लखनऊ न्यूज़: प्रशासन की अनदेखी से खुले पड़े मौत के गड्ढे- बीकेटी तहसील क्षेत्र में जमकर हो रहा पीली मिट्टी का अवैध खनन।

- सरकारी कार्यों के नाम पर बीकेटी तहसील क्षेत्र में जमकर हो रहा पीली मिट्टी का अवैध खनन
लखनऊ। बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र में आउटर रिंग रोड व अन्य सरकारी कार्यों के लिए बौरुमऊ, पश्चिम गांव,भौली,संसारपुर,रैथा,मिर्जापुर,धिनोहरी,दिगोई,शिवपुरी सहित तकरीबन दो दर्जन से अधिक गावों में पीली मिट्टी की निर्धारित मानकों से अधिक खुदाई से बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। बारिश का पानी भरने से अब ये गड्ढे खतरनाक हो जाएंगे।
अवैध खनन के चलते तहसील भर में जगह जगह गहरे गड्ढे और खंतियां हर साल खतरनाक साबित होती हैं। वर्षा होने के बाद अब यह गड्ढे पानी से भरना शुरू हो गए है, जो अब कुछ ही दिन में लबालब जाएंगे। वहीं तेज धूप खिलते ही कई फीट गहरे इन गड्ढों में बच्चे नहाने उतरेंगे। क्योंकि इन गड्ढों के आसपास सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। हर साल बरसात के बाद खतरा बना रहता है, लेकिन इस ओर न तो प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही जमीन मालिक। जबकि बारिश के मौसम में 15 से 20 फिट के यह गहरे गड्ढे पानी से भरना शुरू हो जाएंगे।
मालूम हो कि आउटर रिंग रोड एवं शासकीय कार्यों के नाम पर तहसील क्षेत्र में जगह जगह खनन माफियाओं ने नियम विरुद्ध खुदाई कर दी है। इसके बाद इन स्थानों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में अब बरसात का पानी भरना शुरू हो जाएगा , जिसमें लोगों के गिरने का खतरा भी बना जाएगा , वहीं इनके भरते ही स्कूलों सहित आसपास के बच्चे इन गड्ढों में नहाने उतर जाते हैं।
उन्हें पता ही नहीं होता कि ये कि इतने गहरे हैं। यही कारण है कि वर्षा के समय पानी से भरे यह गड्ढे जानलेवा साबित होते हैं। इसको लेकर प्रशासन को तो अलर्ट करना ही चाहिए। साथ ही जमीन मालिक को आसपास तार फैंसिंग के अलावा अन्य इंतजाम करना चाहिए, जिससे बच्चे ऐसे गड्ढों में न नहाए, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।वहीं खनिज विभाग भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।जिससे पानी से भरे हुए इन गड्ढों में छोटे-छोटे बच्चे बे रोक टोक नहाने पहुंचते हैं, जिससे कभी भी हादसे हो सकते हैं।फिलहाल मौजूदा समय में मौत के इन गड्ढों से लोगों को जानमाल का खतरा बना हुआ है।
गड्ढों में डूबने से जा चुकी हैं कई जान
कुछ साल पहले बीकेटी तहसील मुख्यालय से चंद कदमों की दूरी पर स्थित बन्नौर गांव इन किनारे खनन किये गये लगभग 20 से 25 फिट के गड्ढे में बरसात का पानी भर गया था।अपनी मौत से अंजान बन्नौर गांव के बच्चे इस मौत के गड्ढे में नहाने उतर गए,और गड्ढे की गहराई से अंजान बच्चों की गड्ढे में डूबने से मौत हो गई। वहीं इस तरह के गड्ढों में डूबने से तीन साल पहले भी लखनऊ के कई इलाकों में बच्चों की मौत हो चुकी है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत यदि आकस्मिक रूप से किसी व्यक्ति की डूबने से मौत हो जाती है, तो पीड़ित पक्ष को शासन से मुआवजे का प्रविधान है। इसके लिए कलेक्टर कार्यालय में आवदेन करना होता है, वहीं जिनकी खदाने इस प्रकार से नियमों का उल्लंघन करती हैं, तो सुरक्षा की संपूर्ण जबावदारी पट्टाधारी की होती है।
घटना के बाद उनकी खदान का पट्टा निरस्त किए जाने का प्रविधान है तथा उनके विरुद्ध धारा 304 ए भादसं के तहत अपराध दर्ज करने का भी प्रविधान है, वहीं अवैध उत्खनन है तो गौण खनिज नियम में जुर्माने का प्रविधान है। यदि खुली जगह में शासकीय भूमि पर गड्ढे हैं, तो उसमें सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है।
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