सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: धीरेंद्र शास्त्री का संकल्प, बच्चे की अनोखी भक्ति और हस्तियों का जमावड़ा। 

सनातन धर्म की पुनरुत्थान और हिंदू एकता के उद्देश्य से निकाली गई 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025' का तीसरा दिन एक अनोखे और भावुक क्षण से सजा। बागेश्वर

Nov 10, 2025 - 21:25
 0  41
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: धीरेंद्र शास्त्री का संकल्प, बच्चे की अनोखी भक्ति और हस्तियों का जमावड़ा। 
सनातन हिंदू एकता पदयात्रा: धीरेंद्र शास्त्री का संकल्प, बच्चे की अनोखी भक्ति और हस्तियों का जमावड़ा। 

सनातन धर्म की पुनरुत्थान और हिंदू एकता के उद्देश्य से निकाली गई 'सनातन हिंदू एकता पदयात्रा 2025' का तीसरा दिन एक अनोखे और भावुक क्षण से सजा। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नेतृत्व में चल रही यह पदयात्रा फरीदाबाद से बल्लभगढ़ तक पहुंची, जहां हजारों श्रद्धालुओं के बीच एक नन्हा बच्चा अचानक शास्त्री जी के पास आया और उनके सामने पुश-अप्स करने लगा। यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जो न केवल यात्रा की लोकप्रियता को दर्शाता है, बल्कि सनातन संस्कृति में नई पीढ़ी की उत्साहपूर्ण भागीदारी को भी उजागर करता है।

पदयात्रा का शुभारंभ 7 नवंबर को राजधानी दिल्ली के पवित्र छतरपुर मंदिर परिसर से हुआ था। आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा आरंभ की गई यह यात्रा 16 नवंबर को वृंदावन धाम में समापन को प्राप्त होगी। लगभग 200 किलोमीटर लंबी इस पदयात्रा में एक लाख से अधिक श्रद्धालु पैदल चल रहे हैं, जो सनातन हिंदू एकता, राष्ट्र चेतना और हिंदू राष्ट्र की मांग को मजबूत करने का संदेश दे रही है। यात्रा के दौरान 'हर हर महादेव' और 'जय श्री राम' के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो रहा है। शास्त्री जी ने स्पष्ट कहा है कि "यह पदयात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक भारत हिंदू राष्ट्र न बन जाए।" इस यात्रा ने न केवल धार्मिक जगत को एकजुट किया है, बल्कि राजनीतिक, खेल और मनोरंजन क्षेत्र की हस्तियों को भी आकर्षित किया है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से लेकर क्रिकेटर शिखर धवन और रेसलर महाबली खली तक, कई प्रमुख नाम इसमें शामिल हो चुके हैं।

पदयात्रा का उद्देश्य: सनातन एकता का संकल्प

सनातन हिंदू एकता पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज में व्याप्त जातिगत भेदभाव को समाप्त करना, सनातन धर्म की मूल भावना को पुनर्जीवित करना और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग को तेज करना है। बागेश्वर धाम सरकार, आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यात्रा के प्रारंभिक दिन ही घोषणा की कि "यह यात्रा केवल पैदल चलना नहीं, बल्कि सनातन की आत्मा को जगाने का संकल्प है।" उन्होंने कहा, "हमारी संस्कृति में विविधता है, लेकिन एकता हमारा मूल मंत्र है। जब तक हिंदू समाज एकजुट न हो, तब तक बाहरी ताकतें हमें कमजोर करती रहेंगी।"

यह यात्रा बागेश्वर धाम की परंपरा का हिस्सा है, जहां शास्त्री जी वर्षों से 'पर्ची' के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करते आ रहे हैं। पदयात्रा के दौरान हर रुकने वाले स्थान पर भजन-कीर्तन, प्रवचन और सामूहिक भोज का आयोजन हो रहा है। यात्रा का मार्ग दिल्ली से गुजरते हुए फरीदाबाद, बल्लभगढ़, पलवल, फिरोजपुर जhirका, हसनपुर और अंततः वृंदावन तक फैला है। प्रत्येक दिन सुबह 9 बजे प्रारंभ होकर शाम तक 15-20 किलोमीटर की दूरी तय की जा रही है। यात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधा, जल और भोजन की व्यवस्था बागेश्वर धाम ट्रस्ट द्वारा की गई है।

शास्त्री जी ने यात्रा के दूसरे दिन कहा, "सनातन धर्म में कोई ऊंच-नीच नहीं। हम सब भगवान के बच्चे हैं। यह पदयात्रा समाज को बांटने वालों के खिलाफ एकजुटता का प्रतीक है।" यात्रा में महिलाओं, युवाओं और बच्चों की बड़ी संख्या शामिल है, जो सनातन संस्कृति की निरंतरता को दर्शाता है।

बच्चे ने कहा- सरकार जी, मैं आपका शिष्य हूं। यह मेरी भक्ति है

9 नवंबर को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ मार्ग पर पदयात्रा के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। एक 10 वर्षीय बच्चा, जिसका नाम अभी स्पष्ट नहीं हो सका, अचानक शास्त्री जी के पास पहुंचा और उनके सामने जमीन पर लेटकर पुश-अप्स करने लगा। बच्चे ने कहा, "सरकार जी, मैं आपका शिष्य हूं। यह मेरी भक्ति है।" शास्त्री जी ने मुस्कुराते हुए बच्चे को गले लगाया और आशीर्वाद दिया। यह दृश्य न केवल यात्रा की भावुकता को उजागर करता है, बल्कि नई पीढ़ी में सनातन प्रेम की जड़ें कैसे मजबूत हो रही हैं, इसका प्रमाण है।

वीडियो में देखा गया कि बच्चा सफेद धोती-कुर्ता पहने था और उसके हाथों में भगवा झंडा था। आसपास के श्रद्धालु तालियों से गूंज उठे। शास्त्री जी ने बाद में कहा, "यह बच्चा सनातन का भविष्य है। ऐसे बालसनातनी ही हमारी एकता को मजबूत करेंगे।" यह घटना यात्रा के तीसरे दिन की थी, जब यात्रा बल्लभगढ़ मंडी से होकर गुजर रही थी। सोशल मीडिया पर #BageshwarDhamPadyatra ट्रेंड कर रहा है, जहां लाखों यूजर्स ने इसे शेयर किया।

हस्तियों का जमावड़ा: क्रिकेटर से रेसलर तक का समर्थन

पदयात्रा ने हिंदू समाज के हर वर्ग को एकजुट किया है। खेल जगत से शिखर धवन और उमेश यादव जैसे क्रिकेटर शामिल हुए। शिखर धवन ने कहा, "यह यात्रा हिंदू एकता का प्रतीक है। मैं गर्व महसूस कर रहा हूं कि सनातन के लिए कुछ कर पाया।" उमेश यादव ने ट्वीट किया, "जय श्री राम! धीरेंद्र शास्त्री जी के साथ चलना सौभाग्य की बात है। हिंदू राष्ट्र का सपना साकार होगा।"

रेसलर महाबली खली ने तीसरे दिन यात्रा में शिरकत की। खली ने शास्त्री जी के साथ पैदल चलते हुए कहा, "सनातन धर्म ने मुझे पहचान दी। यह यात्रा मेरे लिए भक्ति का माध्यम है। हिंदू एकता से ही भारत मजबूत बनेगा।" खली का शामिल होना युवाओं में उत्साह बढ़ा रहा है।

धार्मिक जगत से अनिरुद्धाचार्य ने यात्रा में भाग लिया। उन्होंने कहा, "यह पदयात्रा सनातनी संकल्प का प्रतीक है। हम हिंदू राष्ट्र बनाएंगे।" गौभक्त मोहम्मद फैज खान ने भी समर्थन दिया। खान ने कहा, "सनातन एकता पदयात्रा किसी के विरुद्ध नहीं है। यह शांति और सद्भाव का संदेश है। गौभक्ति और हिंदू एकता साथ-साथ चलें।"

राजनीतिक हस्तियों में पूर्व हरियाणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, "सनातन हिंदू एकता पदयात्रा की सफलता हेतु पूज्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी को हार्दिक शुभकामनाएं। यह यात्रा राष्ट्र निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।" अन्य नेताओं जैसे संजीव कृष्ण ठाकुर ने भी समर्थन व्यक्त किया। ठाकुर ने कहा, "यह यात्रा समाज के हर वर्ग की साझेदारी का प्रतीक है।"

यात्रा का मार्ग और दैनिक आयोजन: एकता का महाकुंभ

पदयात्रा का मार्ग रणनीतिक रूप से चुना गया है, जो दिल्ली-एनसीआर से यमुना पार वृंदावन तक जाता है। पहले दिन छतरपुर से फरीदाबाद, दूसरे दिन फरीदाबाद शहर, तीसरे दिन बल्लभगढ़। प्रत्येक स्टॉप पर प्रवचन सत्र होते हैं, जहां शास्त्री जी रामायण, महाभारत और वेदों के प्रसंगों से एकता का संदेश देते हैं।

यात्रा में महिलाओं की टुकड़ी विशेष आकर्षण का केंद्र है। सैकड़ों महिलाएं भगवा साड़ी में चल रही हैं, जो 'मातृशक्ति की एकता' का प्रतीक है। युवा वर्ग के लिए 'सनातनी योद्धा' कैंप लगाए गए हैं, जहां योग, ध्यान और हिंदू इतिहास पर चर्चा होती है। भोजन व्यवस्था में शाकाहारी थाली दी जा रही है, जिसमें सनातन परंपरा के अनुसार प्रसाद शामिल है।

समर्थन की लहर: सोशल मीडिया से सड़क तक

सोशल मीडिया पर यात्रा को भारी समर्थन मिल रहा है। #SanatanHinduEktaPadyatra हैशटैग के साथ लाखों पोस्ट हो चुके हैं। यूजर्स ने शास्त्री जी के भजनों को शेयर किया, जैसे "हो मेरा भोला ना मानें"। यात्रा को 'सनातन की आत्मा जगाने वाला संकल्प' कहा जा रहा है।

सड़क पर भी उत्साह चरम पर है। बल्लभगढ़ में स्थानीय व्यापारियों ने स्वागत के लिए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जैसा पंडाल सजाया। यात्रा में डॉक्टर, वकील, किसान और मजदूर सभी शामिल हैं, जो सनातन की समावेशी भावना को दर्शाता है।

विवाद और आलोचना: राजनीतिक लाभ की चर्चा

यात्रा को समर्थन जितना है, विवाद भी उतना ही। कुछ आलोचकों ने इसे 'अपराधी बचाओ पदयात्रा' कहा, दावा करते हुए कि कुछ अपराधी इसमें शामिल हो रहे हैं। ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी ने तीखी प्रतिक्रिया दी: "ऐसी यात्राएं धर्म से नहीं, राजनीतिक लाभ से प्रेरित हैं। अगर हिंदू राष्ट्र की बात, तो मुस्लिम राष्ट्र की मांग भी उठेगी।"

शास्त्री जी ने जवाब दिया, "यह यात्रा शांति और एकता का संदेश है, न कि किसी के विरुद्ध। सनातन में सभी का स्वागत है।" राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह यात्रा 2025 के बिहार चुनावों को प्रभावित कर सकती है।

वृंदावन तक का सफर

पदयात्रा के शेष दिनों में और अधिक हस्तियां शामिल होने की संभावना है। वृंदावन समापन पर भव्य आरती और संकल्प सभा होगी। शास्त्री जी ने कहा, "यह यात्रा 2.0 है, आगे और भी होंगी।" यात्रा सनातन हिंदू एकता को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित हो रही है।

Also Read- Hardoi: हरदोई के डॉ॰ सुशील चन्द्र त्रिवेदी 'मधुपेश' तीन वर्ष के लिए अ. भा. साहित्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।