स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा भगोड़ा घोषित

अदालत में पेश न होने पर कोर्ट ने जारी किया आदेश, जप्त हो सकती है संपत्ति
लखनऊ।
पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित करार दिया है। संघमित्रा पर आरोप है कि उन्होंने अपने पहले पति को बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली। मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा को भगोड़ा घोषित कर दिया। एक अन्य आपराधिक मामले को लेकर एमपी एमएलए कोर्ट ने उन पर कोर्ट में पेश न होने की बात कही है। दोनों को कई बार समन जारी किया गया लेकिन वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। संघमित्रा ने दीपक स्वर्णकार नाम के व्यक्ति से दूसरी शादी की। वहीं दीपक स्वर्णकार का कहना है कि संघमित्रा से उनकी शादी हो चुकी है लेकिन अब वह इससे इनकार कर रही हैं। दीपक ने स्वामी प्रसाद मौर्य, उनकी बेटी संघमित्रा सहित पांच लोगों पर गाली गलौज, मारपीट करने, साजिश रचने और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कराया था। इन मामलों की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए कोर्ट ने दोनों को कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया था। पेश न होने की स्थिति में कोर्ट ने दोनों को भगोड़ा घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने इस मामले को लेकर उन्हें तीन बार समान दो बार जमानती वारंट और एक बार गैर जमानती वारंट भी जारी किया था।
इसे भी पढ़ें - पूजा खेड़कर की मां की पुलिस हिरासत 2 दिन और बढ़ी
बता दें कि यदि किसी आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाता है और वह आरोपी समान जारी होने के बावजूद भी वह पेश नहीं होता है तो उसे भगोड़ा घोषित कर दिया जाता है। आलोक वर्मा की कोर्ट ने लखनऊ के गोल्फ सिटी निवासी पत्रकार दीपक कुमार स्वर्णकार और बीजेपी की पूर्व सांसद संघमित्रा मौर्य से जुड़े विवादित मामले में यह आदेश जारी किया है। हालांकि इससे पहले अपने बचाव के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य एमपी एमएलए कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट भी गए थे। जहां जज जसप्रीत सिंह की अदालत ने मौर्य को कड़ी फटकार लगाई थी और कहा था कि एमपी एमएलए कोर्ट के पास उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं इसलिए उन्हें वापस एमपी एमएलए कोर्ट ही जाना होगा लेकिन इसके बावजूद भी मौर्य परिवार हाई कोर्ट को दोषी मानते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था लेकिन वहां भी इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया। दूसरी तरफ दीपक सरकार की ओर से उनके अधिवक्ता रोहित कुमार त्रिपाठी और राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है की कोर्ट की तरफ से न्याय मिलेगा। अब देखना यह है कि एमपी एमएलए कोर्ट की अगली कार्रवाई क्या होती है।
What's Your Reaction?






