से सांसद, अभिनेत्री। रोहिणी ने इन्हें नचनिया कहकर बीजेपी पर तंज कसा कि वे दूसरों की कला का मजाक उड़ाते हैं लेकिन खुद कलाकारों पर निर्भर हैं। उन्होंने प्रज्वल रेवन्ना का जिक्र किया, जो कर्नाटक में बलात्कार कांड के आरोपी हैं, और राम रहीम व आसाराम जैसे धार्मिक नेताओं का, जो बीजेपी सरकारों में रिहा या संरक्षित दिखे। यह बयान आरजेडी की रणनीति का हिस्सा लगता है, जो बीजेपी को नैतिकता पर घेर रही है।

खेसारी लाल ने भी सम्राट चौधरी के बयान पर प्रतिक्रिया दी। 31 अक्टूबर को पटना में उन्होंने कहा, मेहनत करने वाले के लिए हर शब्द का मतलब होता है। अगर कोई नचनिया कहे तो ठीक है, वे बड़े भाई हैं। लेकिन चुनाव जीतने के लिए अपमानजनक भाषा ठीक नहीं। समाज में लोग आपकी इज्जत करते हैं, इसलिए शब्दों पर नियंत्रण रखना चाहिए। भविष्य की पीढ़ियां ऐसी भाषा न अपनाएं। खेसारी ने कहा कि उनकी परवरिश ऐसी है कि वे जवाब नहीं देंगे। इससे पहले रवि किशन ने खेसारी पर धर्म के नाम पर वोट मांगने का आरोप लगाया था। खेसारी ने पलटवार करते हुए कहा कि वे धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि धर्म के नाम पर उकसाने वालों के खिलाफ हैं।

यह विवाद बिहार चुनाव के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। बिहार की 243 सीटों पर 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में वोटिंग होगी, नतीजे 14 नवंबर को। एनडीए (बीजेपी, जदयू आदि) सत्तारूढ़ है, जबकि महागठबंधन (आरजेडी, कांग्रेस आदि) तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनौती दे रहा है। भोजपुरी स्टार्स राजनीति में सक्रिय हैं। बीजेपी के पास मनोज तिवारी, रवि किशन जैसे चेहरे हैं, जो सभाओं में भीड़ खींचते हैं। आरजेडी ने खेसारी को लाकर युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं को लक्ष्य किया। खेसारी की फैन फॉलोइंग लाखों में है। उनकी फिल्में जैसे लव-युद्ध, बालमुआ जैसे गाने हिट हैं। वे गरीबी से उठे कलाकार हैं, जो बिहार के युवाओं से जुड़ते हैं।

रोहिणी आचार्य लालू की बड़ी बेटी हैं। वे डॉक्टर हैं और 2022 में पिता को किडनी दान की थी। 2024 लोकसभा चुनाव में सारण से लड़ीं, लेकिन हार गईं। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अक्सर बीजेपी पर हमलावर रहती हैं। परिवार में कुछ मतभेद की खबरें आईं, लेकिन वे तेज प्रताप के करीब मानी जाती हैं। उनका यह बयान आरजेडी की महिलाओं के सशक्तिकरण वाली लाइन से जुड़ता है। उन्होंने कहा कि कलाकारों का सम्मान होना चाहिए, चाहे वे किसी भी पार्टी के हों।

बीजेपी ने रोहिणी के बयान पर चुप्पी साधी है। लेकिन सम्राट चौधरी ने पहले कहा था कि खेसारी जैसे कलाकार राजनीति में फिट नहीं। बीजेपी प्रवक्ताओं ने इसे व्यक्तिगत टिप्पणी बताया। विपक्ष का कहना है कि यह बीजेपी का हताशा का नतीजा है। सोशल मीडिया पर वीडियो को लाखों व्यूज मिले। एक्स पर यूजर्स ने रोहिणी की तारीफ की, तो कुछ ने इसे स्तरहीन बताया। एक यूजर ने लिखा, कलाकारों को राजनीति में घसीटना ठीक नहीं। दूसरा बोला, बीजेपी खुद स्टार्स पर निर्भर है।

यह घटना दिखाती है कि बिहार चुनाव में सांस्कृतिक और मनोरंजन जगत की भूमिका बढ़ रही है। भोजपुरी इंडस्ट्री बिहार की पहचान है। यहां के गाने और फिल्में सामाजिक मुद्दों को छूती हैं। खेसारी ने हाल ही में पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह के समर्थन में बयान दिया था, जो विवादास्पद था। उन्होंने कहा कि भाभी का अपराध इतना बड़ा नहीं, माफ कर दें। पवन सिंह ने इसका विरोध किया। लेकिन खेसारी ने साफ कहा कि वे चापलूसी नहीं करते।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे बयान चुनावी माहौल को गर्म रखते हैं, लेकिन मुद्दों से भटकाते हैं। बिहार में बेरोजगारी, बाढ़, शिक्षा जैसे मुद्दे हैं। एनडीए ने 1 करोड़ नौकरियां देने का वादा किया, महागठबंधन ने हर घर नौकरी। लेकिन स्टार वॉर चर्चा में हैं। रोहिणी का बयान आरजेडी को मजबूती दे रहा है। खेसारी की सभाओं में भीड़ उमड़ रही है। वे कहते हैं कि राजनीति सेवा का माध्यम है, न कि अपमान का।

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