Lucknow: बुलडोजर बाबा ने बदला नजारा- जहाँ चुनौती देता था अपराधी, वहाँ बस गए ईडब्ल्यूएस परिवार।
लखनऊ के सबसे पॉश इलाके डालीबाग में पुलिस महानिदेशक (DGP) आवास के ठीक सामने कभी कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का
लखनऊ के सबसे पॉश इलाके डालीबाग में पुलिस महानिदेशक (DGP) आवास के ठीक सामने कभी कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी का आलीशान महल खड़ा था, जो उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को खुलेआम चुनौती देता था। 2017 से पहले तक यह नजारा आम था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही यह तस्वीर हमेशा के लिए बदल गई।
31 जनवरी 2020 की शाम की बात है। तत्कालीन डीजीपी ओ.पी. सिंह के रिटायरमेंट के मौके पर पुलिस लाइन में चाय पार्टी रखी गई थी। अचानक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वहाँ पहुँचे। विदाई के बाद डीजीपी उन्हें गाड़ी तक छोड़ने आए तो सामने की भव्य बिल्डिंग पर नजर पड़ी। पूछने पर पता चला कि यह मुख्तार अंसारी का महल है। मुख्यमंत्री चुपचाप उसे देखते रहे और गाड़ी में बैठ गए। लोकभवन पहुँचते ही उन्होंने चीफ सेक्रेटरी को तलब किया और 24 घंटे में उस भवन की पूरी फाइल माँगी। जांच में खुलासा हुआ कि 2321 वर्ग मीटर की यह जमीन “शत्रु संपत्ति” (Enemy Property) है, जिस पर मुख्तार ने फर्जी कागजात से कब्जा कर रखा था।बस, फिर क्या था। योगी आदित्यनाथ ने तुरंत भवन ध्वस्त करने का आदेश दे दिया। अधिकारी हक्के-बक्के रह गए।
जिस मुख्तार अंसारी के आगे पहले डीजीपी-मुख्यमंत्री भी नतमस्तक रहते थे, उसके महल को डीजीपी हाउस के सामने गिराने की हिम्मत कोई नहीं जुटा पाता था। बहाने बनने शुरू हुए – “सर, यह आरसीसी की बहुत मजबूत बिल्डिंग है, बुलडोजर से नहीं गिरेगी।”मुख्यमंत्री अडिग रहे। बोले, “चाहे डायनामाइट लगाओ, अत्याधुनिक तकनीक इस्तेमाल करो, लेकिन यह भवन मिट्टी में मिलना चाहिए। खर्चा भी मुख्तार से ही वसूला जाए।”मुख्तार कोर्ट भागा।
कोविड काल में भी रात में सुनवाई हुई, लेकिन एक दिन अचानक सरकार ने कोर्ट को बता दिया – “महोदय, भवन पहले ही ध्वस्त किया जा चुका है, अब वहाँ सिर्फ मलवा है।” फाइल बंद हो गई। इसके बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने योगी के निर्देश पर उस जगह “सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना” शुरू की। 2321 वर्ग मीटर जमीन पर भगवा रंग के 72 ईडब्ल्यूएस फ्लैट बनाए गए। कई चाबियाँ खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीब परिवारों को सौंपी।जहाँ कभी माफिया की गाड़ियाँ और हथियारों का प्रदर्शन होता था, आज वहाँ देश के सबसे कमजोर तबके के लोग हँसते-बसते हैं।
यही है बुलडोजर बाबा का न्याय – अपराधी के अहंकार को मिट्टी में मिलाकर उसी मिट्टी पर गरीबों का आशियाना खड़ा कर देना।प्रयागराज में अतीक अहमद की अवैध संपत्तियों पर भी इसी तरह गरीबों के लिए घर बनवाए गए। योगी आदित्यनाथ ने साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर सिर्फ सजा नहीं, गरीबों के हक की बहाली का हथियार भी है।
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