'पता नहीं कहां के आकड़े ले आए, खुद की उतरी नहीं होगी रात की', CM डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के शराब पीने वाले जीतू पटवारी के बयान पर पलटवार किया।

Politics: मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं और राज्य

Aug 29, 2025 - 12:27
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'पता नहीं कहां के आकड़े ले आए, खुद की उतरी नहीं होगी रात की', CM डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के शराब पीने वाले जीतू पटवारी के बयान पर पलटवार किया।
'पता नहीं कहां के आकड़े ले आए, खुद की उतरी नहीं होगी रात की', CM डॉ. मोहन यादव ने महिलाओं के शराब पीने वाले जीतू पटवारी के बयान पर पलटवार किया।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं और राज्य में नशे की समस्या चरम पर है। इस बयान पर मंगलवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे राज्य की महिलाओं का अपमान बताया। उन्होंने कहा, “पता नहीं कहां के आंकड़े ले आए, खुद की उतरी नहीं होगी रात की।” सीएम ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से माफी मांगने और पटवारी को उनके पद से हटाने की मांग की।

यह विवाद सोमवार को भोपाल में जीतू पटवारी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस से शुरू हुआ। उन्होंने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मध्य प्रदेश की महिलाएं देश में सबसे ज्यादा शराब पीती हैं। लाड़ली बहना योजना के नाम पर वोट लिए गए, लेकिन अब यही महिलाएं सबसे ज्यादा नशा कर रही हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि मध्य प्रदेश में शराब की खपत देश में सबसे ज्यादा है और नशे की तस्करी में भी राज्य ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर नशे की समस्या को नियंत्रित करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “अगर आपका बेटा बेरोजगार है और नशे की हालत में घर लौटता है, तो इसके लिए बीजेपी, शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव जिम्मेदार हैं।”

पटवारी के इस बयान पर बीजेपी ने तुरंत पलटवार किया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जबलपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह बयान मध्य प्रदेश की महिलाओं का अपमान है। उन्होंने इसे कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता का प्रतीक बताया और कहा, “कांग्रेस ने लाड़ली बहनों को शराबी कहकर आधी आबादी का अपमान किया है। यह हरतालिका तीज जैसे पवित्र पर्व के दिन अस्वीकार्य है। लोग इस अपमान का जवाब देंगे।” यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मांग की कि वे इस बयान के लिए माफी मांगें और पटवारी को उनके पद से हटाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, और बीजेपी सरकार ने उनके लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं, जैसे लाड़ली लक्ष्मी और लाड़ली बहना योजना।

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने भी पटवारी के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि यह बयान कांग्रेस की महिला विरोधी सोच को दर्शाता है। त्रिवेदी ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि मध्य प्रदेश में केवल 1.6 प्रतिशत महिलाएं शराब का सेवन करती हैं, जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश (26 प्रतिशत) और सिक्किम (16.2 प्रतिशत) जैसे राज्यों में महिलाओं की शराब खपत कहीं ज्यादा है। त्रिवेदी ने यह भी बताया कि एक अंग्रेजी अखबार की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना के ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की खपत सबसे ज्यादा है। उन्होंने पटवारी के दावों को गलत और आधारहीन बताया।

मध्य प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने भी इस बयान को महिलाओं और भारतीय संस्कृति का अपमान बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “हरतालिका तीज के दिन जब करोड़ों महिलाएं श्रद्धा से व्रत रख रही थीं, तब पटवारी का महिलाओं को शराबी कहना निंदनीय है।” इसके अलावा, बीजेपी विधायक रमेश्वर शर्मा और महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने भी पटवारी के बयान की आलोचना की और माफी की मांग की। शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की हैं, और यह बयान उनकी मानसिकता को दर्शाता है।

पटवारी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी हंगामा मच गया। कुछ लोगों ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि वे बीजेपी सरकार की नाकामियों को सामने लाने की कोशिश कर रहे थे। एक यूजर ने लिखा, “पटवारी ने सिर्फ तथ्यों के आधार पर बात की है। बीजेपी को जवाब देना चाहिए कि नशे की समस्या क्यों बढ़ रही है।” हालांकि, ज्यादातर लोगों ने इस बयान को महिलाओं का अपमान बताया। एक यूजर ने लिखा, “महिलाओं को इस तरह शराब से जोड़ना गलत है। यह निंदनीय और शर्मनाक है।” महिलाओं के संगठनों ने भी इस बयान की निंदा की और कहा कि नेताओं को संवेदनशील मुद्दों पर बोलते समय जिम्मेदारी बरतनी चाहिए।

वहीं, कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पटवारी का यह बयान कांग्रेस के लिए उल्टा पड़ सकता है, खासकर तब जब राज्य में महिलाओं के वोट महत्वपूर्ण हैं। बीजेपी इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रही है और इसे कांग्रेस की महिला विरोधी छवि के रूप में पेश कर रही है। बीजेपी प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, “पटवारी ने महिलाओं को शराबी कहकर अपमान किया है। उन्हें अपने बयान का आधार बताना चाहिए, वरना माफी मांगनी चाहिए।”

पटवारी ने इस विवाद पर अभी तक कोई स्पष्टीकरण या माफी नहीं दी है। हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं ने निजी तौर पर कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने बताया कि पटवारी का मकसद बीजेपी सरकार की नाकामियों को सामने लाना था, लेकिन उनके शब्दों का चयन गलत हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर जल्द ही कोई आधिकारिक बयान जारी कर सकती है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के आंकड़े पटवारी के दावों का खंडन करते हैं। आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में महिलाओं की शराब खपत अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के बयान बिना तथ्यों के देना राजनीतिक रूप से नुकसानदायक हो सकता है। एक राजनीतिक विश्लेषक ने बताया कि मध्य प्रदेश में लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं के बीच बीजेपी की लोकप्रियता बढ़ाई है, और इस तरह के बयान कांग्रेस की छवि को और खराब कर सकते हैं।

इस घटना ने मध्य प्रदेश की सियासत में एक नया मोड़ ला दिया है। बीजेपी इसे महिलाओं के सम्मान का मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला बोल रही है, जबकि कांग्रेस इस मामले को बीजेपी की नाकामियों की ओर मोड़ने की कोशिश कर रही है। लोग इस बात पर नजर रखे हुए हैं कि क्या पटवारी अपने बयान पर माफी मांगेंगे या इस विवाद को और बढ़ाएंगे। फिलहाल, यह बयान मध्य प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है और आने वाले दिनों में सियासी गलियारों में इसकी गूंज सुनाई दे सकती है।

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