सहारनपुर: RTO विभाग सहारनपुर बना अवैध वसूली का अड्डा, एजेंटों में नाराज़गी
यदि वाहन माॅडल,कंडीशन यानि दस वर्ष से अधिक आयु का है तो 2600 रूपये तथा हेवी वाहनों की फिटनेस पासिंग फीस लगभग पांच से छः हजार रूपये वसूली जा रही है और यदि हल्के वाहनों....
Saharanpur News INA.
सहारनपुर का आरटीओ विभाग लगातार सुर्खिया में बना रहने का आदी सा हो गया है, कभी दलालों के नाम पर तो कभी घूसखोरी के नाम पर। नाम न छापने की शर्त पर कुछ लोगों द्वारा बताया गया कि आरटीओ विभाग में पक्का ड्राईविंग लाईसेंस की फीस व हल्के वाहनों की फिटनेस फीस बढ़ती रिश्वतखोरी के चलते 800 के बजाय 1600 रूपये वसूली जा रही है। यदि वाहन माॅडल,कंडीशन यानि दस वर्ष से अधिक आयु का है तो 2600 रूपये तथा हेवी वाहनों की फिटनेस पासिंग फीस लगभग पांच से छः हजार रूपये वसूली जा रही है और यदि हल्के वाहनों पर कोई चालान हो तो फिटनेस के नाम पर पांच सौ रूपये और झटक लिये जाते हैं। इस प्रकार खुलेआम जनता की जेबों पर विभागीय कर्मचारियों द्वारा सेवा देने की एवज में अवैध रूप से जमकर डाका डाला जा रहा है और ऐसा लगता है जैसे आरटीओ विभाग के कर्मचारियों को सरकार ने वेतन देना बंद कर दिया हो, जिस कारण जनता के ऊपर कई गुणा बोझ डाल दिया गया है।
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आपको बता दें कुछ दिन पूर्व आरटीओ विभाग पर जिले के उच्चाधिकारियों द्वारा आकस्मिक छापामारी भी की गई, जिसमें कई खामियां सामने आयी थी। लेकिन जनता को राहत मिलने के बजाय परेशानियां ही मिल रही हैं। आपको बता दें कि विभाग में स्थाई ड्राईविंग टेस्ट का समय साढ़े बारह बजे से दो बजे तक व चार बजे से साढ़े चार बजे तक और फिटनेस करने का समय भी साढ़े बारह बजे से दो बजे तक रखा गया है। लेकिन यह मात्र खानापूर्ति के लिए है जबकि वास्तविकता यह है कि वाहनों की फिटनेस पासिंग की फीस के लिए विभाग में कार्यरत एक बाहरी व्यक्ति को जिम्मेदारी सौंपी हुई है जो फिटनेस पासिंग फीस लेता है। वहीं कोई सोनू नामक बाहरी व्यक्ति जो कि शाॅप नम्बर-31 पर बैठता है भी पासिंग फीस वसूलता है।
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ताकि सांप भी मर जाये और लाठी भी न टूटे यानि कि अवैध धनराशि भी इक्ट्ठी हो जाये और कोई पकड़ा भी न जाये। यदि सूत्रों की माने तो सहारनपुर आरटीओ विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है और कोई भी काम सीधे न होकर दलालों के ही माध्यम से सम्भव है। हर जनमानस असमंजस में है कि न जाने उन्हें इस रिश्वतखोरी से कब निजात मिलेगी। अप्रत्याशित रूप से बढ़ी फीसों से परेशान होकर इर्द-गिर्द बैठने वाले दलाल जो कि ग्राहकों के लिए सहायक के रूप में काम करते हैं की एक मीटिंग हुई जिसमें बढ़ी हुई फीसों को लेकर गहरी नाराजगी जताते हुए बढ़ी हुई गुप्त फीसें देने में असमर्थता भी जताई। कई लोगों ने यह भी बताया कि आरटीओ विभाग में सभी कुछ सामान्य नहीं है और रिश्वतखोरी के चलते सीधे पार्टी का कोई काम नहीं हो रहा है और उन्हें कुछ न कुछ खामियां बताकर चक्कर पर चक्कर कटवाये जाते हैं। यहां तक की ट्रेंड लोगों को भी बिना सुविधा शुल्क के पास नहीं किया जा रहा है।
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