Sitapur :सीतापुर में पक्का पुल की मरम्मत में देरी से जाम और दुर्घटना का खतरा बढ़ा, जनता नाराज
लोग बताते हैं कि नया पुल बनने के बाद भारी वाहनों, ट्रकों और चार पहिया गाड़ियों की लगातार आवाजाही से दिन में दो से तीन बार लंबा जाम लग जाता है। इससे स्कूल, अस्प
सीतापुर के स्थानीय निवासी और पुराने शहर क्षेत्र के लोग पक्का पुल की खराब स्थिति से चिंतित हैं। लोगों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग ने पुल को एकल मार्ग बना दिया है और आठ महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, लेकिन न तो मरम्मत या निर्माण कार्य शुरू हुआ है और न ही शासन स्तर पर कोई नया प्रस्ताव आया है। इससे लोगों में भारी नाराजगी फैल गई है। सीतापुर में कई पुलों की जर्जर हालत की शिकायतें पहले भी सामने आ चुकी हैं, जहां 15 साल से अधिक समय से मरम्मत न होने से दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
लोग बताते हैं कि नया पुल बनने के बाद भारी वाहनों, ट्रकों और चार पहिया गाड़ियों की लगातार आवाजाही से दिन में दो से तीन बार लंबा जाम लग जाता है। इससे स्कूल, अस्पताल, बाजार और आपात सेवाएं प्रभावित हो रही हैं। शहर के आसपास के रेलवे क्रॉसिंग और हाईवे पर भी जाम की समस्या आम है, जहां मालगोदाम और ट्रेनों की वजह से घंटों वाहन फंस जाते हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार पुराना पक्का पुल अभी भी इस्तेमाल लायक और अपेक्षाकृत मजबूत है। इसलिए भारी वाहनों पर पाबंदी लगाकर सामान्य गाड़ियों का आवागमन पुराने पुल से फिर शुरू किया जाए, ताकि जाम और दुर्घटनाओं का जोखिम कम हो सके। निवासियों का आरोप है कि पुल को एकल मार्ग बनाने के पीछे आर्थिक फायदा और ठेकेदारों के हित साधे गए, जबकि असली मरम्मत कार्य आज तक नहीं शुरू हुआ। लोग कहते हैं कि आठ महीने से जनता परेशान है, लेकिन जिम्मेदार विभाग मौन साधे हुए है।
क्षेत्र के लोगों ने जिलाधिकारी सीतापुर से मांग की है कि पुल की स्थिति की फौरन जांच हो, पुराने पुल से नियंत्रित आवागमन तुरंत बहाल किया जाए और लोक निर्माण विभाग से देरी के लिए जिम्मेदारी तय की जाए। स्थानीय लोग चेतावनी दे रहे हैं कि समय रहते कदम न उठाए गए तो यह लापरवाही किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है। सीतापुर की जनता अब जिलाधिकारी से जल्द हस्तक्षेप और सख्त कदम की उम्मीद कर रही है।
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