लेटरल एंट्री के खिलाफ राहुल गांधी का बयान- संविधान को नष्ट कर रहा भाजपा का रामराज्य

Aug 20, 2024 - 01:11
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लेटरल एंट्री के खिलाफ राहुल गांधी का बयान- संविधान को नष्ट कर रहा भाजपा का रामराज्य

नई दिल्ली।
सोमवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लैटरल एंट्री विवाद पर भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि कमजोर वर्गों के लिए निर्धारित पद अब आरएसएस के लोगों को मिलेंगे। राहुल ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारियों की भर्ती के लिए लेटरल एंट्री दलितों ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। उन्होंने भाजपा पर बहुजनों से आरक्षण छीनने का आरोप लगाया। केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के प्रमुख पदों पर ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये जल्द ही 45 विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने के फैसले को लेकर खूब सियासी बयानबाजी चल रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सरकार के इस फैसले को ओबीसी, एससी, एसटी आरक्षण के खिलाफ बताया। वहीं, सोमवार को एक बार फिर राहुल गांधी ने इस मामले को लेकर सरकार की आलोचना की है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा," लैटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। भाजपा का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करने और बहुजनों से आरक्षण छीनने का प्रयास करता है।" इससे पहले राहुल गांधी ने पोस्ट में लिखा था," नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।'


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार ने कुछ विशिष्ट पदों पर उनकी उपयोगिता के अनुसार विशेषज्ञों को नियुक्त करने के लिए लेटरल एंट्री की व्यवस्था की थी, लेकिन मोदी सरकार ने दलितों, आदिवासियों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों को छीनने के लिए इसका प्रविधान किया है। ये आरक्षण छीनकर संविधान को बदलने का भाजपाई चक्रव्यूह है। 

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अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा पिछले दरवाजे से अपनी विचारधारा के लोगों को यूपीएससी के उच्च पदों पर बैठाने का षडयंत्र रच रही है। यह सारी चाल पीडीए से उसका आरक्षण व अधिकार छीनने की है।
दरअसल संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने लेटरल एंट्री के माध्यम से 45 विशेषज्ञों की भर्ती का शनिवार को विज्ञापन निकाला है। इनके तहत विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उपसचिव जैसे प्रमुख पदों पर नियुक्ति की जानी है। लेटरल एंट्री का मतलब निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों की सीधी भर्ती से है। इसके माध्यम से केंद्र सरकार के मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के पदों की भर्ती की जाती है।

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