राजधानी दिल्ली के पटल पर दो और जिले जुड़े, 11 से बढ़कर 13 राजस्व जिलों का गठन, सीएम रेखा गुप्ता ने कहा- 10 महीनों में पुरानी समस्या का स्थायी समाधान।
दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए मौजूदा 11 राजस्व जिलों का पुनर्गठन कर 13 नए राजस्व जिलों के गठन
दिल्ली सरकार ने एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम उठाते हुए मौजूदा 11 राजस्व जिलों का पुनर्गठन कर 13 नए राजस्व जिलों के गठन को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में दिल्ली कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जो दिल्ली के शासन को सरल, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सुशासन के विजन को धरातल पर उतारने का सशक्त उदाहरण है, जो वर्षों पुरानी समस्या को मात्र 10 महीनों में हल करता है। पुनर्गठन से राजस्व जिलों की सीमाएं नगर निगम दिल्ली (एमसीडी), नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के 12 जोनों के साथ पूरी तरह संरेखित हो जाएंगी, जिससे सेवा वितरण में तेजी आएगी और अधिकार क्षेत्र संबंधी भ्रम समाप्त हो जाएगा। आधिकारिक अधिसूचना लेफ्टिनेंट गवर्नर वी.के. सक्सेना की मंजूरी के बाद जारी की जाएगी, और नई संरचना दिसंबर 2025 तक पूरी तरह कार्यरत हो जाएगी। इस पुनर्गठन का मुख्य उद्देश्य दिल्ली की तेजी से बढ़ती जनसंख्या, शहरी विस्तार और जटिल नागरिक सेवाओं के मद्देनजर जिला प्रशासन को अधिक संगठित, प्रभावी और जवाबदेह बनाना है। दिल्ली जैसे महानगर में छोटे, संतुलित और प्रशासनिक रूप से सशक्त जिलों की आवश्यकता लंबे समय से महसूस की जा रही थी, ताकि सेवाओं का समन्वय बेहतर हो, शिकायतों का निपटारा तेज हो और निगरानी प्रभावी बने। मौजूदा 11 जिलों में राजस्व और नगर निगम की सीमाओं में असंगति के कारण सेवा वितरण में देरी, शिकायतों के समाधान में कठिनाई, भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में समस्याएं और विभागीय अधिकार क्षेत्रों में ओवरलैपिंग जैसी बाधाएं उत्पन्न हो रही थीं। इस पुनर्गठन से इन सभी मुद्दों का समाधान होगा, और नागरिकों को एक ही खिड़की से सेवाएं प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कदम दिल्ली को एक सीमा, एक खिड़की के सिद्धांत पर आधारित बनाएगा, जो सरकार को नागरिकों के करीब लाएगा। नए 13 राजस्व जिलों के नाम इस प्रकार हैं: साउथ ईस्ट, ओल्ड दिल्ली, नॉर्थ, न्यू दिल्ली, सेंट्रल, सेंट्रल नॉर्थ, साउथ वेस्ट, आउटर नॉर्थ, नॉर्थ वेस्ट, नॉर्थ ईस्ट, ईस्ट, साउथ और वेस्ट। इनमें से शाहदरा जिले को नॉर्थ-ईस्ट जिले में विलय कर दिया गया है, जबकि तीन नए जिले- ओल्ड दिल्ली, सेंट्रल नॉर्थ और आउटर नॉर्थ- का गठन किया गया है। यह पुनर्गठन एमसीडी के 12 जोनों के साथ पूर्ण संरेखण सुनिश्चित करेगा, जिससे भवन योजना अनुमोदन, संपत्ति कर कार्य, योजना निर्माण, प्रवर्तन और संपत्ति पंजीकरण जैसी सेवाओं में सुधार होगा। दिल्ली सरकार ने इस पुनर्गठन के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्रारंभिक बजट के रूप में 25 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जो नई संरचना को स्थापित करने और संचालित करने में सहायक होगा। गजट अधिसूचना अगले 15 दिनों में जारी होने की संभावना है, जिसके बाद उप-विभागों का भी पुनर्गठन होगा।
पुनर्गठन से दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे में कई लाभ होंगे। सबसे पहले, सेवाओं तक पहुंच आसान होगी, क्योंकि नागरिकों को अब विभिन्न विभागों के बीच भटकना नहीं पड़ेगा। शिकायतों का निपटारा तेज होगा, अधिकारियों पर बोझ कम होगा, और प्रशासनिक अधिकार क्षेत्र स्पष्ट हो जाएगा। राजस्व विभाग, एमसीडी और अन्य एजेंसियों के बीच समन्वय में वृद्धि होगी, जो शहरी योजना, आपदा प्रबंधन और भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन को प्रभावी बनाएगा। दिल्ली के क्षेत्रीय विस्तार को देखते हुए यह आवश्यक था, क्योंकि पुरानी संरचना 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं थी। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह निर्णय दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के लिए लंबे समय से लंबित था, और वर्तमान सरकार ने इसे मात्र 10 महीनों में हासिल कर लिया। इससे नागरिकों के लिए शासन सरल और निकट होगा। दिल्ली में राजस्व जिलों का यह पुनर्गठन पहली बार नहीं है, लेकिन इसकी व्यापकता इसे विशेष बनाती है। पहले दिल्ली में 9 जिले थे, जिन्हें 2012 में 11 कर दिया गया था, लेकिन तब भी नगर निगम की सीमाओं से पूर्ण संरेखण नहीं हुआ था। इस असंगति के कारण कई क्षेत्र एक राजस्व जिले में आते थे लेकिन नगर निगम के अलग जोन में, जिससे शिकायतों का समाधान विलंबित हो जाता था। उदाहरण के लिए, भूमि विवादों में एक ही क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों पर अलग-अलग अधिकार क्षेत्र लागू हो जाते थे, जो प्रक्रिया को जटिल बनाता था। नए पुनर्गठन से सभी 13 जिलों की सीमाएं एमसीडी, एनडीएमसी और दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड के साथ मेल खाएंगी, जिससे एकीकृत प्रशासन सुनिश्चित होगा। यह कदम दिल्ली के शहरी विकास को गति देगा और नागरिक सेवाओं को अधिक कुशल बनाएगा। सीएम रेखा गुप्ता ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया, जो दिल्ली के प्रशासनिक सिस्टम को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप ढालता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन किसी भी शासन व्यवस्था की रीढ़ होता है और नागरिकों के साथ सरकार का सबसे निकटतम इंटरफेस है। दिल्ली जैसे महानगर में छोटे जिलों का गठन सेवाओं के समन्वय, त्वरित वितरण, शिकायत निपटारे और प्रभावी निगरानी के लिए अनिवार्य है। इस पुनर्गठन से पारदर्शिता बढ़ेगी, और नागरिकों को एक ही स्थान पर सभी सेवाएं मिलेंगी। सरकार का लक्ष्य है कि यह सुधार दिल्ली को एक बेहतर शहर बनाए, जहां शासन नागरिकों के द्वार तक पहुंचे। लेफ्टिनेंट गवर्नर की मंजूरी के बाद यह संरचना पूरी तरह लागू हो जाएगी, और उसके बाद उप-विभागों का भी समायोजन होगा।
इस निर्णय से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, ओल्ड दिल्ली जिले का गठन पुराने दिल्ली क्षेत्र की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर किया गया है, जहां ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ प्रशासनिक चुनौतियां अधिक हैं। सेंट्रल नॉर्थ और आउटर नॉर्थ जिलों से उत्तर और बाहरी क्षेत्रों में सेवाओं का वितरण संतुलित होगा। शाहदरा का नॉर्थ-ईस्ट में विलय पूर्वी दिल्ली की एकीकृत प्रबंधन सुनिश्चित करेगा। कुल मिलाकर, यह पुनर्गठन दिल्ली के 12 एमसीडी जोनों के साथ पूर्ण तालमेल स्थापित करेगा, जो शहरी सेवाओं को मजबूत बनाएगा। सरकार ने इसकी कार्यान्वयन के लिए समयबद्ध योजना बनाई है, ताकि दिसंबर 2025 तक सब कुछ सुचारू हो। पुनर्गठन की प्रक्रिया में दिल्ली सरकार ने विस्तृत अध्ययन किया, जिसमें जनसंख्या वितरण, शहरी घनत्व और सेवा मांग का मूल्यांकन शामिल था। इससे यह सुनिश्चित हुआ कि नए जिले संतुलित हों और किसी क्षेत्र पर बोझ न पड़े। सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि यह कदम दिल्ली सरकार के सुशासन मॉडल का हिस्सा है, जो नागरिकों की सुविधा को प्राथमिकता देता है। वर्षों से लंबित यह मुद्दा अब हल हो गया है, और इससे विभागीय समन्वय में वृद्धि होगी। दिल्ली के निवासियों को अब भूमि रिकॉर्ड, संपत्ति पंजीकरण और शिकायत निपटारे में कम समय लगेगा। यह सुधार दिल्ली को एक मॉडल शहर बनाने की दिशा में आगे बढ़ाएगा। दिल्ली कैबिनेट का यह निर्णय न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाएगा, बल्कि आपदा प्रबंधन और शहरी योजना में भी सहायक होगा। एकीकृत सीमाओं से आपातकालीन सेवाओं का समन्वय बेहतर होगा, और भूमि उपयोग की योजना अधिक प्रभावी बनेगी। सरकार ने 25 करोड़ रुपये के बजट आवंटन से यह संकेत दिया है कि कार्यान्वयन पर गंभीरता है। गजट अधिसूचना के बाद जिला मजिस्ट्रेटों और उप-विभागीय अधिकारियों की नियुक्ति होगी, जो नई संरचना को मजबूत करेगी। सीएम रेखा गुप्ता ने दोहराया कि यह पुनर्गठन दिल्ली के नागरिकों के लिए एक खिड़की, एक सीमा का सिद्धांत लागू करेगा, जो शासन को सरल बनाएगा।
What's Your Reaction?