Agra News: आगरा में मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर काव्यमयी अहिल्योत्सव का भव्य आयोजन
मुख्य वक्ता कवि सम्राट डॉ. राजेंद्र मिलन ने मल्हार विधा में अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और कृतित्व का गुणगान किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की ....

By INA News Agra.
आगरा : मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती की पूर्व संध्या पर देवनागरी संस्था और राष्ट्रीय कवि संगम के अंतर्गत ठलुआ क्लब, आगरा के संयुक्त तत्वाधान में एक भव्य काव्यमयी अहिल्योत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कवियों, साहित्यकारों और गणमान्य व्यक्तियों ने अहिल्याबाई के व्यक्तित्व, कृतित्व और नारी सशक्तीकरण में उनके योगदान को काव्य और उदबोधन के माध्यम से याद किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ संस्कार भारती, आगरा के जनक राज बहादुर राज द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। अपने उदबोधन में उन्होंने कहा, “वर्तमान में नारी सशक्तीकरण की जो उपलब्धियां हैं, वे मातेश्वरी अहिल्याबाई के योगदान की देन हैं। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व आज भी प्रेरणा का स्रोत है।”
मुख्य अतिथि प्रख्यात कवयित्री डॉ. मधु भारद्वाज ने अहिल्याबाई के जीवन और कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा,
“भारत की शक्ति लेकर बनी वह ज्योतिपुंज,
महादेव की भक्ति कर बनी वह शक्ति पुंज।”
उनके इस काव्यात्मक उदबोधन ने भारत की अस्मिता को पुनर्स्थापित करने वाली अहिल्याबाई की महानता को रेखांकित किया।
मुख्य वक्ता कवि सम्राट डॉ. राजेंद्र मिलन ने मल्हार विधा में अहिल्याबाई के व्यक्तित्व और कृतित्व का गुणगान किया, जिसने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही आदर्श शिक्षिका रूबी शाक्या ने अपने प्रेरक वक्तव्य से नारी शक्ति में जोश भरा और अहिल्याबाई को नारी सशक्तीकरण की प्रतीक बताया। विशिष्ट अतिथि ब्रज बिहारी लाल बिरजू ने ब्रज भाषा में काव्य पाठ करते हुए कहा, “अमृत रस बरस रहयौ है अहिल्या के देश में,” जिसने उपस्थित लोगों में उत्साह का संचार किया।
इस अवसर पर बाल कवि गायत्री शर्मा को उनके साहित्यिक योगदान के लिए अहिल्या रत्न से सम्मानित किया गया। यह सम्मान युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रहा।
कार्यक्रम में डॉ. यशोयश, गया प्रसाद मौर्य रजत, निशिराज जैन, डॉ. शेषपाल सिंह शेष, राजीव शर्मा निस्पृह, प्रभुदत्त उपाध्याय, आचार्य निर्मल, उमाशंकर आचार्य, चारू मित्रा, अनुपमा दीक्षित, इंदल सिंह इंदु और राकेश निर्मल जैसे कवियों ने जोशपूर्ण काव्य पाठ के साथ अहिल्योत्सव को यादगार बनाया। प्रत्येक प्रस्तुति में अहिल्याबाई के योगदान और नारी शक्ति की महिमा को उजागर किया गया।कार्यक्रम के आयोजक वरिष्ठ कवि गया प्रसाद मौर्य ने सभी अतिथियों और कवियों का आतिथ्य सत्कार कर आभार व्यक्त किया। कवि डॉ. यशोयश ने कुशल संचालन के साथ अहिल्योत्सव में भावांजलि अर्पित की, जिसने कार्यक्रम को और प्रभावशाली बनाया।
यह आयोजन न केवल मातेश्वरी अहिल्याबाई होल्कर के ऐतिहासिक योगदान को स्मरण करने का अवसर था, बल्कि नारी सशक्तीकरण और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने का भी एक मंच साबित हुआ। अहिल्याबाई की विरासत को काव्य और साहित्य के माध्यम से जीवंत करने वाला यह कार्यक्रम आगरा के साहित्यिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण पड़ाव रहा।
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