पुरी में गणेश चतुर्थी पर सुदर्शन पटनायक की अनोखी रेत कला, 20 प्रकार के फलों से सजा भगवान गणेश का चित्र। 

Odisha: ओडिशा के प्रसिद्ध समुद्र तट पर गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर विश्वविख्यात रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने एक बार फिर अपनी कला का जादू बिखेरा। इस बार उन्होंने

Aug 27, 2025 - 13:12
 0  410
पुरी में गणेश चतुर्थी पर सुदर्शन पटनायक की अनोखी रेत कला, 20 प्रकार के फलों से सजा भगवान गणेश का चित्र। 
पुरी में गणेश चतुर्थी पर सुदर्शन पटनायक की अनोखी रेत कला, 20 प्रकार के फलों से सजा भगवान गणेश का चित्र। 

27 अगस्त 2025 को पुरी, ओडिशा के प्रसिद्ध समुद्र तट पर गणेश चतुर्थी की पूर्व संध्या पर विश्वविख्यात रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने एक बार फिर अपनी कला का जादू बिखेरा। इस बार उन्होंने भगवान गणेश की एक शानदार रेत मूर्ति बनाई, जिसमें 20 प्रकार के विभिन्न फलों का उपयोग किया गया। यह मूर्ति न केवल अपनी सुंदरता के लिए बल्कि अपने संदेश “विश्व शांति” के लिए भी चर्चा में रही। सुदर्शन ने इस कला को पुरी के नीले झंडे वाले समुद्र तट पर बनाया, जहां इसे देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। इस रेत मूर्ति की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, और लोगों ने सुदर्शन की इस रचनात्मकता की जमकर तारीफ की। यह रचना भारत में गणेश चतुर्थी के उत्साह और सुदर्शन की पर्यावरण के प्रति जागरूकता को दर्शाती है।

सुदर्शन पटनायक, जिन्हें 2014 में भारत सरकार ने पद्म श्री से सम्मानित किया था, अपनी अनोखी रेत कला के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। वह अक्सर सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दों को अपनी कला के माध्यम से लोगों तक पहुंचाते हैं। इस बार गणेश चतुर्थी के अवसर पर उनकी यह मूर्ति 20 प्रकार के फलों, जैसे सेब, संतरा, अनार, और केले, से सजाई गई थी। इस मूर्ति के साथ उन्होंने “विश्व शांति” का संदेश लिखा, जो उनकी कला का मुख्य उद्देश्य रहा। सुदर्शन ने सोशल मीडिया पर इस रचना की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, “गणेश चतुर्थी के अवसर पर पुरी समुद्र तट पर 20 प्रकार के फलों के साथ श्री गणेश की मेरी रेत कला। सभी को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं।” इस पोस्ट को हजारों लोगों ने पसंद किया और सैकड़ों ने इसकी तारीफ में कमेंट किए।

गणेश चतुर्थी, जिसे भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है, भारत में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और ओडिशा में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह 10 दिन का उत्सव भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है, जिन्हें विघ्नहर्ता और बुद्धि का देवता माना जाता है। पुरी में यह त्योहार खासा लोकप्रिय है, और लोग गणेश पूजा के लिए अपने घरों और पंडालों में मूर्तियां स्थापित करते हैं। सुदर्शन की यह रचना इस उत्सव के माहौल को और रंगीन बना देती है। उनकी कला ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि पर्यटकों और कला प्रेमियों को भी आकर्षित किया।

सुदर्शन ने पहले भी गणेश चतुर्थी के अवसर पर कई अनोखी रेत मूर्तियां बनाई हैं। 2023 में उन्होंने पुरी समुद्र तट पर लगभग 1000 स्टील के कटोरों का उपयोग करके भगवान गणेश की मूर्ति बनाई थी, जिसमें “विश्व शांति” का संदेश था। 2022 में उन्होंने 3,425 रेत के लड्डुओं और फूलों से गणेश की मूर्ति बनाई थी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। 2021 में उनकी 7,000 सीपियों से बनी गणेश मूर्ति को दुनिया की पहली सीपियों वाली रेत मूर्ति माना गया था। 2019 में उन्होंने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए 1,000 प्लास्टिक की बोतलों से गणेश की मूर्ति बनाई थी, जिसमें उन्होंने एकल-उपयोग प्लास्टिक के खिलाफ जागरूकता फैलाई थी। इस बार 20 प्रकार के फलों का उपयोग उनकी रचनात्मकता का एक और उदाहरण है, जो प्रकृति के साथ सामंजस्य को दर्शाता है।

पुरी समुद्र तट, जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और जगन्नाथ मंदिर के लिए विश्व प्रसिद्ध है, सुदर्शन की कला का मुख्य मंच रहा है। वह सात साल की उम्र से रेत कला बना रहे हैं और आज उनकी कला ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। 2017 में उन्होंने पुरी समुद्र तट पर दुनिया की सबसे बड़ी रेत की मूर्ति बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था, हालांकि यह रिकॉर्ड 2019 में जर्मनी की एक कंपनी ने तोड़ दिया था। इसके अलावा, सुदर्शन ने 2014 में अमेरिका में सैंड स्कल्पटिंग वर्ल्ड कप में पीपल्स चॉइस अवार्ड और 2019 में इटली में पहला भारतीय सैंड आर्ट अवार्ड जीता था। 2025 में उन्हें लंदन में फ्रेड डैरिंगटन सैंड मास्टर अवार्ड से सम्मानित किया गया।

इस बार की रेत मूर्ति में फलों का उपयोग न केवल सौंदर्य की दृष्टि से आकर्षक था, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति सुदर्शन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। फलों का उपयोग करके उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के महत्व को रेखांकित किया और यह संदेश दिया कि हमें प्रकृति का सम्मान करना चाहिए। मूर्ति को बनाने में उनके छात्रों ने भी सहायता की, जो पुरी में उनके द्वारा संचालित सैंड आर्ट स्कूल में प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस स्कूल में सुदर्शन युवा कलाकारों को रेत कला की बारीकियां सिखाते हैं, ताकि यह कला आगे भी जीवित रहे।

सुदर्शन की इस रचना को देखने के लिए पुरी समुद्र तट पर भारी भीड़ जुटी। स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने कहा, “सुदर्शन जी की कला हर बार कुछ नया लेकर आती है। इस बार फलों से बनी गणेश जी की मूर्ति देखकर मन प्रसन्न हो गया।” एक पर्यटक, शिखा गुप्ता, ने बताया, “मैं पहली बार पुरी आई हूं, और यह मूर्ति देखकर मैं हैरान हूं। इतनी बारीकी और रचनात्मकता देखकर गर्व होता है।” सोशल मीडिया पर भी लोगों ने उनकी तारीफ की। एक एक्स यूजर ने लिखा, “सुदर्शन पटनायक की कला हर बार दिल को छू जाती है। गणेश चतुर्थी पर यह मूर्ति विश्व शांति का संदेश दे रही है।” एक अन्य यूजर ने लिखा, “फलों से सजी यह मूर्ति प्रकृति और भक्ति का अद्भुत संगम है।”

पुरी में गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों में गणेश की मूर्तियां स्थापित करते हैं, और सामुदायिक पंडालों में भव्य आयोजन किए जाते हैं। सुदर्शन की रेत कला इस उत्सव का हिस्सा बनकर इसे और खास बना देती है। उनकी कला न केवल धार्मिक भावनाओं को व्यक्त करती है, बल्कि सामाजिक जागरूकता भी फैलाती है। उन्होंने पहले भी पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, और सामाजिक मुद्दों पर रेत कला के माध्यम से संदेश दिए हैं। 2017 में वह पुरी के बंकीमुहान समुद्र तट पर प्रदूषण के खिलाफ धरने पर बैठे थे, जिसके बाद प्रशासन ने सफाई अभियान शुरू किया था।

इस आयोजन के दौरान पुरी समुद्र तट पर सुरक्षा के लिए पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई थी। ओडिशा पर्यटन विभाग भी सुदर्शन की कला को बढ़ावा देता है, और हर साल दिसंबर में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय सैंड आर्ट फेस्टिवल में सुदर्शन को ब्रांड एंबेसडर बनाया जाता है। इस फेस्टिवल में देश-विदेश के कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, और सुदर्शन की रचनाएं हमेशा मुख्य आकर्षण रहती हैं।

Also REad- हैदराबाद में गणेश चतुर्थी 2025- उप्पुगुड़ा की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ थीम वाली गणेश प्रतिमा, भारतीय सेना को समर्पित।

View this post on Instagram

A post shared by Aaj Tak (@aajtak)

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow

INA News_Admin आई.एन. ए. न्यूज़ (INA NEWS) initiate news agency भारत में सबसे तेजी से बढ़ती हुई हिंदी समाचार एजेंसी है, 2017 से एक बड़ा सफर तय करके आज आप सभी के बीच एक पहचान बना सकी है| हमारा प्रयास यही है कि अपने पाठक तक सच और सही जानकारी पहुंचाएं जिसमें सही और समय का ख़ास महत्व है।