Shamli : शामली में स्टांप विभाग के एआईजी और कंप्यूटर ऑपरेटर 1 लाख रिश्वत लेते पकड़े गए, मंत्री ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति पर जोर दिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसान महेश कुमार ने अपनी जमीन के बैनामा रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधक कार्यालय का दौरा किया था। अधिकारियों ने स्टांप शुल्क क
शामली जिले के कलेक्ट्रेट स्थित निबंधक कार्यालय में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। यहां सहायक महानिरीक्षक निबंधन रविंद्र मेहता और कंप्यूटर ऑपरेटर अश्विनी कुमार को एक किसान से जमीन के बैनामा रजिस्ट्री में स्टांप शुल्क कम दिखाने के बदले एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई से विभाग में हड़कंप मच गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसान महेश कुमार ने अपनी जमीन के बैनामा रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधक कार्यालय का दौरा किया था। अधिकारियों ने स्टांप शुल्क कम करने के नाम पर उनसे कुल छह लाख रुपये की मांग की थी। किसान ने शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मेरठ से आई 12 सदस्यीय विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया। टीम ने छापा मारा तो रविंद्र मेहता और अश्विनी कुमार रिश्वत के पैसे लेते पकड़े गए। गिरफ्तारी के दौरान मेहता के लैपटॉप बैग से चार पैकेट बरामद हुए, जिनमें 53,200 रुपये नकद थे। पूरी रकम एक लाख रुपये बताई जा रही है।
इस मामले में आदर्शनगर थाने में भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 के तहत दोनों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। रविंद्र मेहता को गिरफ्तार कर एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अश्विनी कुमार की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। राज्य सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रविंद्र मेहता को निलंबित कर दिया और अश्विनी कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया। मामला अभी अदालत में विचाराधीन है और अगली सुनवाई 23 दिसंबर को निर्धारित है। स्टांप तथा पंजीयन राज्य मंत्री रवींद्र जायसवाल ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पूरी तरह लागू रहेगी। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सरकार जनता के हित में कोई समझौता नहीं करेगी। भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से किए जाएं, ताकि आम लोगों को कोई परेशानी न हो।
यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा है। हाल ही में कई जिलों में विजिलेंस टीमों ने सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी के खिलाफ छापेमारी की है। शामली जैसे जिलों में रजिस्ट्री कार्यों में स्टांप शुल्क में हेराफेरी के कई शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं। इस घटना से स्थानीय स्तर पर लोगों में राहत की भावना है, लेकिन साथ ही सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी होने की चर्चा भी हो रही है। जायसवाल ने कहा कि ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए विभाग को और मजबूत बनाया जाएगा, ताकि ईमानदार कर्मचारियों को बढ़ावा मिले और भ्रष्ट लोग सजा पाएं।
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