Madhya Pradesh News: आक्रोशित स्थाईकर्मी बोले, आठ साल से इंतजार, अब और नहीं सहेंगे अन्याय।
सैकड़ों कर्मचारियों ने सागौन बगीचे से कलेक्ट्रेट तक निकाली रैली, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन....

शशांक सोनकपुरिया, बैतूल मध्यप्रदेश
- आठ सूत्रीय मांगों के लिए सागौन बगीचे से वन वृत कार्यालय तक रैली निकाल किया प्रदर्शन
मध्यप्रदेश के बैतूल में स्थाईकर्मी कल्याण संघ ने अपनी लंबित समस्याओं और मांगों को लेकर सागौन बगीचे से वन वृत तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष लक्ष्मण बुंदेले के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम सिसीएफ कार्यालय पहुँचकर आठ सूत्रीय मांगो का ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्थाईकर्मियों, वन सुरक्षा श्रमिकों और अंशकालीन कर्मचारियों की समस्याओं के शीघ्र समाधान की मांग की गई।
ज्ञापन में बताया गया कि जिले में 8 वर्षों से स्थाईकर्मियों और अंशकालीन कर्मचारियों का नियमितिकरण लंबित है, जबकि अन्य जिलों जैसे विदिशा, रायसेन, सिवनी और छिंदवाड़ा में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संगठन ने मांग की कि समस्त विभागों में चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर स्थाईकर्मियों को नियुक्त किया जाए और सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए। साथ ही, चिकित्सा सुविधा, चिकित्सा अवकाश, अर्जित अवकाश, अनुकंपा नियुक्ति और पेंशन की पात्रता सुनिश्चित की जाए।
वन सुरक्षा श्रमिकों ने आरोप लगाया कि उन्हें न्यूनतम वेतन दर के अनुसार भुगतान नहीं किया जा रहा। पूर्व में 7,500 रुपये वेतन मिलता था, जो अब घटकर 3 हजार से 6 हजार तक रुपये रह गया है। श्रमिकों ने मांग की कि श्रमायुक्त द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन दर से भुगतान किया जाए और माह में पूरे 30 दिन का वेतन सुनिश्चित किया जाए। ज्ञापन में वनवृत्त बैतूल से जुड़ी समस्याओं का भी उल्लेख किया गया। 1988 के पूर्व के दैनिक वेतनभोगियों का अप्रैल 1999 में नियमितिकरण हुआ था।
लेकिन दिवंगत विजय सोनी जैसे कर्मचारियों का नियमितिकरण न होने के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी। सोनी ने आत्महत्या कर ली, जिसके बाद उनके परिवार को कोई सहायता नहीं मिली। संगठन ने उनके बेटे संजय सोनी को दैनिक वेतन पर नियुक्ति और परिवार को ग्रेच्युटी तथा अन्य सहायता राशि देने की मांग की। इसके अलावा, कृष्णा वाड़बुदे, स्थाईकर्मी, दक्षिण वन मंडल के सेवा पृथक्कीकरण को षड्यंत्रपूर्ण बताते हुए बहाली की मांग की गई।
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