दोस्ती का अनोखा रंग- अस्पताल में भर्ती मरीज को ड्रिप के साथ बाइक पर घुमाने ले गए दोस्त, वीडियो वायरल।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अनोखी और हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो दोस्तों ने अपने बीमार साथी को, जो अस्पताल में ड्रिप पर था, बाइक पर बैठाकर सड़क पर घुमाया। यह घटना
मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक अनोखी और हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो दोस्तों ने अपने बीमार साथी को, जो अस्पताल में ड्रिप पर था, बाइक पर बैठाकर सड़क पर घुमाया। यह घटना ग्वालियर के नाका चंद्रवदनी क्षेत्र में गुरुवार को हुई। 16 सेकेंड का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें तीन युवक बाइक पर नजर आ रहे हैं। बीच में बैठा मरीज ड्रिप लगाए हुए है, जबकि पीछे बैठा उसका दोस्त ड्रिप की बोतल पकड़े हुए है। इस वीडियो ने लोगों को हैरान करने के साथ-साथ दोस्ती की मिसाल भी पेश की है, लेकिन सड़क सुरक्षा और अस्पताल नियमों को लेकर सवाल भी खड़े कर दिए हैं।
जानकारी के अनुसार, यह घटना झांसी रोड थाना क्षेत्र के नाका चंद्रवदनी इलाके में हुई। वीडियो में दिख रहा है कि तीन युवक एक बाइक पर सवार हैं। सामने बाइक चला रहा युवक हंसते-मुस्कुराते हुए गाड़ी चला रहा है, बीच में बीमार दोस्त बैठा है, जिसके हाथ में ड्रिप लगी हुई है, और पीछे बैठा तीसरा युवक ड्रिप की बोतल को सावधानी से पकड़े हुए है। बताया जा रहा है कि अस्पताल में भर्ती मरीज ने अपने दोस्तों को फोन करके बुलाया था, क्योंकि वह कुछ देर के लिए बाहर घूमना चाहता था। इसके बाद उसके दोस्त उसे बाइक पर बैठाकर सड़क पर थोड़ी देर के लिए ले गए और फिर सुरक्षित वापस अस्पताल लौट आए। यह पूरी घटना किसी राहगीर ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर ली, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, नाका चंद्रवदनी क्षेत्र में यह घटना संभागीय कमिश्नर कार्यालय के पास हुई। वीडियो में दिख रहा है कि बाइक सवार रात के समय सड़क पर चक्कर लगा रहे हैं। गनीमत रही कि इस दौरान कोई हादसा नहीं हुआ, लेकिन इस हरकत ने सड़क पर मौजूद अन्य लोगों को हैरान कर दिया। कुछ लोगों ने इसे दोस्ती की अनोखी मिसाल बताया, तो कुछ ने इसे लापरवाही और जोखिम भरा कदम करार दिया। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि इस तरह की हरकतें सड़क पर खतरा पैदा कर सकती हैं, खासकर जब मरीज की हालत नाजुक हो और उसे ड्रिप लगी हो।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को लेकर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोग इसे दोस्ती का जज्बा बता रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह सच्ची दोस्ती की मिसाल है, जो अपने दोस्त की इच्छा पूरी करने के लिए इतना जोखिम ले सकता है।” एक अन्य यूजर ने इसे “दोस्ताना” जैसी फिल्मों की याद दिलाने वाला बताया। हालांकि, कई लोगों ने इसकी आलोचना भी की है। एक यूजर ने लिखा, “यह मजाक नहीं, बल्कि मरीज की जान के साथ खिलवाड़ है। उसे बैठने की स्थिति में नहीं होना चाहिए, इससे उसकी हालत बिगड़ सकती है।” एक अन्य यूजर ने सवाल उठाया, “क्या ट्रैफिक पुलिस अपना काम करेगी, या नैतिक आधार पर इसे नजरअंदाज कर दिया जाएगा?” इन प्रतिक्रियाओं से साफ है कि यह वीडियो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
पुलिस ने इस वीडियो के वायरल होने के बाद मामले को गंभीरता से लिया है। झांसी रोड थाना प्रभारी ने बताया कि वे इस वीडियो की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बाइक के नंबर और चालक की पहचान करने के लिए सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों की जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि मरीज को इस तरह अस्पताल से बाहर ले जाना और सड़क पर बाइक चलाना न केवल ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मरीज की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत कार्रवाई की जा सकती है। साथ ही, पुलिस ने अस्पताल प्रशासन से भी इस मामले में जानकारी मांगी है कि मरीज को बिना अनुमति के बाहर ले जाने की अनुमति कैसे दी गई।
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना पर आश्चर्य जताया है और कहा है कि वे इसकी जांच कर रहे हैं। एक अस्पताल कर्मचारी ने बताया कि मरीज को बिना डॉक्टर की अनुमति के बाहर ले जाना अस्पताल नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि इस तरह की लापरवाही को रोकने के लिए अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। यह भी बताया गया कि मरीज की हालत स्थिर थी, लेकिन उसे ड्रिप पर रखा गया था, जिसका मतलब है कि उसे चिकित्सा निगरानी में रहना चाहिए था।
यह घटना ग्वालियर में सड़क सुरक्षा और अस्पताल नियमों को लेकर कई सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की हरकतें न केवल मरीज की जान को खतरे में डालती हैं, बल्कि सड़क पर अन्य लोगों के लिए भी जोखिम पैदा करती हैं। एक ट्रैफिक विशेषज्ञ ने बताया कि ड्रिप के साथ मरीज को बाइक पर ले जाना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि चिकित्सकीय दृष्टिकोण से भी गलत है। उन्होंने सुझाव दिया कि अस्पतालों को अपने मरीजों की निगरानी के लिए सख्त नियम लागू करने चाहिए और ट्रैफिक पुलिस को सड़क पर इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए।
स्थानीय लोगों ने मांग की है कि नाका चंद्रवदनी जैसे व्यस्त इलाकों में ट्रैफिक पुलिस की गश्त बढ़ाई जाए। एक दुकानदार ने बताया कि इस क्षेत्र में अक्सर बाइक सवार तेज रफ्तार में गाड़ी चलाते हैं, जिससे हादसों का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी को दर्शाती हैं। लोग चाहते हैं कि प्रशासन इस मामले में सख्त कार्रवाई करे, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।
यह घटना पहले भी हुई कुछ अन्य घटनाओं की याद दिलाती है। कुछ महीने पहले उत्तर प्रदेश के एक शहर में एक युवक ने अपने बीमार रिश्तेदार को स्कूटर पर ले जाते समय ड्रिप की बोतल पकड़ी थी, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। इन घटनाओं से साफ है कि लोग दोस्ती और भावनाओं में बहकर कभी-कभी ऐसे कदम उठा लेते हैं, जो जोखिम भरे होते हैं।
सोशल मीडिया पर इस वीडियो ने लोगों को भावुक भी किया है। कई लोगों ने इसे दोस्ती की सच्ची मिसाल बताया, जो मुश्किल समय में अपने दोस्त का साथ देती है। एक यूजर ने लिखा, “यह वीडियो दिखाता है कि सच्चे दोस्त मुश्किल में भी साथ नहीं छोड़ते।” हालांकि, ज्यादातर लोग इस बात पर सहमत हैं कि इस तरह की हरकतों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह मरीज की जान को खतरे में डाल सकता है।
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